मनोज जरांगे पाटिल ने खत्म किया अनशन,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट उप-समिति की ओर से पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने सहित मराठा आरक्षण पर उनकी ज्यादातर मांगों को मान लिया गया है। एक्टिविस्ट मनोज जरांगे ने मंगलवार को पांचवें दिन अपना अनशन खत्म करते हुए जीत की घोषणा की। इस घोषणा के बाद उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है।
मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार की कैबिनेट उप-समिति के साथ बैठक के बाद, जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों से कहा, “हम जीत गए हैं।”
‘अब खत्म होगा आंदोलन’
पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग पर सहमत हो गई है, जिससे आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की ओर से आज ही कुछ देर में जीआर यानी सरकारी आदेश जारी किया जाएगा। अधिकारी जीआर प्रक्रिया के लिए रवाना हो गए। आंदोलन आज खत्म होगा। मनोज जरांगे ने कहा कि जीआर आने पर भूख हड़ताल खत्म कर दूंगा।
जरांगे ने हाई कोर्ट को दिया भरोसा
इसके अलावा, मनोज जरांगे ने हाई कोर्ट को भरोसा दिया कि उनके अधिकांश समर्थक या तो मुंबई छोड़ चुके हैं या मंगलवार को छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग मुंबई के रास्ते समझते नहीं हैं। आप लोगों ने गाड़ियों पर 5 हजार का दंड लगाया है, उसे वापस लीजिए। सरकार ने बात मानी है। हम यहां से जश्न मनाकर ही जाएंगे। जश्न मनाना मतलब हुल्लड़बाजी नहीं है। GR (सरकारी आदेश) लेकर आइए तुरंत हम आंदोलन खत्म कर गुलाल उड़ाएंगे।
मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के पीड़ितों के परिवारों को 15 करोड़ रुपये देने का फैसला किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य परिवहन बोर्ड में नौकरियां दी जाएंगी, अब इसमें बदलाव होना चाहिए। अगर बच्चे की पढ़ाई ज्यादा है तो सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।
जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि ‘हम जीत गए हैं।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अगर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया तो आज रात नौ बजे तक मुंबई से रवाना हो जाऊंगा।
सरकार ने क्या किया वादा, जरांगे ने बताया
मनोज जरांगे ने कहा कि अब तक आंदोलनकारियों पर जो कारवाई हुई है, सरकार ने सितम्बर तक सारे केस वापस लेने का वादा किया है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल,शिवेंद्र राजे भोंसले, जय कुमार गोरे और माणिकराव कोकाटे आजाद मैदान पहुंचे। चारों कैबिनेट मंत्री हैं। चारों मंत्रियों ने जरांगे को आरक्षण को लेकर समिति से जो चर्चा हुई, उसकी जानकारी दी।
पांच दिन से अनशन कर रहे हैं लक्ष्मण हाके और नवनाथ वाघमारे
संपूर्ण मराठा समाज को कुनबी (खेतिहर मराठा) का दर्ज देकर उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने चार दिन पहले ही अपना अनशन स्थगित किया है। उनका अनशन जालना के अंतरवली सराटी गांव में चल रहा था। इस गांव से कुछ ही दूरी पर दूसरे गांव वाडीगोदरी में ओबीसी समाज के कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके एवं नवनाथ वाघमारे पांच दिन से अनशन कर रहे हैं। रविवार से उन्होंने जल ग्रहण करना भी बंद कर दिया है।
ये दोनों मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल की इस मांग का विरोध कर रहे हैं कि संपूर्ण मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए। वे सरकार द्वारा जारी इस आदेश को रद करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके मराठों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी घोषित करने की बात कही गई है, जबकि जरांगे पाटिल ने इसी शर्त पर अपना अनशन खत्म किया है कि अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके 54 लाख मराठों के सभी सगे-संबंधियों को एक माह के अंदर कुनबी प्रमाणपत्र दे दिया जाए। नहीं तो वह फिर से अपना अनशन शुरू कर देंगे। दोनों समाजों में यह टकराव राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने अनशन खत्म करने का किया आग्रह
सोमवार को राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल अनशन पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं से मिलने वाडीगोदरी गांव पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता डा. भागवत कराड के साथ शिवसेना शिंदे गुट के नवनिर्वाचित सांसद संदीपन भुमरे एवं राज्य सरकार में मंत्री अतुल सावे थे।
डॉ. कराड ने लक्ष्मण हाके एवं नवनाथ वाघमारे से अनशन खत्म करने या जल ग्रहण करने का आग्रह किया, लेकिन अनशनकारियों ने उनका यह आग्रह यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह तब तक जल ग्रहण नहीं करेंगे, जब तक मुख्यमंत्री अब तक कुनबी घोषित किए जा चुके मराठों के सगे-संबंधियों को भी कुनबी प्रमाणपत्र दिए जाने का आदेश रद नहीं करेंगे।
ओबीसी आंदोलनकारियों की उपेक्षा उचित नहीं: पंकजा मुंडे
भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने भी अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार को सभी आंदोलनकारियों के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल के लिए लाल कालीन बिछा देना और ओबीसी आंदोलनकारियों की उपेक्षा करना उचित नहीं है। रविवार को पूर्व भाजपा विधायक एवं ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे ने भी आंदोलनकारियों से मिलकर उन्हें अपना समर्थन दिया।