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जमीन विवाद में चली अंधाधुंध गोलियां, तीन सगे भाईयों सहित चार की मौत. - श्रीनारद मीडिया

जमीन विवाद में चली अंधाधुंध गोलियां, तीन सगे भाईयों सहित चार की मौत.

जमीन विवाद में चली अंधाधुंध गोलियां, तीन सगे भाईयों सहित चार की मौत.

पुलिस हिरासत में सरकारी कर्मचारी की मौत पर बवाल.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के मोहम्मदपुर गांव में होली के दिन तीन सहोदर भाइयों सहित कुल चार लोगों की हत्या कर दी गई। घटना सोमवार दिन के एक बजे की है। वहीं दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी मोहम्मदपुर के रहनेवाले थे।

रणविजय सिंह, वीरू सिंह और अमरेंद्र सिंह सहोदर भाई हैं। वहीं, राणा प्रताप सिंह उनके चचेरे भाई हैं। घटना का कारण पोखर में मछली मारने को लेकर विवाद को बताया जा रहा है। मृतक के पिता पूर्व सैनिक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वे अपने बरामदे पर बैठे पर थे तभी घर में काम करनेवाले ने बताया कि उनके बेटों को कोई पीट रहा है।

उन्होंने कहा कि बरामदे से जब तक वे आंगन में आए गोलियों की आवाज आने लगी। ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज आ रही थी। जब कुछ दूर सड़क पर निकले तो देखा तो उनका भतीजा राणा प्रताप सिंह गिरा हुआ था। वहीं एक खेत में बेटा रणविजय सिंह और दूसरे में दूसरा बेटा बीरेंद्र सिंह गिरा हुआ था।

पांच कदम पर तीसरा बेटा अमरेंद्र गिरा हुआ था। भतीजे मनोज सिंह के चेहरे में गोली लगी थी। कुछ दूरी पर रुद्र नारायण सिंह भी जख्मी पड़ा था। घायलों को ऑटो और बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचाया गया। दो लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई। वहीं दो की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना में 35 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। एसपी डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। आठ लोग गिरफ्तार किए गए है।

बिहार के भागलपुर के बरारी थाना क्षेत्र के मायागंज के रहने वाले सरकारी कर्मी संजय कुमार यादव (44) की बरारी पुलिस की हिरासत में मौत हो गयी। सोमवार को दोपहर में मायागंज में हुई मारपीट की घटना में पूछताछ के लिए रात लगभग 10 बजे संजय को पुलिस ने हिरासत में लिया था और रात 11 बजे उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने 12 घंटे तक बरारी थाना को घेरे रखा। मंगलवार की सुबह लगभग 11 बजे लोग थाना से हटे। संजय कुमार बांका जिले के कटोरिया में लघु सिंचाई विभाग में बड़ा बाबू के पद पर कार्यरत थे। घटना के बाद एसएसपी निताशा गुड़िया ने बरारी थानाध्यक्ष प्रमोद साह को लापरवाही के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। घटना की न्यायिक जांच भी शुरू करा दी गयी है।

परिजनों का आरोप, पुलिस की पिटाई से हुई मौत

संजय यादव की मौत के बाद उसके परिजन और स्थानीय लोग आक्रोशित हो गये और बरारी थाना पहुंचकर घेराव किया एवं पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। संजय के परिजनों ने बताया कि वे शाम में घर से निकलकर कुछ लोगों से मिलने गये थे। रात लगभग 10 बजे जब वे बाइक से लौटे तो पुलिस ने उन्हें घर से उठा लिया और गले में गमछा लगाकर उसे घसीटते और पीटते हुए थाना ले गये। थाना में उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद पुलिस उन्हें अस्पताल ले गयी जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि थाना से अस्पताल ले जाने के क्रम में ही उनकी हालत खराब दिख रही थी जो पिटाई से हुई थी। सोमवार की रात संजय का शव साथ लेकर उग्र लोगों ने थाना के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

 

घटना की न्यायिक जांच शुरू, मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम

पुलिस हिरासत में सरकारी कर्मी संजय यादव की मौत की न्यायिक जांच शुरू करा दी गयी है। एसएसपी निताशा गुड़िया ने न्यायिक जांच कराने के लिए डीएम सुब्रत सेन को लिखा था, जिसके बाद डीएम ने जिला जज को लिखा। जिला जज ने न्यायिक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति जांच के लिए कर दी। मेडिकल बोर्ड द्वारा संजय के शव का पोस्टमार्टम किया गया मेडिकल बोर्ड की टीम में डॉ. संदीप लाल, डॉ. विभूति और डॉ. जयंत शामिल थे। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गयी। जांच के लिए प्रतिनियुक्त न्यायिक पदाधिकारी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और शव के पोस्टमार्टम का जायजा लेकर लौटे।

 

सीसीटीवी में थाना परिसर में पिटाई के साक्ष्य नहीं

संजय यादव के साथ बरारी थाना में मारपीट किये जाने की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज में नहीं हुआ है। 12 मिनट 44 सेकेंड का फुटेज थाना में लगे सीसीटीवी से निकाला गया है। संजय यादव को थाना लाये जाने से पहले से लेकर उसे अस्पताल ले जाये जाने तक का फुटेज है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि थाना लाये जाने के बाद संजय यादव थाना परिसर में कुर्सी पर बैठे हैं। कुछ देर बाद वे कुर्सी से उठते हैं और बगल हटते हैं जिसके बाद ऐसा दिख रहा है कि वे उल्टी करने की कोशिश कर रहे हैं पर उल्टी कर नहीं सके। इसके बाद वे फिर जाकर बैठ जाते हैं। कुछ देर बाद वे बेचैन दिखने लगते हैं और टी-शर्ट खोल लेते हैं। उसके बाद वे सिरिस्ता में आकर बैठते हैं और अपनी परेशानी के बारे में पुलिसवालों को बताते हैं। इसके बाद पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लेकर चली जाती है।

 

मायागंज में मारपीट की घटना के बाद पूछताछ के लिए संजय यादव को बरारी थाना लाया गया था। वहां उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। इस मामले में बरारी थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है और घटना की न्यायिक जांच भी कराई जा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देश के अनुसार पूरी कार्रवाई की जा रही है।

निताशा गुड़िया, एसएसपी

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