काशी-तमिल संगमम-3 का 15 फरवरी से होगा आगाज

काशी-तमिल संगमम-3 का 15 फरवरी से होगा आगाज

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


काशी से गहरा संबंध रखने वाले तमिल भाषा के जनक कहे जाने वाले महर्षि अगस्त्य को समर्पित काशी-तमिल संगमम का तीसरा संस्करण 15 फरवरी से 24 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा, जिसके पंजीयन के लिए आईआईटी मद्रास का पोर्टल बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लॉन्च किया।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाना.

वर्ष 2022 और 2023 की तरह इस बार भी केंद्र सरकार उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक-भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने की मंशा से काशी-तमिल संगमम का आयोजन करने जा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ 15 फरवरी, 2025 को वाराणसी में होगा। इसके लिए एक फरवरी तक पंजीकरण आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मौलिक विचारो की उपज है, जिसका उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच शाश्वत-सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करना और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाना है।

कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान

प्रधान ने बताया कि इस बार काशी-तमिल संगमम भारत के सबसे पूजनीय संतों में से एक महर्षि अगस्त्य का उत्सव होगा। महर्षि अगस्त्य की विरासत भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने में गहराई से समाई हुई है। तमिल भाषा और साहित्य के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, आध्यात्म और कला के क्षेत्र में उनका अतुलनीय योगदान है।

श्रीराम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’

उन्होंने कहा कि इस वर्ष काशी-तमिल संगमम का विशेष महत्व है, क्योंकि यह महाकुंभ के साथ होने जा रहा है और यह अयोध्या में श्रीराम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद पहला संगमम भी है। तमिल प्रतिनिधि प्रयागराज महाकुंभ और अयोध्या में भी एक रात रुककर वहां के सांस्कृतिक-आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति करेंगे।

संगमम के प्रतिभागियों की पांच श्रेणियां

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि संगमम के प्रतिभागियों की पांच श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें पहली छात्र, शिक्षक, लेखक है। दूसरी किसान और कारीगर (विश्वकर्मा वर्ग), तीसरी पेशेवर व छोटे उद्यमी, चौथी महिलाएं (स्वयं सहायता समूहों, मुद्रा योजना आदि की लाभार्थी) और पांचवां समूह स्टार्टअप, इनोवेशन, एडु-टेक व अनुसंधान से जुड़े व्यक्तियों का होगा। इनकी संख्या लगभग एक हजार होगी, जबकि विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों व संस्थानों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का अतिरिक्त समूह भी होगा।

पहले भी मनाया गया काशी तमिल संगमम

सरकार ने इससे पहले दो बार काशी तमिल संगमम मनाया है। 2022 में एक महीने के लिए और 2023 में एक पखवाड़े के लिए और तमिलनाडु से लगभग 4000 प्रतिनिधियों ने इस आयोजन का हिस्सा रहे हैं। केटीएस के दोनों संस्करणों में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के लोगों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिलीं। आईआईटी मद्रास पहले के संस्करणों की तरह प्रेषक संस्थान और बीएचयू प्राप्तकर्ता संस्थान होगा। आईआईटी मद्रास एक पोर्टल के माध्यम से भागीदारी के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा, जिसे आज लॉन्च किया गया।

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