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कार्तिक माह 21 अक्टूबर से शुरू और 19 नवंवर को खत्म होगा, इस महीने में कब कौन से पर्व आएंगे. - श्रीनारद मीडिया

कार्तिक माह 21 अक्टूबर से शुरू और 19 नवंवर को खत्म होगा, इस महीने में कब कौन से पर्व आएंगे.

कार्तिक माह 21 अक्टूबर से शुरू और 19 नवंवर को खत्म होगा, इस महीने में कब कौन से पर्व आएंगे.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

21 अक्टूबर से हिन्दी पंचांग का नया महीना कार्तिक शुरू हो रहा है। ये महीना 19 नवंबर तक चलेगा। इस महीने में करवा चौथ, धन तेरस, दीपावली, देवउठनी एकादशी जैसे कई बड़े पर्व मनाए जाएंगे।  कार्तिक माह के खास तीज-त्योहार…

रविवार, 24 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, इसे करवा चौथ कहा जाता है। विवाहित महिलाओं के लिए इस तिथि का खास महत्व है। इस दिन महिलाएं अपने जीवन साथी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत पूरा होता है।

गुरुवार, 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र है। इस तिथि पर नई वस्तु खरीदने का विशेष महत्व है। इस दिन सोना-चांदी, वाहन, सुख-सुविधा की चीजें खरीदे जा सकते हैं।

सोमवार, 1 नवंबर को रमा एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के व्रत करें। शाम को विष्णु जी, महालक्ष्मी और तुलसी की पूजा करनी चाहिए।

मंगलवार, 2 नवंबर से पंचदिवसीय दीपोत्सव शुरू हो रहा है। इस दिन धनतेरस मनाई जाएगी। सूर्यास्त के बाद यमराज के लिए दीप जलाएं। शाम को धन की देवी महालक्ष्मी का पूजा करें।

बुधवार, 3 नवंबर को रूप चतुर्दशी है। इस दिन उबटन लगाकर स्नान करने का विशेष महत्व है।

गुरुवार, 4 नवंबर को कार्तिक मास की अमावस्या और दीपावली है। इस दिन सूर्यास्त के बाद देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन करें। घर-आंगन में दीपक लगाएं। लक्ष्मी-विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। देवी-देवताओं की प्रतिमा को नए वस्त्र चढ़ाएं। हार-फूल अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर आरती करें।

शुक्रवार, 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा है।

शनिवार, 6 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने उनके घर पहुंचते है। इस दिन यमराज और यमुना जी की विशेष पूजा करनी चाहिए।

सोमवार, 8 नवंबर को विनायकी चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी के लिए व्रत किया जाता है। इसी दिन से छठ पूजा पर्व शुरू हो जाता है।

बुधवार, 10 नवंबर को छठ पूजा है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। भक्त निर्जला उपवास करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

शनिवार, 13 नवंबर को अक्षय नवमी यानी आंवला नवमी है। इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।

सोमवार, 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन तुलसी का विवाह शालीग्राम जी के साथ करवाया जाता है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु शयन से जागते हैं। इस दिन से सभी मांगलिक कर्म फिर से शुरू हो जाते हैं।

मंगलवार, 16 नवंबर को चातुर्मास खत्म हो जाएगा। इस दिन वृश्चिक संक्रांति और प्रदोष व्रत भी है। इस तिथि पर शिव जी, माता पार्वती और सूर्य देव की विशेष जरूर पूजा करें।

गुरुवार, 18 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी है। इस तिथि के संबंध में मान्यता है कि इस दिन शिव जी भगवान विष्णु को सृष्टि का भार फिर से सौंपते हैं और भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन करना शुरू करेंगे।

शुक्रवार, 19 नवंबर को गुरुनानक जयंती है। इस दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करें।

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