कैसी रहेगी दिसंबर से लेकर जनवरी तक की ठंड?

कैसी रहेगी दिसंबर से लेकर जनवरी तक की ठंड?

ला नीना’ का असर दिसंबर के पहले सप्ताह में दिखने लगेगा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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दिल्ली एनसीआर में जब से नवंबर शुरू हुआ है तब से लगातार कहा जा रहा है कि इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ेगी. लोग कंबल और रजाई निकाल लें और सर्दी इस बार कई साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी. यह भी कहा जा रहा है कि शीतलहर इस बार दिल्ली एनसीआर में जल्दी दस्तक दे देगी.
इन तमाम सवालों के बीच आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर में नवंबर के महीने में 3 दिन पहले 8.7 डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. रात में लगातार ठंड होती जा रही है, जबकि दिन के वक्त धूप निकल रही है. ऐसे में लोग कंफ्यूज हो रहे हैं, कि इस बार सर्दी आखिर कैसे पड़ेगी. इस पर मौसम वैज्ञानिक ने नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक का मौसम का पूर्वानुमान जारी कर दिया है, जिसे दिल्ली एनसीआर के लोगों को जरूर पढ़ना चाहिए.
स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. जीपी शर्मा ने बताया कि नवंबर के महीने में शीतलहर नहीं चलेगी. 2021, 2022, 2023 और 2024 में भी नवंबर के महीने में शीतलहर नहीं चली थी. सिर्फ 2020 में नवंबर के महीने में शीतलहर चली थी क्योंकि तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था. फिलहाल इस बार नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान आज से लेकर आने वाले कुछ दिनों तक 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर 11 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का पूर्वानुमान है. ऐसे में नवंबर में तो शीतलहर नहीं चलेगी.
कैसी रहेगी दिसंबर से लेकर जनवरी तक की ठंड
स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. जीपी शर्मा ने बताया कि इस बार लगातार कहा जा रहा है कि सर्दी बहुत कड़ाके की पड़ेगी. सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे लेकिन हमारा यह पूर्वानुमान है कि ऐसा नहीं होने वाला है. इस बार अभी तक पहाड़ों पर कोई बारिश नहीं हो रही है ना ही कोई बर्फबारी हो रही है.
मौसम लगातार शुष्क बना हुआ है और तो और ला नीना इस बार बेहद कमजोर रहेगा. इसके कमजोर रहने की वजह से जनवरी, दिसंबर और फरवरी में भी बहुत कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ेगी. एक सामान्य सर्दी होगी. कुछ दिनों के लिए बीच में मौसम जरूर बदलेगा जब शीतलहर भी चलेगी और लोगों को अच्छी खासी ठंड का एहसास होगा.
लेकिन दिसंबर, जनवरी और फरवरी यह तीनों महीने बहुत ज्यादा कड़ाके की सर्दी वाले नहीं होने वाले हैं. जो मौसम का पूर्वानुमान नजर आ रहा है उसके मुताबिक सिर्फ कुछ दिनों के लिए बीच में इन तीन माह में ज्यादा ठंड पड़ सकती है जब तापमान भी गिर सकता है लेकिन कड़ाके की सर्दी कहीं से भी इस बार नजर नहीं आ रही है.

इस बार जानलेवा शीतलहर के लिए तैयार रहें। मौसम विज्ञानी कह रहे हैं कि रिकॉर्ड तोड़ सर्दी पड़ेगी। इस अनुमान को पहाड़ों पर अभी से पड़ रही बर्फ के मद्देनजर काफी सटीक माना जा रहा है। विज्ञानियों का कहना है कि ‘ला नीना’ का असर दिसंबर के पहले सप्ताह में दिखने लगेगा। इस साल तापमान में अधिक कमी आएगी। नवंबर माह में ही विशेषकर न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम रहा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चरम पर पहुंच रहे हैं। अधिक बारिश के बाद अक्टूबर से ही पहाड़ों पर अत्यधिक बर्फ जमने लगी है। पूर्वी हवाओं के रुकते ही इसका असर मैदानी हिस्सों में आई शुरुआती सर्दी के रूप में दिखने लगा है। मध्य प्रदेश राजस्थान, उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नवंबर माह में शीतलहर चल रही है। यूपी में शीत लहर की चपेट में आया है। यदि कानपुर को देखें तो यहां इस महीने के 17 दिनों में 11 दिन रात का तापमान 10 डिग्री या इससे नीचे रहा है। इस दौरान केवल दो दिन ही रात का पारा 10 डिग्री रहा है शेष दिवसों में इससे कम रिकॉर्ड किया गया है।

कानपुर की रात इन 10 दिवसों में से सात बार प्रदेश में सबसे ठंडी रही है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 08 डिग्री रिकार्ड किया गया यह प्रदेश में सबसे कम है। मौसम विभाग के अनुसार ला नीना की स्थिति बनने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाली एक ऐसी प्राकृतिक जलवायु घटना है, जिसमें समुद्र तल का तापमान काफी गिर जाता है। इस कारण से विशेष कर उत्तर भारत में अधिक सर्दी पड़ने की संभावना हो जाती है। इस साल ऐसी ही स्थितियां बन रही हैं।

मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि नवंबर के आखिर तक बारिश की संभावनाएं हैं। इसके बाद ला नीना का प्रभाव बढ़ जाएगा। ऐसे में उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ने की प्रबल संभावना है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि नवंबर में न्यूनतम तापमान पिछले 10 दिवसों से सामान्य से कम चल रहा है। इस वर्ष सर्दी अधिक पड़ने की संभावना है लेकिन नवंबर के तीसरे सप्ताह में तापमान बढ़ सकते हैं।

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