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सब कुछ ठीक रहा तो कोरोना की दूसरी लहर दो सप्‍ताह में हो जाएगी खत्‍म,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

सब कुछ ठीक रहा तो कोरोना की दूसरी लहर दो सप्‍ताह में हो जाएगी खत्‍म,कैसे?

सब कुछ ठीक रहा तो कोरोना की दूसरी लहर दो सप्‍ताह में हो जाएगी खत्‍म,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर का पीक अब जा चुका है। फरवरी 2021 में आई इस लहर में अप्रैल के अंत में 4 लाख से अधिक मामले रोजाना सामने आए थे, लेकिन 9 मई के बाद से इनमें गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है, जो इस बात का संकेत है कि हम सही तरीके से इस महामारी से लड़ रहे हैं। इस लहर का पीक आने के बाद से इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर ये दूसरी लहर कब तक बनी रहेगी। इस सवाल के जवाब में सफदरजंग अस्‍पताल के कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और हैड डॉक्‍टर जुगल किशोर बताया कि यदि सब कुछ ठीक रहता है तो ये लहर अधिकतम दस दिनों से लेकर दो सप्‍ताह के बीच में खत्‍म हो जाएगी।

हालांकि, प्रोफेसर जुगल किशोर का ये भी कहना है कि भारत में दूसरी लहर का जाना कई बातों पर निर्भर करता है। इनमें सबसे प्रमुख है हम कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करें और इस वायरस को फैलने से रोकने में अपनी भूमिका स्‍पष्‍ट करें। उनके मुताबिक यदि लोगों की सड़कों पर आवाजाही जारी रही और बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ी तो दूसरी लहर के खत्‍म होने का समय भी उसी तेजी के साथ आगे बढ़ जाएगा। इसके अलावा उनका ये भी कहना है कि यदि हम वैक्‍सीनेशन में तेजी लाएं और अधिक से अधिक लोगों को वैक्‍सीन दे सके तो भी हम इस लहर को समय पर खत्‍म कर सकेंगे। उनके मुताबिक वैक्‍सीन मिल जाने से इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

डॉक्‍टर जुगल किशोर के मुताबिक एक्टिव मामलों में जैसे-जैसे गिरावट आएगी वैसे-वैसे ही दूसरी लहर का प्रकोप भी थमने लगेगा। उन्‍होंने बताया कि संक्रमण की चपेट में आने के दो या तीन दिन के बाद इससे संबंधित परेशानियों का दिखाई देना शुरू हो जाता है। ऐसे में आने वाले दस दिन बेहद खास होते हैं। ये न सिर्फ मरीज के लिए खास होते हैं बल्कि उसके संपर्क में आने वाले लोगों के लिए भी बेहद अहम होते हैं। इस दौरान यदि किसी को कोई परेशानी नहीं होती है तो ये अच्‍छी बात है, लेकिन यदि होती है तो उसको अपने आपको आइसोलेट कर लेना चाहिए।

एक्टिव केस का कम होना इस बात का भी सुबूत होता है कि हमारे कांटेक्‍ट कम हो रहे हैं, जो हमारी अपनी कड़ाई या नियमों के पालन की वजह से हुए हैं। उनका ये भी कहना है कि मौजूदा समय में देश के अधिकतम लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से कुछ इससे दवाओं के माध्‍यम से और कुछ अपनी स्‍ट्रॉन्‍ग इम्‍यूनिटी की वजह से इससे उबर गए हैं। अपनी इम्‍यूनिटी के बल पर उबरने वालों के संपर्क में जो लोग आए होंगे उनमें से कुछ ही ऐसे होंगे जिन्‍हें अस्‍पताल जाने की जरूरत महसूस होगी।

देश के ज्यादातर हिस्सों को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से राहत मिलने लगी है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों को छोड़कर शेष प्रदेशों में नए मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है और उसी के अनुपात में सक्रिय मामले भी कम हो रहे हैं। अगर पिछले पांच दिनों की ही बात करें तो सक्रिय मामले करीब दो लाख कम हुए हैं और नए मामलों में भी एक लाख की गिरावट नजर आ रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान 2,81,837 नए मामले सामने आए हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 35,12,674 पर आ गई है। जबकि, पांच दिन पहले यानी 12 मई को 3,62,632 मरीज मिले थे और 37,06,080 एक्टिव केस थे।

दिनांक              नए मामले            एक्टिव केस

16 मई            2,81,837              35,12,674

15 मई            3,10,757              36,13,507

14 मई            3,27,257              36,69,445

13 मई            3,43,005              37,00,327

12 मई           3,62,632               37,06,080

कम नहीं हो रही दैनिक मौतें

मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन चिंता की बात यह है कि दैनिक मृतकों की संख्या नहीं घट रही। पिछले कुछ दिनों से रोजाना औसत चार हजार लोगों की जान जा रही है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत जिन प्रमुख राज्यों में दैनिक मामले लगातार कम हो रहे हैं, वहां भी मृतकों की संख्या घट नहीं रही है।

उबरने की दर में लगातार सुधार

कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2.50 करोड़ के करीब पहुंच गया है। इनमें से करीब 2.12 करोड़ मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं और 2.74 लाख की जान जा चुकी है। मरीजों के उबरने की दर बढ़कर 84.81 फीसद हो गई है। मृत्युदर 1.10 फीसद है, जो पिछले कुछ दिनों से 1.09 फीसद पर स्थिर बनी हुई थी। कुल संक्रमितों के अनुपात में सक्रिय मामले 14.09 फीसद हैं।

कर्नाटक में तीन महीने में पहली बार नए मरीजों से ज्यादा लोग हुए ठीक

कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है। आंध्र प्रदेश में तो 24 हजार से ज्यादा नए मामले हैं। महामारी के सामने आने के बाद से राज्य में एक दिन में कभी इतने मामले नहीं मिले थे। लेकिन कर्नाटक में तीन महीने में पहली बार कर्नाटक में एक दिन में नए मामलों (31,531) की तुलना में ज्यादा मरीज (36,475) ठीक हुए हैं।

रविवार को 15.73 लाख टेस्ट

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मुताबिक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रविवार को देश भर में 15,73,515 नमूनों की जांच की गई। इनको मिलाकर अब तक कुल 31 करोड़ 64 लाख 23 हजार से ज्यादा नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।

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