केरल की बेटी को छठी मैया से प्रेम… झारखंड के इस जिले की SP कर रही छठ व्रत, IPS पति उठाएंगे दउरा

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श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)

लातेहार/पलामू. लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय से शुरू हो गई है. यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी यूपी में मनाया जाता है. लेकिन, अब इसकी मान्यता और प्रसिद्धी धीरे-धीरे देश के कोने-कोने में फैल रही है. इसका पलामू की एसपी की आस्था से आप लगा सकते हैं.इसे छठ महापर्व की अलौकिकता ही कहेंगे कि इसके नियम-निष्ठा को करीब से देखने वालों की आस्था इसमें जागृत हो उठती है. केरल की रहने वाली और वर्तमान में पलामू एसपी रिष्मा रमेशन भी छठ पर्व से प्रभावित हैं. पति और लातेहार एसपी अंजनी अंजन के सरकारी आवास पर पूरे विधि विधान से चार दिनों तक छठ का अनुष्ठान होता है.

सास की परंपरा को आगे बढ़ाया
दरअसल, 4 साल पहले रिष्मा रमेशन की शादी झारखंड कैडर के आईपीएस और बिहार में पटना के रहने वाले अंजनी अंजन से हुई. इसके बाद रिष्मा को झारखंड कैडर मिला. साल 2016 में अंजनी की मां के देहांत के बाद से घर पर छठ की परंपरा बंद थी, जिसे केरल में पली-बढ़ी रिष्मा ने पिछले साल एक बार फिर शुरू किया, जिसे बरकरार रखते हुए इस बार भी वह छठ पर्व कर रही हैं.

बढ़िया रहा छठ का अनुभव:रिष्मा
एसपी रिष्मा ने बताया कि 36 घंटे के निर्जला उपवास का अनुभव नहीं था. लिहाजा, मन में संशय था कि कर पाउंगी या नहीं. लेकिन, प्रभु की कृपा से ये संभव हो पाया. पिछले साल छठ के पहले व्रत का अनुभव काफी अच्छा था. यही कारण है कि इस बार भी पर्व किया जा रहा है और आगे भी इस परंपरा को जारी रखा जाएगा. बता दें कि आईपीएस अंजनी खुद दाउरा सिर पर उठाकर छठ घाट तक जाते हैं और पूरा परिवार भगवान भास्कर को अर्ध्य देता है.

रिष्मा परंपरा को फिर शुरू की: अंजनी
आईपीएस अंजनी अंजन ने बताया कि छठ पर्व झारखंड, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में काफी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. घर में बचपन से छठ होता देख रहा था. लेकिन, मां के देहांत के बाद से पर्व नहीं हो रहा था. जिस परंपरा को रिष्मा ने एक बार फिर से शुरू किया. प्रकृति पूजन के इस पर्व को सभी को बहुत-बहुत बधाई.

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