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बिहार में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया लाये-माले - श्रीनारद मीडिया

बिहार में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया लाये-माले

बिहार में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया लाये-माले

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में अगला शिक्षक नियोजन नई नियमावली के साथ ही होगा। नियमावली बनकर लगभग तैयार है। जानकारी है कि इसे कई जनप्रतिनिधियों को दिया गया है कि इसमें सुझाव दें। नई नियमावली के तहत सेन्ट्रलाइज तरीके से शिक्षक बहाली की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

अब तक शिक्षक नियोजन की ताजा प्रक्रिया के तहत विभिन्न नियोजन इकाईयों में घूम-घूम कर आवेदन देना पड़ता था या डाक से आवेदन भेजना पड़ता था। ज्यादातर अभ्यर्थी नियोजन इकाईयों द्वारा निर्धारित स्थानों पर जाकर आवेदन जमा करते रहे।

इसके बाद कहां सीट बची है कहां जाना चाहिए इस पर खूब माथापच्ची करते रहे। ऐसे में कई बार अभ्यर्थी सही फैसला नहीं ले पाते और चूक जाते रहे। सेन्ट्रलाइज आवेदन लेने से अभ्यर्थियों को परेशानी से राहत मिलेगी। इसके अलावा अन्य बदलाव भी होने जा रहे हैं।

  • सारी नियोजन इकाई भंग करके जिला कैडर बनाया जाएगा।
  • कार्यरत नियोजित शिक्षकों को उच्च वेतनमान में जाने पर सेवा निरंतरता सहित वेतन संरक्षण का लाभ मिलेगा।
  • सभी प्रकार की छुट्टियों की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत आकस्मिक अवकाश EL(Earn Leave), रुग्णावस्था अवकाश आदि की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है।
  • योग्यता विस्तार के लिए अवैतनिक स्टडी लीव का प्रावधान किया जा रहा है।

माले विधायक संदीप सौरभ ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, 

भाकपा माले के विधायक संदीप सौरभ ने कहा है कि बिहार में शिक्षक नियोजन जिस नियमावली के तहत रुका हुआ है उसका फाइनल स्वरुप तैयार हो गया है। उसे कैबिनेट में अभी नहीं लाया गया है। लेकिन कुछ सुझाव मैंने शिक्षा विभाग को लिख कर दिया है। संदीप सौरभ ने सुझाव दिया है कि पहले की नियोजन इकाईयों, पंचायत प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप को खत्म कर सभी शिक्षकों को जिला कैडर बना दिया है। इससे काफी चीजें सुलझ जाएंगी। माले विधायक संदीप सौरभ ने अन्य ये मांग शिक्षा मंत्री से की-

  • शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा सरकार दे। राज्यकर्मियों को जो सुविधाएं मिलती हैं वह सरकार उन्हें दे। जैसे कि राज्यकर्मियों को नीयत वृद्धि मिले, महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता भी शिक्षकों को मिले।
  • शिक्षकों का स्थानांतरण लंबे चरण से रुका हुआ है। उसे सरकार सभी के लिए एक साथ करे। प्रधानाध्यापक के पदों पर सरकार यू टर्न नहीं ले और 50 फीसदी पद परीक्षा से और 50 फीसदी प्रमोशन से भरे।
  • पुरानीं पेंशन स्कीम शिक्षकों के लिए सरकार लाए।
  • सामाजिक विज्ञान में बीबीए अर्हताधारी को भी अर्हय माना जाए।
  • स्नातक कोटि के गणित, विज्ञान विषय के लिए बीसीए योग्यताधारियों को भी अर्हय माना जाए।
  • शिक्षकों की अधिकतम सेवा अवधि की उम्र सीमा को 60 साल से बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाए।
  • मैट्रिक्स में प्रथम वित्तीय उन्नयन और द्वितीय वित्तीय उन्नयन का लाभ क्रमशः 12 और 24 वर्ष की संतोषजनक लगातार सेवा अवधि के स्थान पर क्रमशः 10 और 20 वर्ष की लगातार संतोषजनक सेवा अवधि किया जाए।
  • सेवानिवृत्ति के बाद संचित अर्जित अवकाश के भुगतान की व्यवस्था की जाए।

संघर्षशील शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह ने नई नियमावली में सभी लोगो के हितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री ने मांगें रखी हैं

  • पूर्व की भांति अभ्यर्थियों को उम्र में 10 वर्ष का छूट दी जाए।
  • तीन वर्ष सेवा निरंतरता की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी (महिला, पुरुष, दिव्यांग) नव नियुक्त शिक्षकों को आगामी होने वाले स्थानांतरण में अवसर प्रदान किया जाए।
  • अंतरस्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी यदि स्नातक में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं तो उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाय।
  • सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति में समान नियत वेतन के पद पर सेवा निरंतरता और वेतन संरक्षण का लाभ देते हुए नव नियुक्त शिक्षकों को आवेदन करने का अवसर दिया जाय।
  • प्रखंड और पंचायत नियोजन ईकाई के बदले जिला नियोजन इकाई बनायी जाए।
  • शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए सेंटरलाइज ऑनलाइन तरीके से आवेदन लिए जाएं।
  • महिला अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता की स्थिति में महिलाओं के खाली पद पर संगत कोटि के पुरुषों की नियुक्ति कर पद को भरा जाय।
  • विद्यालय में स्नातक ग्रेड के शिक्षक उपलब्ध रहने पर बेसिक ग्रेड के शिक्षकों को विद्यालय प्रभार से मुक्त करते हुए स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को विद्यालय का प्रभार दिया जाय।
  • प्रधान शिक्षक भर्ती में अनुभव की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी छठे चरण में बहाल हुए शिक्षकों को आवेदन करने का मौका दिया जाय।

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