Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121 नये वक्फ कानून से संपत्तियों के विवाद कैसे सुलझेंगे? - श्रीनारद मीडिया
नये वक्फ कानून से संपत्तियों के विवाद कैसे सुलझेंगे?
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नया वक्फ कानून लागू हो गया है और नये कानून में वक्फ ट्रिब्युनल के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल करने का अधिकार दिया गया है जो कि वक्फ संपत्तियों के विवादों में मुकदमेबाजी की तस्वीर बदलेगा। अब तक हाईकोर्ट को ट्रिव्यूनल के आदेश की सिर्फ प्रक्रिया भर आंकने का अधिकार था, समीक्षा का नहीं।बहुत से लोग नये वक्फ कानून में हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने के दिए गए अधिकार पर कहते हैं कि पहले भी हाई कोर्ट में रिट दाखिल की जा सकती थी और हाई कोर्ट उस रिट पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्युनल के आदेश को निरस्त कर सकता था, इसलिए इसमें नया क्या है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि रिट और अपील के क्षेत्राधिकार में अंतर है।
90 दिन में हाईकोर्ट में दी जा सकती है चुनौती
इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश एसआर सिंह भी कहते हैं कि रिट पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ट्रिब्युनल में पेश किये गये साक्ष्यों की समीक्षा नहीं कर सकता। वह सिर्फ यह देख सकता है कि ट्रिब्युनल ने आदेश देने में जो प्रक्रिया अपनाई थी वह सही थी कि नहीं। नये कानून में ट्रिब्युनल के आदेश को 90 दिन के भीतर उच्च न्यायालय में अपील दाखिल कर चुनौती दी जा सकती है। जबकि पुराने कानून में ट्रिब्युनल का आदेश अंतिम था उसके खिलाफ अपील दाखिल नहीं की जा सकती थी।
हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर, या बोर्ड द्वारा आवेदन पर अथवा पीड़ित पक्ष की याचिका पर मामलों पर विचार कर सकता था। लेकिन हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई रिट क्षेत्राधिकार में करता। मामले को अपील की तरह नहीं सुन सकता था जो कि अब सुन सकता है। वक्फ कानून में संशोधन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें वक्फ भूमि के दुरुपयोग और दूसरों की संपत्ति का अवैध अधिग्रहण उजागर हुआ।
वक्फ बोर्ड ने पूरे पूरे गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। कुछ उदाहरणों पर नजर डालें तो अगस्त 2024 में बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बिहार के गोविंदपुर में एक पूरे गांव के स्वामित्व का दावा किया जिससे कानूनी लड़ाई हुई। सितंबर 2024 में केरल में लगभग 600 ईसाई परिवारों की पैतृक संपत्ति को वक्फ होने का दावा किया गया और केरल के इन ईसाई परिवारों ने अपनी पैतृक भूमि पर वक्फ बोर्ड के दावे का विरोध किया।
बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से भाजपा की सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बल्ह उपमंडल के नेरचौक व लेदा में विपक्ष पर खासकर कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले बोले हैं। इतना ही नहीं उन्होंने वक्फ बोर्ड को लेकर भी बातचीत की है।
वक्फ के पास इतनी भूमि, कई पाकिस्तान बनेंगे: कंगना रनौत
जनसभा के दौरान कंगना ने कहा कि वक्फ बोर्ड (Waqf Bill) के पास इतनी भूमि है कि उससे कई पाकिस्तान बनाए जा सकते हैं। कांग्रेस ने यह भूमि वक्फ को दे रखी है। इस पार्टी ने वर्षों तक देश को राजनीति की आड़ में दोनों हाथों से लूटा है। कांग्रेस की राजनीति तुष्टीकरण, परिवारवाद व भ्रष्टाचार पर आधारित रही है।
देश की जनता अब जाग चुकी है। आने वाले समय में जनता इन्हें पूरी तरह नकार देगी। 2027 में जब हिमाचल में विधानसभा चुनाव होंगे तो कांग्रेस का प्रदेश से पूरी तरह सफाया हो जाएगा।
‘ जातिवाद करने वालों को जनता नहीं करेगी स्वीकार’
जो लोग जातिवाद के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्हें जनता अब स्वीकार नहीं करेगी। कंगना (Kangana Ranaut News) ने देश की राजनीति के अतीत की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले का दौर बेहद निराशाजनक था। जब टेलीविजन ऑन करते थे, तो केवल घोटालों व भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं।
देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही थी। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने ईमानदारी, विकास और आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी है। विधायक इंद्र सिंह गांधी की मांग पर कंगना ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की।
विक्रमादित्य बताएं अब तक प्रदेश के लिए क्या किया?
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर हमला बोलते हुए कंगना ने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि अब तक उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए क्या काम किया है? वह अभी केवल 10 महीने की सांसद हैं। इस अल्प समय में भी जनता से सीधा संवाद कायम किया है। समस्याओं को संसद में उठाया है। कांग्रेस ने प्रदेश को कर्ज के बोझ में दबा दिया है। बिजली के बिलों से जनता परेशान है। उनके बंद घर का भी एक लाख रुपये बिजली बिल आया है।