बिहार में साक्षरता दर सबसे कम,क्यों?

बिहार में साक्षरता दर सबसे कम,क्यों?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय यादव ने रविवार को कहा कि बिहार में करीब 20 साल से एनडीए की सरकार है, लेकिन आज भी राज्य कई मामलों में काफी पिछड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि सोमवार को बिहार विधानसभा में 2025-26 का बजट पेश होने वाला है, इसे लेकर सरकार को सोचना चाहिए.

बिहार में गरीबी और पलायन सबसे अधिक: RJD

पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संजय यादव ने कहा, “बिहार का कल (सोमवार को) बजट आ रहा है. लेकिन उससे पहले नीति आयोग के जो सूचकांक हैं, उस पर बिहार सरकार को अमल करना चाहिए. बिहार में 20 साल से एनडीए की सरकार है. देश में सबसे कम साक्षरता दर बिहार की है. प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम बिहार की है और प्रति व्यक्ति निवेश भी देश में सबसे कम बिहार में होता है. किसानों की देश में सबसे कम आय बिहार में है। बेरोजगारी सबसे अधिक बिहार में है. गरीबी और पलायन सबसे अधिक बिहार में है.”

युवाओं को रोजगार तब मिला जब तेजस्वी यादव सरकार में आए: राजद

संजय यादव ने आगे कहा कि युवा आबादी सबसे अधिक बिहार में है, लेकिन युवाओं को रोजगार तब मिला जब तेजस्वी यादव 17 महीने सरकार में आए। जब 17 महीने महागठबंधन की सरकार थी, तब जातीय सर्वे कराया गया था. उस सर्वे में 94 लाख ऐसे परिवारों को चिह्नित किया गया था, जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है. ऐसे परिवारों के लिए उस समय योजना बनी थी कि उन्हें लघु योजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से दो लाख रुपये दिए जाएंगे.

राजद नेता ने कहा कि पलायन बिहार की बड़ी समस्या है. हमारी मांग है कि सरकार इन सभी मामलों को बजट में शामिल करे और इन समस्याओं को दूर करे. उन्होंने कहा कि हर बात पर नहीं कहा जा सकता है कि 2005 के पहले क्या था. 2005 के बाद क्या किया. ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या सबसे अधिक बिहार में है.

 

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