औरतों को जीविका दीदी समूह से जुड़ना अनिवार्य है-बिहार सरकार

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत करके चुनाव से पहले महिलाओं के जरिए हर परिवार को मांगने पर 10 हजार रुपये कैश ट्रांसफर की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव ने पेंशन बढ़ाने, मुफ्त भर्ती परीक्षा के साथ आना-जाना फ्री, महिलाओं के लिए हर महीने 2500 रुपये नकद वाली माई बहिन मान योजना जैसे कई वादे किए हैं। तेजस्वी यादव के एक-एक वादे की काट निकाल रही नीतीश सरकार ने महिला रोजगार योजना चालू करके इरादा जताया है कि नकद देने या बढ़ाने के विपक्षी वादों से मुकाबले के लिए एनडीए सरकारी खजाना से नकद बहाने को तैयार है।

चर्चा अब इस बात पर हो रही है कि हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार के लिए चुनाव से पहले 10,000 रुपये कैश देने की योजना का चुनावी असर नरेंद्र मोदी सरकार की मुफ्त राशन योजना जैसा होगा या नहीं। कोरोना काल में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी जिसे अब 2029 तक बढ़ा दिया गया है। इसके तहत 81 करोड़ से ऊपर लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिल रहा है। अंत्योदय अन्न योजना के तहत 35 KG और प्राथमिकता वाले परिवारों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज दिया जाता है। इस योजना का उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भाजपा की जीत में एक हद तक योगदान रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और नीतीश सरकार के प्रभावशाली डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी के बाद कहा था कि बिहार में 2.70 करोड़ परिवार हैं। इन परिवारों की एक महिला को आवेदन करने पर तत्काल 10000 रुपये की पहली किस्त जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर सीएम महिला रोजगार योजना से दो लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। 2.70 करोड़ परिवार की एक महिला को 10,000 रुपये के हिसाब से नीतीश सरकार 27 हजार करोड़ रुपये बांटने को तैयार है। जितने आवेदन आएंगे, उतने को सरकार पैसा देगी।

नीतीश ने 29 अगस्त को ऐलान किया था कि महिलाएं पसंद का रोजगार शुरू कर सकें, इसके लिए सरकार यह योजना शुरू कर रही है। आवेदन के बाद पहली किस्त में 10,000 रुपये की सहायता सितंबर से ही खाते में मिलने लगेगी। छह महीने बाद अधिकारी महिला के रोजगार की समीक्षा करेंगे और जरूरत के मुताबिक उस रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी सरकार देगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार शुरू करने के लिए महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए जिस मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की थी, सरकार ने उसके लिए नियम और गाइडलाइंस जारी कर दिए हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा तैयार गाइडलाइंस में कहा गया है कि सीएम महिला रोजगार योजना का लाभ लेने के लिए औरतों को किसी जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना होगा। बिहार की राजनीति में महिलाएं नीतीश कुमार का कोर वोटर मानी जाती हैं, जिसमें जीविका दीदियों का समूह एक अहम कारक है।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार से एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए पहले 10 हजार और छह महीने बाद उस रोजगार की स्थिति को देखते हुए 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। शुक्रवार (29 अगस्त) को नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। कैबिनेट ने उसी दिन इस योजना को मंजूरी देते हुए सितंबर से इसे लागू करने की बात कही थी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा था कि राज्य में 2.70 करोड़ परिवार हैं और इन परिवारों से एक-एक महिला इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लिए जारी मार्गदर्शिका के मुताबिक योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा। ग्रामीण विकास विभाग ने कहा है कि जीविका समूह से जुड़े सभी सदस्य (एक परिवार से एक महिला) योजना के लाभ के लिए पात्र होंगे। अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए एक महिला को दस हजार रुपये प्रथम किस्त के रूप में दी जाएगी। महिलाओं के द्वारा रोजगार शुरू करने के बाद उसका आकलन करते हुए दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता आवश्यकतानुसार दी जाएगी।

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