कुलदीप सेंगर को रिहाई नहीं-सुप्रीम कोर्ट

कुलदीप सेंगर को रिहाई नहीं- सुप्रीम कोर्ट

हम पीड़िता के प्रति जवाबदेह- CBI

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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उन्नाव दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की जमानत को हरी झंडी दिखा दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया है। कुलदीप सेंगर को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।

1 हफ्ते में मांगा जवाब

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। इसके लिए पूर्व विधायक को 1 हफ्ते का समय दिया गया है। कुलदीप सेंगर को अगले 7 दिन में जवाब दाखिल करना होगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने दी थी जमानत

2017 के उन्नाव रेप केस में दोषी पाए जाने के बाद पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। मगर, दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की सजा खारिज करते हुए जमानत को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने दिल्ली में प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

SC ने जारी किया नोटिस

CBI ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसपर आज सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए जमानत याचिका पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर से एक हफ्ते में जमानत पर जवाब भी मांगा है।

हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की याचिका पर सुनवाई करते हुए, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन-जजों की वेकेशन बेंच ने कहा कि सेंगर को हिरासत से रिहा नहीं किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमें इस बात का पता है कि जब किसी दोषी या विचाराधीन कैदी को रिहा किया जाता है, तो ऐसे आदेशों पर आमतौर पर इस कोर्ट द्वारा उन लोगों को सुने बिना रोक नहीं लगाई जाती है।

लेकिन खास तथ्यों को देखते हुए, जहां दोषी को एक अलग अपराध के लिए भी दोषी ठहराया गया है, हम दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हैं।’

सेंगर को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने सेंगर को नोटिस भी जारी किया। जिसमें निर्देश दिया गया है कि चार हफ्तों के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए।

CBI की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल

सुनवाई के दौरान, CBI की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे बहुत भयानक मामला बताया। उन्होंने कहा, ‘हम पीड़िता के प्रति जवाबदेह हैं।’

दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

बता दें दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को उन्नाव के चार बार के विधायक रहे कुलदीप सेंगर की जेल की सजा को उनकी अपील लंबित रहने तक सस्पेंड कर दिया था। यह कहते हुए कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुके हैं कोर्ट ने सेंगेर को सशर्त जमानत दे दी थी।

हालांकि, वह जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी 10 साल की जेल की काट रहे हैं और उस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है।

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