भारतीय भाषाएं भारतीय संस्कृति की आत्मा है- अमित शाह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के मातहत नए भारतीय भाषा अनुभाग का शुभारंभ किया। शाह के अनुसार भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना के साथ ही पहले से काम कर रहा राजभाषा विभाग अब पूर्ण विभाग बन गया है, जो प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त कराने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।

सभी स्थानीय भाषाओं की अपनी ताकत

अमित शाह ने कहा कि सोचने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया मातृभाषा में होने पर ही किसी व्यक्ति की संपूर्ण क्षमता का इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके अनुसार सभी स्थानीय भाषाओं को ताकत देकर ही भारत को उसके चिरातन गौरवमयी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी हर भाषा दूसरी भाषा के साथ पूर्णता के साथ जुड़ी है और सभी भाषाओं का विकास एक-दूसरे के बिना संभव ही नहीं है। भारत की सभी भाषा रूपी नदियां मिलकर भारतीय संस्कृति की गंगा बनती है।

भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति की आत्मा

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाएं हमारी संस्कृति की आत्मा है और हमारी संस्कृति भारत की आत्मा हैं।उनके अनुसार भारतीय भाषा अनुभाग भारत की भाषायी विविधता को समाहित करते हुए, सभी भाषाओं को एक सशक्त और संगठित मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हमें सभी भाषाओं की भावना, समृद्धि और संवेदना को कम किए बिना टेक्नोलाजी का उपयोग करना चाहिए। ध्यान देने की बात है कि गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह लगातार सरकारी कामकाज में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं।

अमित शाह ने इस मामले में दिया जबाव

पिछले बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में गृहमंत्रालय पर हो रही चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ किया था कि इस साल दिसंबर के बाद वे सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पत्राचार उनकी स्थानीय भाषा में ही करेंगे। इसी तरह से विभिन्न राज्यों के सांसदों, विधायकों और सामान्य जनता के पत्र का जवाब भी उनकी भाषा में ही देंगे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना के साथ ही राजभाषा विभाग एक सम्पूर्ण विभाग बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त कराने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सोचने, विश्लेषण करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया जब हमारी मातृभाषा में होती है तभी हमारी पोटेंशियल का भरपूर दोहन संभव है। श्री शाह ने कहा कि देश की सभी स्थानीय भाषाओं को ताकत देकर ही हम भारत को उसके चिरातन गौरवमयी स्थान पर पहुंचा सकते हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि हमारी हर भाषा दूसरी भाषा के साथ पूर्णता के साथ जुड़ी है और सभी भाषाओं का विकास एक-दूसरे के बिना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सभी भाषा रूपी नदियां मिलकर भारतीय संस्कृति की गंगा बनती है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाएं, हमारी संस्कृति की और हमारी संस्कृति भारत की आत्मा हैं। श्री शाह ने कहा कि भारतीय भाषा अनुभाग भारत की भाषाई विविधता को समाहित करते हुए, सभी भाषाओं को एक सशक्त और संगठित मंच प्रदान करेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें सभी भाषाओं की भावना, समृद्धि और संवेदना को कम किए बिना टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भाषा के माध्यम से अंग्रेज़ी को हम पर थोपने की लड़ाई को ज़रूर जीतेंगे।

 

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