मन की बात@ भारत के लिए गर्व और आत्मविश्वास का वर्ष रहा 

मन की बात@ भारत के लिए गर्व और आत्मविश्वास का वर्ष रहा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 2025 के अंतिम संस्करण में वर्षभर की उपलब्धियों, राष्ट्रीय भावनाओं और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारत के लिए गर्व के अनेक पड़ाव लेकर आया, जिनकी यादें हमें लंबे समय तक प्रेरित करती रहेंगी।

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सुरक्षा, खेल, विज्ञान, संस्कृति व वैश्विक मंच के कई क्षेत्र में भारत की सशक्त मौजूदगी साफ दिखाई दी। ‘मन की बात’ का यह 129वां एपिसोड था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भारत का प्रभाव हर क्षेत्र में स्पष्ट रूप से उभरा। आस्था, संस्कृति और भारत की विशिष्ट विरासत दिखी। उन्होंने ‘आपरेशन सिंदूर’ को गर्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि दुनिया ने देखा कि आज का भारत सुरक्षा से समझौता नहीं करता। आपरेशन के दौरान देश के हर कोने से ‘मां भारती’ के प्रति प्रेम, समर्पण एवं एकजुटता की भावनाएं सामने आईं।

नई उम्मीदों के लिए तैयार

2026 में भी हम नई उम्मीदों और नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने का भी उल्लेख करते हुए कहा कि देशवासियों ने पूरे उत्साह के साथ अपने विचार साझा किए। यह जनभागीदारी राष्ट्रीय चेतना का सशक्त उदाहरण बनी। मोदी ने 2025 को खेलों के लिहाज से भी ऐतिहासिक बताया और कहा कि पुरुष क्रिकेट टीम ने आइसीसी चैंपियंस ट्राफी जीती, जबकि महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्व कप जीतकर इतिहास रचा।

महिला ब्लाइंड टी-20 विश्व कप में भारत की बेटियों की जीत, एशिया कप टी-20 में शानदार प्रदर्शन और पैरा-एथलीटों द्वारा विश्व चैंपियनशिप में जीते गए पदकों ने देश को गौरवान्वित किया। विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी भारत ने बड़ी छलांग लगाई। प्रधानमंत्री ने बताया कि शुभ्रांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।

भारत को उम्मीदों से देख रही दुनिया

दुनिया आज भारत को उम्मीदों से देख रही है और इसकी सबसे बड़ी ताकत भारत की युवा शक्ति है, जो नवाचार और तकनीकी विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। मोदी ने विश्वभर में भारतीय संस्कृति और भाषाओं के प्रचार की सराहना करते हुए उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली भावना को विशेष रूप से रेखांकित किया।

फिजी में तमिल भाषा से नई पीढ़ी को जोड़ने के प्रयासों, वहां ‘तमिल दिवस’ के आयोजन और दुबई में रहने वाले भारतीयों द्वारा शुरू की गई ‘कन्नड़ पाठशाला’ की उन्होंने प्रशंसा की और बताया कि इस पहल से बच्चे अपनी मातृभाषा से जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मातृभाषा हिंदी है, लेकिन तमिल भाषा के प्रति प्रेम ने उन्हें तमिल सीखने के लिए प्रेरित किया।

वाराणसी में आयोजित चौथे ‘काशी तमिल संगमम’ और ‘तमिल सीखें’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि भाषा और संस्कृति देश को जोड़ने की सबसे मजबूत कड़ी हैं। मोदी ने कश्मीर के बारामूला में मिले दो हजार वर्ष पुराने मानव निर्मित बौद्ध संरचनाओं का उल्लेख किया, जो भारत के गौरवशाली अतीत की याद दिलाते हैं।

प्रधानमंत्री ने पर्यावरण और जैव विविधता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में चीतों की संख्या बढ़कर 30 से अधिक हो गई। वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया, जबकि अंत में अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह गर्व का क्षण बना।

प्रमुख उपलब्धियाँ और मुख्य बिंदु:
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की विशेष सराहना की, इसे हर भारतीय के लिए गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज का भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता है और दुनिया ने भारत का यह मजबूत रुख देखा है।
  • खेल: 2025 भारतीय खेलों के लिए एक यादगार वर्ष रहा। पुरुष क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती, महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्व कप जीता, और महिला ब्लाइंड टी20 विश्व कप में भी ऐतिहासिक जीत हासिल हुई।
  • विज्ञान और अंतरिक्ष: भारत ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।
  • सांस्कृतिक और विरासत: वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन और अंत में अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया।
  • आत्मनिर्भरता: लोगों ने स्वदेशी उत्पादों के प्रति जबरदस्त उत्साह दिखाया है, जिससे ‘विकसित भारत’ और आत्मनिर्भरता की भावना को बल मिला है। 
प्रधान मंत्री ने कहा कि 2025 ने भारत को और भी अधिक आत्मविश्वास दिया है और देश 2026 में नई उम्मीदों और संकल्पों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। 

 

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