व्यवसायी पर हुए गोलीबारी कांड में बढ़ता जनाक्रोश
श्रीनारद मीडिया, मनीष कुमार, पचरूखी, सीवान (बिहार):
सीवान जिले के पचरूखी थाना के गम्हरिया बाजार पर शुक्रवार की देर शाम हुए गोलीबारी में घायल दवा दुकानदार पटना के अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा है और इधर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है जबकि पचरुखी पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए नामजद आरोपित बरियारपुर निवासी गोबिंदा सिंह को पकड़ कर ग्रामीणों के आक्रोश को कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया है।परंतु यदि ग्रामीणों की सुने तो ग्रामीण इस गिरफ्तारी में भी पचरुखी पुलिस के ही किसी चाल की बात करते है,ग्रामीण अभी भी पचरुखी पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे है और इस मामले में पचरुखी पुलिस के शह की बात कर रहे है।ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जो व्यक्ति इतना बड़ा कांड करेगा वह पूरी रात अपने गांव के आसपास के गांव में क्या करेगा वह तो इस राज्य से बाहर जा चुका होता,सिर्फ एक आरोपित ही क्यों गिरफ्तार हुआ शेष की गिरफ्तारी कब होगी,लोगों का स्पष्ट कहना है कि यह सब पचरुखी पुलिस के दिशा निर्देश में हो रहा है।जबकि पचरुखी थानाध्यक्ष रितेश कुमार मण्डल कहते है कि पुलिस निष्पक्ष तरीके से अपना कार्य कर रही है,पुलिस किसी भी व्यक्ति के प्रभाव में कार्य नही कर रही है,उसके लिए दोनों पक्ष बराबर है,और वह आरोपितों को गिरफ्तार कर शीघ्र ही मामले का पर्दाफाश करेंगे।उन्होंने कहा कि पुलिस ने चर्चाओं के आधार व अपने गुप्त सूचना तंत्र के आधार पर बरियारपुर निवासी लालबाबू सिंह के पुत्र गोविंदा सिंह को गिरफ्तार कर लिया है,पुलिस घटना के बाद से ही अपने गुप्त तंत्रों के सहारे आरोपित लोगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास करने लगी फलस्वरूप आरोपित को सुबह होते होते सादिकपुर के समीप गिरफ्तार कर लिया गया और उसके भागने की मंशा पूर्ण नही हो पाई। अब पुलिस लगातार उसके इस कांड में संलिप्तता और उसके सहयोगियों के बारे में जानने की कोशिश कर रही है और रविवार को कागजी कार्यवाही के बाद जेल भेजने की तैयारी भी कर रही है। जबकि दूसरे चर्चित आरोपित लालबाबू सिंह और रंजीत सिंह की भी तलाश जोरशोर से कर रही है।वही पुलिस को पीड़ित पक्ष के घायल व्यवसायी की माँ के द्वारा दिये गए आवेदन में भी तीन नामजद सहित तीन अज्ञात लोगों के विरुद्ध आवेदन दिया गया है।इन सभी के अतिरिक्त पुलिस अपने आंतरिक स्रोतों से भी इस घटना के मूल को जानने का अथक प्रयास कर रही हैं।मगर प्रथम दृष्टया यह मामला जमीन और मकान से ही जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।घायल व्यवसायी की मिलनसार प्रवृति व स्वच्छ छवि व हालात किसी दूसरी तरफ कोई इशारा नही करती दिख रही है।जो भी इस कोरोना महामारी के समय मे जरूरत है ऐसे मामलों में धैर्य और संयम की।इस प्रकार के मामले समाज के लोगों के सामने मिलबैठकर भी सलटाये जा सकते है।अगर सभी लोग इस प्रकार की सोच बना ले तो भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाए जा सकते है।अगर हम अभी भी नही चेते तो हमारी आनेवाली पीढ़ी हमे कभी माफ नही करेंगी।हम अपने बच्चों को यह कैसी विरासत देना चाहते है यह हमें खुद सोचना होगा और इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही किसी भी कार्य को अंजाम दे।
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