दाखिल–खारिज और परिमार्जन में हुई देरी तो निपटेंगे अधिकारी!
अब ऑन-स्पॉट होगा जमीन के समस्याओं का निपटारा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के दोनों डिप्टी सीएम एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. एक तरफ गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी हैं. जिनका बुल्डोजर अभियान सड़कों से अतिक्रमण हटा रहा है. वहीं, दूसरी ओर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा हैं. जो राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. आज उन्होंने तमाम अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दे दिया है. दाखिल–खारिज और परिमार्जन में देरी अब बर्दाश्त नहीं होगी.
पंचायत न जाने वाले और काम रोकने वालों पर होगी कार्रवाई : मंत्री
उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि राजस्व सेवाओं में विलंब खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता है. जिसमें देरी और कोताही पर तुरंत कार्रवाई होगी. उन्होंने निर्देश दिया कि जो राजस्व कर्मचारी पंचायत में नहीं बैठते या फर्जी कागजात के आधार पर फाइलें रोकते हैं—उन पर सीधी कार्रवाई की जाए.
हर रिजेक्शन लिखित देना होगा कारण
विजय सिन्हा ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी जानकारी दी कि दाखिल–खारिज और परिमार्जन का हर आवेदन निर्धारित समय पर ही निपटाना होगा. फील्ड लेवल के अफसर अब बिना कारण किसी भी फाइल को रिजेक्ट या रेफर नहीं कर सकेंगे. हर रिजेक्शन का लिखित कारण देना अनिवार्य होगा. और जो फाइल बिना कारण के रोकी गई है, उसे रोकने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
फाइल लटकाने वाली की होगी जांच
विजय सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि राजस्व विभाग ऐसे सभी अधिकारियों–कर्मचारियों की जिलावार सूची भी तैयार कर रहा है. जिन्होंने अनावश्यक रूप से आवेदनों को लंबित रखा है. या जानबूझ कर आवेदनों को बड़ी संख्या में रिजेक्ट किए हैं. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के काम की समीक्षा होगी. जिसके बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई के आदेश दिए जा सकते हैं.
फर्जी कागजात पर राज्य स्तरीय स्पेशल टीम की निगरानी
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों से दाखिल–खारिज और परिमार्जन प्रक्रियाओं को रोकने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा. इसके लिए एक स्टेट लेवल स्पेशल टीम बनाई जा रही है. यह टीम मौके पर जाकर फर्जी कागजात, लंबित फाइलें और अवैध देरी की जांच करेगी और पीड़ितों की बात भी सुनेगी. सरकार का लक्ष्य है कि सभी वैध आवेदनों का निष्पादन मार्च तक पूरा किया जाए. उन्होंने कहा, मेरा लक्ष्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि जनता को भटकने से बचाना है.
पंचायत से गायब रहने वाले राजस्व कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने बताया कि आवेदको की ओर से लगातार शिकायतें आ रही हैं. कई राजस्व कर्मचारी पंचायत में बैठते ही नहीं हैं. अब ऐसे कर्मचारियों के लिए भी संकट की स्थिति है. मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्धारित पंचायत में ही उपलब्ध रहें. अगर दो पंचायतों का प्रभार है, तो समय और दिन भी फिक्स होंगे. मुख्यालय से सुबह, दोपहर और शाम—तीन बार वीडियो कॉलिंग से उपस्थिति की जांच की जाएगी.
सीसीटीवी से निगरानी और कंट्रोल रूम
राज्य भर के अंचल कार्यालय अब सीसीटीवी कैमरे से मॉनिटर किए जाएंगे. इसके लिए मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है. 12 दिसंबर को पटना में और 15 दिसंबर को लखीसराय में भूमि सुधार जनकल्याण संवाद आयोजित होगा. सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जाएगा ताकि लोगों की समस्या सीधे सुनी जा सके.
अब ऑन-स्पॉट होगा जमीन के समस्याओं का निपटारा
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को भूमि माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि भू माफियाओं को संरक्षण देने वाले सफेदपोशों और अधिकारियों की पहचान की जाएगी और उन पर भी कार्रवाई भी की जाएगी.
इस बीमारी को जड़ से मिटाने की जरूरत है: विजय सिन्हा
पटना में बुधवार को एक प्रेस वार्ता में विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “जानकारी के अनुसार भूमि माफिया के साथ विभाग के भी कुछ लोग शामिल हैं जो भी सफेदपोश लोग इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों के कार्यालय उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं चलेंगे. हर पंचायत में नियत समय पर बैठकें होंगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कर्मचारी कार्यालय में मौजूद हों या नहीं, इस पर निगरानी रखी जाएगी. कर्मचारी का कार्यालय उनके झोले में नहीं होगा.”
अधिकारियों को दी चेतावनी
उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब कोई बहाना स्वीकार नहीं होगा. भूमि सुधार विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है. मार्च तक लंबित सभी मामलों को निपटाने के लिए विशेष टीमें और तंत्र तैयार किए जा रहे हैं. अब अधिकारी और पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन समय सीमा में करेंगे.
क्या होगी विभाग की प्राथमिकता ?
उपमुख्यमंत्री ने साफ किया कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन विभाग की पहली प्राथमिकता होगी. सभी जिलों में साप्ताहिक समीक्षा होगी और समयबद्ध ढंग से कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा. बिना कारण आवेदनों को रिजेक्ट करने की मानसिकता खत्म करनी होगी. यदि कोई अधिकारी आवेदन खारिज करता है, तो उसे ठोस कारण देना होगा और इसकी जांच भी की जाएगी.
सरकार ने शुरू किया कार्यक्रम
उन्होंने सरकार की ओर से शुरू होने वाले कार्यक्रम ‘भूमि सुधार संवाद’ की जानकारी देते हुए कहा कि इसकी शुरुआत 12 दिसंबर को पटना से होगी. वहीं, 15 दिसंबर को लखीसराय में संवाद होगा. यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से 12 बजे तक चलेगा. इस संवाद में कोई भी व्यक्ति अपने जमीन-संबंधी दस्तावेज लेकर आ सकता है और तत्काल समाधान किया जाएगा.
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