अखिल भारतीय ब्याहुत कलवार महासभा,पटना द्वारा भगवान श्री बलभद्र पूजनोत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया
श्री बलभद्र पूजनोत्सव में बिहार के अलावे देश के अन्य प्रदेशों से भी बलभद्र वंशी पटना पहुंचे थे, बड़ा ही भव्य आयोजन हुआ
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
अखिल भारतीय ब्याहुत कलवार महासभा के तत्वधान में 5252 वां श्री बलभद्र जयंती के उपलक्ष्य में 37 वां श्री बलभद्र पूजनोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया.
यह आयोजन महाराना प्रताप भवन,आर्य कुमार रोड, पटना में आयोजित किया गया, जिसमें बिहार के साथ ही विभिन्न प्रदेशों से आये हजारों बलभद्र वंशियों ने भाग लिया।
भगवान श्री बलभद्र पुजनोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री तार किशोर प्रसाद, डिप्टी सीएम बिहार, श्री विनोद कुमार जायसवाल, माननीय विधान परिषद, सिवान, सीता साहू, मेयर पटना और महासभा के पदाधिकारी गण श्री दिनेश कुमार भगत, श्री रौशन कुमार गुप्ता, श्री गणेश कुमार भगत, श्रीमती स्नेह लता देवी, श्री सुशील कुमार ब्याहूत, श्री अमित कुमार ब्याहूत ने मिलकर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
भगवान श्री बलभद्र पूजा करने के उपरांत बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री तार किशोर प्रसाद ने पूजनोत्सव मे आये बलभद्र वंशियों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बलभद्र की भक्ति से समाज में भाईचारा बढ़ता है और हम सबको मिल-जुलकर विकास की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। युवाओं को शिक्षा और संस्कारों पर फोकस करना चाहिए ताकि वे अपने समुदाय और देश के उज्जवल भविष्य में योगदान दे सकें।
उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। साथ ही, उन्होंने कहा किआज समाज में महिलाओं की भागीदारी से समाज को और मजबूती मिली है।
अन्य अतिथियों ने भी इस अवसर पर भगवान बलभद्र के सम्मान और सामाजिक एकता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे उत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते हैं और नई पीढ़ी को प्रेरित करते हैं।
भगवान श्री बलभद्र बलभद्र वंशियों के देवता हैं और भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई भी हैं. पाँच हजार वर्ष से भी अधिक पुराना भगवान श्री बलभद्र जी की जयंती का इतिहास रहा है। भगवान श्री बलभद्र किसानों के भी पूजनीय हैं । उन्हें हलधर भी कहा जाता है। भगवान श्री बलभद्र विश्व के श्रेष्ठतम गदाधारी थे । बलभद्र वंशियों में बान की प्रथा है। इस बान प्रथा क़ो 5 हजार से भी अधिक वर्षों से बलभद्र वंशी निभाते आ रहे है। बलभद्र वंशी में बान प्रथा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है , जिसकी चर्चा आज DNA के रूप में भी की जाती है। यह भी उल्लेखनीय है कि बलभद्र वंशी महिलाये विशेष कर जयंती के अवसर पर व्रत रखकर अपने संतानों के दीर्घायु होने की कामना करती है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्री बलभद्र पूजन उत्सव का आयोजन बड़े ही भव्य तरीके से किया गया.
वहीं दूसरी तरफ बिहार के साथ-साथ विभिन्न प्रांतो से आए हुए समाज के लोगों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी.
भगवान श्री बलभद्र पूजा अर्चना के बाद कलवार समाज के कुंवारे युवक एवं युवतियों का वैवाहिक परिचय का आयोजन भी किया गया एवं पूजा के आयोजको द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन भी किया गया था, संस्कृति कार्यक्रम में महिला एवं पुरुष कलाकारों ने एक से एक भक्ति पूर्ण गीत संगीत के द्वारा लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने भी अपने नृत्य से लोगों का मन मोह लिया.
इस पूजन उत्सव में दो हजार से भी अधिक बलभद्रवंशी बलभद्र पूजन उत्सव में शामिल हुये थे,
अखिल भारतीय वियाहुत कलवार महासभा के दिनेश कुमार भगत, रौशन कुमार गुप्ता, गणेश कुमार भगत, श्रीमती स्नेह लता देवी, सुशील कुमार ब्याहूत, अमित कुमार ब्याहूत आदि पदाधिकारी के लगन और मेहनत से श्री बलभद्र पूजनोत्सव का आयोजन बहुत ही भव्य तरीके से संपन्न हुआ.
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