स्वागत में गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह न लेने का प्रण किया है- केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
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पहलगाम हमले के बाद सभी नजरें भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर है। कई बड़े नेता केंद्र सरकार से पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग कर चुके हैं। वहीं अब केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान गुलदस्ता लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक पहलगाम हमले का बदला नहीं लिया जाएगा, तब तक स्वागत में दिए गए गुलदस्ते स्वीकार नहीं करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल शनिवार को गुजरात के सूरत में आयोजित इंवेस्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे। इस दौरान जब उन्हें स्वागत में गुलदस्ता दिया जाने लगा तो उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया। साथ ही उन्होंने कोई स्मृति चिन्ह भी स्वीकार नहीं किया।
सीआर पाटिल का फैसला
केंद्रीय मंत्री के इस फैसले की घोषणा कार्यक्रम के आयोजकों ने की। उन्होंने मंच से इसका एलान करते हुए कहा कि “जल शक्ति मंत्री ने तय किया है कि जब तक पहलगाम हमले का बदला पूरा नहीं होगा वो स्वागत में गुलदस्ते और कोई भी स्मृति चिन्ह नहीं लेंगे।” यह सुनकर दर्शक भी जोर-जोर से तालियां बजाने लगे।
केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा-
बदला पूरा होने तक कोई स्वागत नहीं होगा। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद कर दिया था। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पाकिस्तान को एक भी बूंद पानी न मिले।
सिंधु जल समझौता रद करने का समर्थन
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने कहा था कि “सिंधु जल समझौते को लेकर मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला पूरी तरह से सही और राष्ट्रीय हित में है। हम सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान में सिंधु नदी का 1 भी बूंद पानी न जाए।
ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस में लिया हिस्सा
बता दें कि गुजरात के सूरत में 7वीं ग्लोबल इंवेस्टर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के विकासशील भविष्य के लिए उद्यमिता, निवेश और नवाचार जैसे मुद्दों को बढ़ावा देना है।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता रद कर दिया था। वहीं अब, इस तरफ पहला कदम उठाते हुए बगलिहार बांध का पानी रोक दिया गया है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध का पानी बंद कर दिया है। सरकार जल्द ही झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध का पानी रोकने की भी योजना बना रही है।
पानी का बहाव रोकेगा भारत
सिंधु जल समझौता रद होने के बाद भारत सरकार पाकिस्तान में पानी के बहाव कंट्रोल कर सकती है। जम्मू कश्मीर के रामबन में बना बगलिहार बांध और उत्तरी कश्मीर में बना किशनगंगा बांध की मदद से भारत सरकार जब चाहे पानी का बहाव रोक सकती है और किसी भी समय बांध खोल सकती है।
पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान?
बगलिहार और किशनगंगा बांध बंद करके भारत झेलम और चिनाब नदी का बहाव कम कर सकता है। इससे पाकिस्तान में सूखा पड़ने के आसार रहेंगे। यही नहीं, भारत किसी भी समय बांध को खोल भी सकता है, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ आने की संभावना बनी रहेगी।
पहलगाम हमले का रिएक्शन
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ही भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद कर दिया था।
क्या था सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत ऊपर की तीन नदियों – सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को मिलना था और नीचे की तीन नदियों – रावि, ब्यास और सतलज का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता था। हालांकि 23 अप्रैल को इस संधि को तत्काल प्रभाव से रद कर दिया गया है।