मनीष गुप्ता हत्याकांड में SIT को अब पुलिस वालों के असहलों की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार.

मनीष गुप्ता हत्याकांड में SIT को अब पुलिस वालों के असहलों की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद मामले की जांच कर रही SIT को अब आरोपितों के असलहों की फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। जबकि घटना के वक्त आरोपितों की पहनी हुई वर्दी बरामद करना SIT के लिए नई चुनौती बन गई है। अब तक पुलिस वालों की वर्दी का कोई सुराग नहीं मिला है। खबर है कि घटना के बाद अधिकांश आरोपितों ने या तो वर्दी नष्ट कर दी होगी या फिर कहीं छिपा दिया है।

हालांकि इसी लिए आरोपितों को रिमांड पर लेकर SIT पूछताछ के साथ ही वर्दी भी बरामद करने का प्रयास करेगी। वहीं, कानपुर पुलिस कमिश्नर की मांग पर अभियोजन निदेशालय ने इस मामले में SIT जांच की मदद के लिए सोमवार को विधि सलाहकार भी नियुक्त कर दिया है। ताकि जांच के दौरान ऐसी कोई चूक न होने पाए, जिससे कि SIT की जांच पर ही किसी तरह के सवालिया निशान खड़े हों।

अशोक कुमार वर्मा नियुक्त किए गए विधि सलाहकार
इसके लिए अभियोजन निदेशालय ने ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार वर्मा को SIT का विधि सलाहकार नियुक्त किया है। जिनकी निगरानी में अब इस मामले की जांच SIT आगे बढ़ाएगी। वहीं, अब तक इस मामले में जांच कर रही SIT ने घटना से संबंधित आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत तो जुटा लिए हैं, लेकिन अब तक जिस वर्दी को पहनकर पुलिस वालों ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था, उसे बरामद करने में अभी तक SIT को कामयाबी हाथ नहीं लगी है। ऐसे में अब रिमांड के दौरान वह आरोपितों की वर्दी बरामद कर उसकी फॉरेंसिक जांच कराने की तैयारी कर रही है। जबकि घटना के वक्त पुलिस वालों के पास सरकारी असलहों को SIT ने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

दिल्ली केस ट्रांसफर होने की सूचना से हड़कंप
SIT अधिकारियों के मुताबिक इस केस की जांच में किसी तरह की विधिक चूक न हो इसे देखते हुए विधि सलाहकार की मदद ली जाएगी। जिनकी देखरेख में ही अब तक की जांच और सबूतों के आधार पर आरोपितों की चार्जशीट तैयार होगी। दूसरी ओर से इस मामले के गोरखपुर से दिल्ली ट्रांसफर होने की खबर के बाद और हड़कंप मच गया है। ऐसे में SIT की कोशिश है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पादर्शीता के साथ करके ही वह जल्द से जल्द इस मामले की चार्जशीट दाखिल करे, ताकि SIT की जांच पर किसी तरह का प्रश्नचिन्ह न लगने पाए।

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