मशरक के कवलपुरा रेलवे ढाला से 99 हजार लूटकांड मामले में मुख्य आरोपी अंकित कुमार ने किया कोर्ट में सरेंडर

मशरक के कवलपुरा रेलवे ढाला से 99 हजार लूटकांड मामले में मुख्य आरोपी अंकित कुमार ने किया कोर्ट में सरेंडर

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श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):

सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक शाखा चैनपुर से 99 हजार रुपए निकासी कर कवलपुरा अपने घर जाने के क्रम में कवलपुरा रेलवे ढाला के पास महिला ग्राहक से अज्ञात अपाची सवार के द्वारा रूपयों से भरा झोला लूटने के कांड का थाना पुलिस ने उद्भेदन कर खुलासा कर दिया था। वही कांड में शामिल तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

जबकि मुख्य आरोपी फरार चल रहा था। जिसमे उसने भी छपरा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। उसके बाद उसको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि लूटकांड में शामिल अपाची बाइक के साथ पांच मोबाईल और नगदी दस हजार रुपए बरामद किया गया था। मामलेे में थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया था कि महिला से 99 हजार लूटकांड कांड संख्या 609/21 के अनुसंधानकर्ता प्रशिक्षु दारोगा आशुतोष कुमार ने मामलेे में दारोगा राजेश कुमार रंजन की मदद से खुलासा कर गिरफ्तार तीन अभियुक्तों को मंडल कारा छपरा भेज दिया था। वही फरार मुख्य आरोपी अंकित कुमार की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी।

लेकिन आरोपी ने खुद से ही सरेंडर कर दिया। मामलेे में दारोगा राजेश कुमार रंजन ने बताया कि कवलपुरा पंचायत के कवलपुरा गाँव निवासी बिंदु देवी पति लाल बहादुर राय के द्वारा मशरक थाना में एक लिखित आवेदन दिया गया था, जिसमें 99 हजार रुपयों से भरा झोला ब्लू रंग की अपाची सवार दो अज्ञात अपराधियों के द्वारा छीन लिया गया था। मामलेे में महिला के पति ने अपाची पर अंकित चार अंक याद रखनें की जानकारी पुलिस को दी थी।

वही उनकेे द्वारा दूसरे कांड में जांच-पड़ताल के दौरान रामघाट गांव में शराब कांड में नामजद आरोपी के यहां खड़ी अपाची के नम्बर को देख अपाची के बारे में जानकारी मांगी गई थी।तों उसने मामलेे में जानकारी दी की ब्लू रंग की अपाची गोपालवाड़ी गांव निवासी अभिरंजन कुमार पिता हरेंद्र सिंह की हैं मामले में अभिरंजन कुमार को गिरफ्तार कर उसकी अपाची बाइक के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

तों उसने आनाकानी की तों जब उसे उसकी अपाची बाइक दिखाई गयी तों उसने लूटकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया था। और उसने बताया था कि उसी के गांव का अंकित कुमार व मंजीत कुमार पिता स्वर्गीय पारस सिंह और चैनपुर गांव निवासी सूरज कुमार पिता जलेश्वर प्रसाद ने मिलकर लूटकांड को अंजाम दिया था। घटना के बारे में दारोगा राजेश कुमार ने खुलासा किया था कि लूटकांड का मास्टरमाइंड अंकित कुमार हैं उसी ने मंजीत से मिलकर घटना की रूप रेखा तैयार किया था।

जिसमें अभिरंजन को बाइक देने का जिम्मा सौंपा गया था। वही सुरज को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर नजर रख वैसे रूपये निकालने वालें की पहचान करने को कहा गया था जो कमजोर या महिला हो। जिसमें सुरज ने महिला को रूपये निकालते देख सभी को सुचना दी थी। फिर मंजीत अपाची चलाने लगा और अंकित पीछे बैठा और महिला से रेलवे ढाला के पास सुनसान इलाके में रूपयों से भरा झोला छीन फरार हो गए थे। और बाइक छिपा दिए। वही लूट के रूपयों में अंकित और मंजीत ने 30-30 हजार बाट लिए और 20 हजार अभिरंजन व 19 हजार सुरज के हिस्से में दे दिया गया था। मामले में फरार मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी कि खुद से ही अंकित कुमार ने छपरा कोर्ट में सरेंडर किया जो कि मुख्य आरोपी है।

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