मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुझे आतंकी बना दिया गया- साध्वी प्रज्ञा
फिर छह लोगों को किसने मारा- सासंद असदुद्दीन ओवैसी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
NIA की विशेष अदालत ने पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (सेवानिवृत्त) सहित इस मामले के सभी सात मुख्य आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान सामने आया है।
‘मेरा जीवन बर्बाद कर दिया’
एनआईए की विशेष अदालत के फैसले के बाद पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा का बयान सामने आया है। मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद उन्होंने कहा कि मेरा जीवन बर्बाद कर दिया, मुझे अपमानित किया, आतंकी बना दिया।
वहीं, एनआईए कोर्ट में जज को संबोधित करते हुए सांधवी प्रज्ञा सिंह ने कि मैंने शुरू से ही कहा है कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उसके पीछे कोई आधार होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, लेकिन मुझे फंसा दिया गया और मुझ पर आरोप लगा दिया गया, और कोई भी स्वेच्छा से हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ।
मैं इसलिए जिंदा हूं क्योंकि…
मालेगांव मामले में फैसला आने के बाद पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं जीवित हूं क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। उन्होंने एक षड्यंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है, और जो दोषी हैं उन्हें भगवान सजा देंगे। हालांकि, जिन्होंने भारत और भगवा को बदनाम किया, वे आपके द्वारा गलत साबित नहीं हुए हैं।
मामले में फंसाया गया: पुरोहित
वहीं, इस मामले में आरोपी रहे लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है और उन्होंने कहा कि वह पहले की तरह और उसी जोश के साथ देश की सेवा करते रहेंगे।
आगे कहा कि कोई भी जांच एजेंसी गलत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों में काम करने वाले लोग ही गलत होते हैं। यह देश महान है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि गलत लोग न उठें और हम जैसे लोगों को तकलीफ न पहुंचाएं।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अभियोजन पक्ष धमाके की बात तो साबित कर पाया, लेकिन यह सिद्ध नहीं कर सका कि मोटरसाइकिल में बम रखा गया था। अदालत के फैसले के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, “हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता। कांग्रेस ने सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव गढ़ा और निर्दोषों पर फर्जी केस थोपे।”
उन्होंने आगे लिखा, “साफ है कांग्रेस ने एक साजिश रची थी। सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम और सुशीलकुमार शिंदे जैसे नेताओं को सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए। सनातन धर्म पवित्र है। हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। गर्व से कहो हम हिंदू हैं।”
‘छह लोगों को किसने मारा?’
वहीं ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लमीन के प्रमुख और हैदराबाद से सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर एक पोस्ट लिख कर कहा, “मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है। विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए। उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया। जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए जिम्मेदार है।”
ओवैसी ने आगे लिखा, “विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के “धर्मनिरपेक्ष” राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन छह लोगों की हत्या किसने की?”
औवेसी ने लिखा, “करकरे ने मालेगांव में हुई साजिश का पर्दाफ़ाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए। भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी। क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हम इसका उत्तर जानते हैं। यह “आतंकवाद के विरुद्ध कठोर” मोदी सरकार है। दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया।”