वाराणसी में राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा भगवान श्री परशुराम के जन्म स्थली, तपो स्थली एवं युद्ध स्थली के उद्घोष का कार्यक्रम आयोजित किया गया

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श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक एवं शास्त्रीय मंगलाचरण के मध्य दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. इस अवसर पर परिषद के संस्थापक संरक्षक पं. सुंनील भराला, पूर्व राज्य मंत्री, उ. प्र. सरकार ने बताया की वर्ष 2016 से परिषद द्वारा भगवान श्री परशुराम के जन्म स्थली, तपो स्थली और युद्ध स्थली के निर्धारण हेतु एक शोध पीठ का गठन कर इस विषय पर गंभीर मंथन और चिंतन किया गया. शोध पीठ के अध्यक्ष आचार्य श्री के. वी. कृष्णन ने बताया की भगवान श्री परशुराम के जन्मस्थान को म. प्र.में इंदौर के निकट जनापावा, युद्ध स्थल के रूप में महिष्मति, तपोस्थल के रूप में महेन्द्र पर्वत को ही सर्वाधिक प्रामाणिक स्थल के रूप में उद्घोष है. प्रो. के एन द्विवेदी डीन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो. कृष्ण मोहन ओझा, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो. राजा राम शुक्ल पूर्व कुलपति, सम्पूर्णनन्द विश्वविद्यालय आदि विद्वानों ने अपने विचार रखें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. कामेश्वर उपाध्याय ने रा. प. प. के कार्यों की प्रशंसा की.
जगतगुरूजी सुमेरु पीठधिश्वर स्वामी श्री नरेन्द्रआनंद सरस्वती महाराज ने अपने ओजस्वी भाषण से लोगों का मार्गदर्शन किया।इस कार्यक्रम में देशभर के प्रोफेसर, इतिहासकार, जगतगुरु शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, महंत तथा विद्वान आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन एवं अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया गया. पं.के के पाण्डेय, पं. अभिषेक पाण्डेय की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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