क्या CBI में सुधार की आवश्यकता है?

क्या CBI में सुधार की आवश्यकता है?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी विभाग -संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 145 वीं रिपोर्ट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) में महत्त्वपूर्ण सुधारों की सिफारिश की है।

संसदीय समिति द्वारा अनुशंसित प्रमुख सुधार क्या हैं?

  • स्वतंत्र भर्ती ढाँचा: संरचित कॅरियर विकास के साथ एक स्थायी कैडर बनाने के लिये SSC, UPSC या एक स्वतंत्र निकाय के माध्यम से CBI-विशिष्ट परीक्षा की स्थापना करना।
    • बाहरी विशेषज्ञों पर निर्भरता कम करने के लिये एक आंतरिक विशेषज्ञ टीम स्थापित करना।
    • प्रतिनियुक्ति केवल उन वरिष्ठ पदों पर करना जिनमें विविध अनुभव की आवश्यकता हो।
  • लेटरल एंट्री : साइबर अपराध, फोरेंसिक, वित्तीय धोखाधड़ी और कानूनी डोमेन में विशेषज्ञों के लिये लेटरल एंट्री की शुरुआत करना।
    • आंतरिक विशेषज्ञता टीम बनाकर बाहरी विशेषज्ञों पर निर्भरता कम करना।
  • CBI के लिये अलग कानून: राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले मामलों में राज्य की सहमति के बिना CBI को व्यापक जाँच शक्तियाँ प्रदान करने के लिये एक अलग कानून बनाना।
    • आठ राज्यों द्वारा सामान्य सहमति वापस लेने से CBI पर भ्रष्टाचार और संगठित अपराध की जाँच करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
    • दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (DSPE) अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत CBI को राज्य के भीतर मामलों की जाँच करने के लिये राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होती है, जब तक कि:
      • सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय या लोकपाल जाँच का आदेश देते हैं।
      • राज्य ने कुछ श्रेणियों के मामलों के लिये सामान्य सहमति प्रदान की है।

CBI के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • स्थापना: संथानम समिति की सिफारिशों (वर्ष 1962-64) के आधार पर वर्ष 1963 में गठित।
  • भूमिका: यह रिश्वतखोरी, सरकारी भ्रष्टाचार, केंद्रीय कानून उल्लंघन, बहु-राज्य अपराध और अंतर्राष्ट्रीय मामलों से संबंधित मामलों की जाँच करती है।
    • इंटरपोल के साथ जाँच समन्वय के लिये भारत की नोडल एजेंसी।
  • कानूनी ढाँचा: DSPE अधिनियम, 1946 के तहत संचालित होती है।
  • प्रशासनिक नियंत्रण: कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (PMO) के अधीन कार्य करता है।
  • पर्यवेक्षण:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!