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डॉक्टर व पारामेडिकल स्टाफ को दी गई एचआईवी एड्स की रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी - श्रीनारद मीडिया

डॉक्टर व पारामेडिकल स्टाफ को दी गई एचआईवी एड्स की रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी

डॉक्टर व पारामेडिकल स्टाफ को दी गई एचआईवी एड्स की रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी

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एचआईवी मरीजों को जिला मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया जाता है आवश्यक इलाज:
जिले के सभी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि:
एचआईवी रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2017 में पारित किया गया है कानून:
कलंक व भेदभाव दूर कर पॉजिटिव व्यक्ति को उपचार कराना जरूरी:

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


पूर्णिया जिले के सभी प्रखंडों के सरकारी चिकित्सक व पारामेडिकल स्टाफ को एचआईवी एड्स की रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा की अध्यक्षता में एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। आयोजित प्रशिक्षण में सभी चिकित्सक व पारामेडिकल स्टाफ को एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को पूरी जांच के बाद संक्रमण के बाद भी शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रहने के लिए नियमित रूप से आवश्यक दवा उपलब्ध कराने और सरकार द्वारा दी जा रही सहायता राशि का लाभ देने की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में सभी चिकित्सा कर्मियों को सरकार द्वारा वर्ष 2017 में पारित एचआईवी एड्स नियंत्रण व कंट्रोल एक्ट की भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से एड्स मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में संचालित ए.आर.टी. सेंटर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ कुमार, डीआईएस पूर्णिया बी.एन प्रसाद, आहना टीम के पीओ रवि शंकर, एफओ गौतम कुमार आदि उपस्थित रहे।

एचआईवी मरीजों को जिला मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया जाता है आवश्यक इलाज :
एचआईवी मरीजों के लिए संचालित ए.आर.टी. सेंटर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ कुमार ने कहा कि सभी एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को एड्स जैसी स्थिति से सुरक्षित रहने के लिए सरकार द्वारा आवश्यक दवा उपलब्ध कराई गई है। जिसे संक्रमित व्यक्ति द्वारा आजीवन उपयोग करना आवश्यक है। संक्रमित व्यक्ति की सभी प्रकार की जांच व आवश्यक दवा एआरटी सेंटर द्वारा मरीजों को मुफ्त में दी जाती है। लोगों को एचआईवी पॉजिटिव हो जाने पर इसे नियंत्रित रखने के लिए उक्त दवाइयों का सेवन करना आवश्यक है। जिससे लोग संक्रमण के शिकार होने से सुरक्षित रह सकते हैं।

जिले के सभी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को सरकार द्वारा दी जाती है सहायता राशि :
एचआईवी नियंत्रण एवं कंट्रोल एक्ट 2017 के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी देते हुए डीआईएस बी.एन. प्रसाद ने लोगों से एचआईवी से सम्बंधित कलंक व भ्रांतियों को दूर करते हुए सुरक्षात्मक तरीके से इलाज करवाने और तमाम तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने की जानकारी दी। इसमें उन्हें बताया गया कि सरकार द्वारा 2017 में एचआईवी नियंत्रण एवं कंट्रोल एक्ट पारित किया गया है । जिसके द्वारा सभी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति व बच्चों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है। इसमें उन्हें बताया गया कि बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार व शिल्पकार योजना के तहत एचआईवी संक्रमित श्रमिकों को चिकित्सा के लिए सरकार द्वारा 25 हजार रुपये सहायता राशि दी जाती है। बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना के तहत 18 वर्ष से ऊपर के एचआईवी संक्रमित व्यक्ति जो नियमित दवा सेवन करते हैं उन्हें 1500 रुपये प्रतिमाह भरण पोषण के लिए प्रदान किया जाता है। परवरिश योजना के तहत जन्म से 18 वर्ष के एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को अंत्योदय अन्न योजना द्वारा बीपीएल परिवारों में अति गरीब परिवार के लोगों को रुपये 2/- प्रतिकिलो की दर से 14 किलो गेंहू और रुपये 3/- प्रतिकिलो की दर से 21 किलो चावल कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को एआरटी सेंटर अधिकारी, आईसीडीएस सीडीपीओ, श्रम विभाग अधिकारी से सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

कलंक व भेदभाव दूर कर पॉजिटिव व्यक्ति को उपचार कराना जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा ने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को पूरे दृढ़ता के साथ इसे प्रभावी होने से रोकना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को स्थानीय स्तर पर कलंक व भेदभाव के डर से बिना जांच व चिकित्सा के नहीं रहना चाहिए और अस्पताल में आवश्यक इलाज करवाते हुए सरकारी सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।

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