क्या ज्योति का मामला लड़की के पतन की प्रक्रिया है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सरकारी एजेंसियों ने पाकिस्तान की मदद कर रहे कुछ गद्दारों को पकड़ा है। ये हैं- पानीपत से नोमान इलाही, मालेरकोटला से गजाला खातून, यासीन मोहम्मद, नूह से अरमान, जालंधर से मुर्तुजा, हरियाणा के कैथल से देवेन्दर सिंह ढिल्लों और ज्योति मल्होत्रा… सभी की आयु पच्चीस से पैंतीस के बीच मे है।
सोशल मीडिया में सर्वाधिक चर्चा ज्योति की है। शायद इसलिए कि वह चर्चित युट्यूबर भी रही है, और शायद इसलिए भी कि गद्दारों की भीड़ में वह इकलौती हिन्दू है। यह बिल्कुल अप्रत्याशित है, और शायद इसीलिए इसपर अधिक हल्ला हो रहा है। मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं, मेरे हिसाब से सबसे पहले इसे ही सजा मिलनी चाहिये। कठोर से कठोर सजा… लेकिन मैं इस लड़की के पतन की प्रक्रिया देख रहा हूँ।
यह युट्यूबर है। शुरुआत ठीक ठाक वीडियो से हुई है, फिर व्यू बढ़ाने के लिए अर्धनग्न हो कर वीडियो बनाने लगी। आप किसी भी धंधे में हों, आप चाहते हैं कि आप प्रगति करें। नाच गाने वाले रील के धंधे में शीघ्र प्रगति के लिए नंगई सबसे आसान मार्ग है। उसी मार्ग पर यह भी उतरी।
उसके बाद यह पाकिस्तान गयी है। एक सामान्य हिन्दू परिवार की लड़की भले पूरी दुनिया घूम ले, लेकिन पाकिस्तान जाने की नहीं ही सोचती। लेकिन इंस्टा, लाइक, फॉलोवर, व्यू… आज के समय में यह कुछ भी करा सकता है।
वहाँ इसे कोई दानिश मिलता है। और ये दानिश के लिए काम भी करने लगती है। सम्भव है केवल पैसे के लिए कर रही हो, सम्भव है प्रेम में आ कर कर रही हो… जिसका चारित्रिक पतन हो गया, वह कितना गिर सकता है इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। न परिवार की चिंता, न राष्ट्र की सुरक्षा की चिन्ता…
लगभग यही कहानी देवेन्द्र सिंह ढिल्लो की है। उसके बारे में बताया जा रहा है पाकिस्तान गया और हनी ट्रैप में फंस गया… उधर की एक लड़की से दोस्ती हुई। उसने खुफिया जानकारियों के बदले में पैसा और खूबसूरत लड़कियों से दोस्ती कराने का वादा किया। फिर क्या, सिंह साहब बिक गए। उसके बाद पाकिस्तानी एजेंटों के साथ मिल कर देश की खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने लगे…
ज्योति के गड्ढे में गिरने का जो तरीका है, वह फैशन में है। इनके विरुद्ध बोल दीजिए, दर्जनों बुद्धिजीवी आपको ज्ञान देने लग जायेंगे। उनके अनुसार यही स्वतंत्रता है। ज्योति की अश्लील वीडियोज पर उसे बधाई देने वाले सैकड़ों हजारों रहे होंगे।
उसे बहादुर बताने वाले भी… सच पूछिए तो ऐसी टिप्पणियों ने ही इसे पाकिस्तान जाने का साहस दिया होगा। “मैं कुछ भी कर सकती हूँ, समाज कौन होता है रोकने वाला…” ऐसा सोच सकने लायक निर्लज्जता/ आवारापन वहीं से आया होगा…
लाइक, शेयर, व्यू, डॉलर… चीन का अफीम युग याद आता है अब…
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