भारत पर टैरिफ लगाना बेहद जरूरी- डोनाल्ड ट्रंप

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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टैरिफ नीतियों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से पहले ही झटका मिल चुका है। अदालत ने दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को गैर कानूनी बताए हुए कहा था कि ट्रंप के पास हर देश पर इस तरह के टैरिफ लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इस दौरान अदालत ने यह भी कहा था कि आपातकाल घोषित कर दुनिया पर टैक्स लगाना सही नहीं है। अब ट्रंप ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित साबित करने के लिए अजीबोगरीब तर्क दे रहा है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अदालती दस्तावेजों में चेतावनी दी है कि भारत सहित अन्य देशों पर टैरिफ कम करने से अमेरिका को दूसरे देशों से बदले का सामना करना पड़ सकता है। यह भी कहा गया है कि इससे दुनिया में शांति स्थापित करने की कोशिशों को भी झटका लगेगा। वहीं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक अपील में, सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने जजों से कहा है कि यूक्रेन जंग में शांति बनाए रखने के लिए भारत पर टैरिफ लगाना बहुत जरूरी है।

अमेरिकी कोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप की दलील

ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट से कहा है, “हमने हाल ही में यूक्रेन युद्ध से जुड़े मामलों से निपटने के लिए रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर टैरिफ लगाने की अनुमति दी है। यह बेहद जरूरी है। टैरिफ हटाने से अमेरिका आर्थिक तबाही के कगार पर पहुंच जाएगा।” ट्रंप सरकार ने यह भी कहा है कि एक साल पहले अमेरिका एक मृत अर्थव्यवस्था था और अब जिन देशों ने हमारे साथ इतना बुरा व्यवहार किया है, उनसे ट्रिलियन डॉलर आ रहे हैं। और अब अमेरिका फिर से एक मजबूत, आर्थिक रूप से समर्थ और सम्मानित देश है।

भारत से आयातित उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के अलावा रूस से तेल खरीदने के लिए जुर्माने के तौर पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ भी लगाया है। इसके बाद अब अमेरिका भारत से आयातित उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ वसूल रहा है। अमेरिका की ओर से बार बार यह कहा गया है कि भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन युद्ध में रूस की आर्थिक मदद कर रहा है। अमेरिका ने यह भी कहा है भारत पर प्रतिबंध बढ़ाकर वह रूस पर यूक्रेन जंग रोकने का दबाव बनाना चाहता है। हालांकि भारत ने अमेरिका के टैरिफ को अनुचित बताते हुए कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय और ऊर्जा हितों को सुरक्षित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।

भारत समेत कई मुल्कों के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चिंतित नजर आ रहे हैं। दरअसल, उन्हें चिंता है कि अगर सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ को लेकर उनकी सरकार केस हार जाती है, तो अमेरिका को अन्य देशों के साथ किए व्यापार समझौते खत्म हो जाएंगे। हाल ही में अमेरिका की अपीलीय अदालत ने ट्रंप के टैरिफ के फैसले को अवैध बताया था।

ट्रंप ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने टैरिफ को अवैध घोषित कर दिया, तो यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण कोरिया समेत अन्य देशों के साथ हुई डील को रद्द करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार कोर्ट में केस हार गई, तो इससे अमेरिका पर काफी असर पड़ेगा। वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से बीते सप्ताह दिए गए कोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग करेंगे।

ट्रंप का कहना है कि उन्हें लगता है कि उनका प्रशासन की सुप्रीम कोर्ट में जीत होगी। उन्होंने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि इन शुल्कों ने उन्हें बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ डील करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था ने अमेरिका को एक बार फिर से बेहद अमीर बनने का मौका दिया है। ट्रंप ने भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50 फीसदी टैरिफ लगाया है।

उन्होंने कहा, ‘हमने यूरोपीय संघ से डील की, जहां वो हमें लगभग ट्रिलियन डॉलर दे रहे हैं। और आपको पता है, वो खुश हैं। काम हो गया। ये सारी डील हो गई हैं। मुझे लगता है कि अब हमें इन्हें वापस लेना होगा।’

भारत को धमकाया

ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्होंने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर अभी शुरुआती दौर के प्रतिबंध लगाए हैं और संकेत दिया कि उन्होंने अब तक ‘चरण दो या चरण तीन’ के तहत प्रतिबंध नहीं लगाए हैं। पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी के साथ ओवल ऑफिस में द्विपक्षीय बैठक में भाग लेते समय ट्रंप उस समय नाराज हो गये जब उनसे एक पोलिश पत्रकार ने पूछा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति निराशा और हताशा व्यक्त की थी, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।

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