केयू को मिली भूकंपीय खतरे संबंधी भारत- इटली अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।
वैश्विक शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में केयू ने स्थापित किए हैं नए आयाम : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
केयू भूभौतिकी विभाग के वैज्ञानिकों की एक टीम को अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना मिलना बडे़ गर्व का विषय।
कुरुक्षेत्र, 28 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को भूकंपीय खतरे के आंकलन को लेकर प्रतिष्ठित भारत-इटली संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की योजना के तहत केयू भूभौतिकी विभाग के वैज्ञानिकों की टीम को अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना मिली है। इस उपलब्धि के लिए टीम को बधाई देते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने वैश्विक शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना मिलना केयू की वैश्विक शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता, उत्कृष्टता एवं प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से शोध दल में शामिल भूभौतिकी विभाग के शिक्षक डॉ. आरबीएस यादव (प्रमुख अन्वेषक) और डॉ. मनीषा संधू (सह-प्रमुख अन्वेषक) को विशेष रूप से बधाई दी। गौरतलब है कि भारत-इटली संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग कार्यक्रम की ‘शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान’ योजना के तहत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित है। इस अवसर पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने भी डॉ. आरबीएस यादव व डॉ. मनीषा संधू को बधाई दी।
वहीं शोध दल में भूभौतिकी विभाग के शिक्षक डॉ. आरबीएस यादव (प्रमुख अन्वेषक) व डॉ. मनीषा संधू (सह-प्रमुख अन्वेषक) के साथ राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), नई दिल्ली के डॉ. एपी सिंह और सीएसआईआर- एनईआईएसटी, असम के डॉ. शांतनु बरुआ शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उद्देश्य भारतीय और इतालवी वैज्ञानिकों के बीच आपसी यात्राओं और संयुक्त अनुसंधान के माध्यम से वैज्ञानिक ज्ञान के आदान-प्रदान और उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा देना है। इस मौके पर केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार ने दोनों शिक्षकों को बधाई दी।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रो. संजीव अग्रवाल, भूभौतिकी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भगवान सिंह चौधरी सहित डॉ. आरबीएस यादव (प्रमुख अन्वेषक) और डॉ. मनीषा संधू (सह-प्रमुख अन्वेषक) मौजूद रहे।
शोध परियोजना में केयू हरियाणा एवं उत्तर भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय।
भूकंपीय खतरे संबंधी भारत-इटली अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना में केयू हरियाणा एवं उत्तर भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है। वहीं इस शोध परियोजना का चयन वैज्ञानिक योग्यता, राष्ट्रीय प्राथमिकता और परियोजना समन्वयकों की विशेषज्ञता के आधार पर किया गया था। इसके लिए प्राप्त 83 पात्र प्रस्तावों में से केवल 10 को वित्त पोषण के लिए चुना गया जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा एवं उत्तर भारत से एकमात्र प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय है।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख अन्वेषक डॉ. आरबीएस यादव ने बताया कि इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य भारत के भूकंपीय क्षेत्र चतुर्थ के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) के लिए विश्वसनीय, समय-निर्भर भूकंपीय खतरा मॉडल विकसित करना है ताकि शोध के माध्यम से भूकंप के जोखिम को कम कर भूकंपीय प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा सके।
- यह भी पढ़े…………
- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नशे के विरुद्ध माउंट एवरेस्ट बेस कैंप फतेह करने वाली नौ वर्षीय एनाया सौदा को दी शुभकामनाएं
- भारत-पाक सीमा के चार राज्यों में मॉक ड्रिल की तैयारी हो रही है ,क्यों?