कटहल: भविष्य का ‘वंडर फूड’

कटहल: भविष्य का ‘वंडर फूड’

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कटहल, जिसे रोटी का विकल्प भी कहा जा सकता है और यह भविष्य का ‘वंडर फूड’ हो सकता है। जी हां, कटहल भविष्य में दुनियाभर के लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
तीन किलोग्राम वजन का एक कटहल अकेले ही पांच लोगों के परिवार की कार्बोहाइड्रेट की कमी को पूरा कर सकता है। कटहल के बीजों से निर्मित आटे का इस्तेमाल मिठाई व लजीज व्यंजनों में किया जा सकता है। वैसे हमलोग पकाकर खाते थे ।
यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन में सोया की बजाय एमीनो एसिड ज्यादा मात्रा में मिलता है। इसे सुपर फूड की भी संज्ञा दी जा रही है।
शोधकर्ताओं ने बीमारी रहित कटहल का पेड़ तैयार करने में सफलता हासिल की है, जो दो साल में ही फल देना शुरू कर देता है।
इतना कुछ होने के बाद भी भारतीय समाज इसके तीक्ष्ण गंध को नहीं पचा पाता है। इसकी लकड़ी भी हल्की और ज्यादा समय तक टिकने वाली है। भविष्य में हमारा समाज इसे आत्मसात कर ले। कटहल का कोआ खाये भी दो साल हो गया है।

कटहल या जैकफ्रूट का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह एक फल है, जो उत्तर भारत में पाया जाता है। यह एक बड़ा और मीठा फल होता है। इसको खाने के कई तरीकें होते हैं जैसे कि सब्जी बनाकर, पकोड़े के रूप में और मिठाई में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कटहल अपने स्वाद के साथ ही कई पोषक तत्वों का भंडार भी होता है। इसमें प्रमुख रूप से विटामिन सी, विटामिन बी6, फाइबर, पोटैशियम, और फोलेट पाया जाता है। इसके साथ ही यह कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

कटहल न केवल अपने पोषक तत्वों के भंडार के रूप में जाना जाता है बल्कि ये हमें कई बीमारियों में भी फायदा पहुंचाता है। कटहल खाने के फायदे को देखें तो इसके सेवन से हम अपने हृदय को स्वस्थ्य रख सकते है। उसके अलावा यह हमारे पाचन को मजबूत करके एनीमिया जैसी बीमारी में भी हमारी मदद करता है।

कटहल खाने के तरीके

यदि आप भी कटहल से जुड़े इन फायदों का लाभ लेना चाहते है, तो आप इसे कई तरह से खा सकते हैं-

Leave a Reply

error: Content is protected !!