क्या आईपीएस आनंद मिश्रा एक बार फिर भाजपा में जा रहे है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की नौकरी छोड़कर बिहार लौटे आनंद मिश्रा प्रशांत किशोर का साथ छोड़कर जन सुराज पार्टी से कहीं चल दिए हैं। कहां, इस पर अटकलें हैं। आनंद ने जन सुराज पार्टी के युवा अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने उनकी जगह पर मुजफ्फरपुर के प्रोफेसर शांतनु को यूथ विंग का प्रेसिडेंट बनाया है। चर्चा है कि विधानसभा लड़ने के लिए आनंद फिर भाजपा की शरण में हैं, जिसके भरोसे वो आईपीएस की नौकरी छोड़कर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने आए थे।
आनंद मिश्रा जन सुराज पार्टी की कोर कमिटी के सदस्य थे लेकिन कुछ दिनों से पार्टी के कार्यक्रमों और बैठकों में नहीं जा रहे थे। कोर कमिटी ने जब पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह को जन सुराज का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना तो वो उस बैठक और नाम की घोषणा से भी गायब रहे। आनंद 2024 का लोकसभा चुनाव बक्सर से निर्दलीय लड़े थे। भाजपा के टिकट पर लोकसभा लड़ने के लिए उन्होंने आईपीएस की नौकरी छोड़ी थी, लेकिन बाजी मिथिलेश तिवारी ने मारी। मिथिलेश दूसरे नंबर पर रहे जबकि आनंद चौथे पर।
आनंद मिश्रा अच्छी-खासी आईपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे हैं और जब से लौटे हैं, बक्सर के गली-मोहल्ला में धूल-मिट्टी फांक रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों में आनंद भले चौथे नंबर पर रहे, लेकिन ददन पहलवान समेत सारे निर्दलीयों से बहुत आगे थे। बक्सर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट है। बक्सर, ब्रह्मपुर, डुमरांव, राजपुर, रागगढ़ और दिनारा। विधानसभा के हिसाब से लोकसभा चुनाव में आनंद को बक्सर में 15580, ब्रह्मपुर में 11263, राजपुर में 8119, डुमरांव में 7560, दिनारा में 3035 और रामगढ़ में 970 वोट मिले थे।
बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा में अब लगभग चार महीने हैं। पाला बदलने का खेल चालू हो चुका है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से निकलकर भाजपा और बाद में आप सबकी आवाज (आसा) नाम से पार्टी बनाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जन सुराज में आ गए हैं। पीके जब नीतीश कुमार के साथ और जेडीयू के उपाध्यक्ष थे, तब आरसीपी सिंह भी जेडीयू में ही थे। दोनों के तब संबंध जैसे रहे हों, लेकिन अब दोनों एक-दूसरे की मदद करने एकजुट हो गए हैं।
2011 बैच के आईपीएस असम के लखीमपुर जिले में एसपी के रूप तैनात हैं। असम के मुख्य सचिव को उन्होंने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। उन्हें हाल ही में मणिपुर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल में नियुक्त किया गया था। सूत्रों ने से मिली जानकारी के मुताबिक आईपीएस मिश्रा की नजर बिहार की बक्सर सीट पर है। वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं और अपने मिशन को लेकर क्षेत्र में एक्टिव दिख रहे है। इन दिनों समाजसेवा करते हुए वह छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं। जब उन्हें असम धुबरी में तैनात किया गया था, तब उनकी फिटनेस व्यवस्था और गिटार बजाने के कौशल सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा। सोशल मीडिया पर उनकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग थी।
आइपीएस आनंद मिश्र मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत पड़सौरा गांव के निवासी हैं। उनके पिता पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहता है। उनकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई हुई है। आनंद मिश्रा की गिनती असम के बेहद तेज तर्रार पुलिस अफसर में होती है। असम के नगांव जिले में तैनाती के दौरान उन्होंने ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और खूब चर्चा में रहे। यह जानकारी मिल रही हैता है कि भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं से उनके बहुत बेहतर संबंध हैं।
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