यह सुअवसर देशवासियों के लिए नया जोश लेकर आए -पीएम मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम मोदी ने लाल किले पर 12वीं बार तिरंगा फहराया। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के दौरान प्रधानमंत्री के साथ फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा मौजूद रहीं। इसके बाद 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के वीर तोपचियों ने 21 तोपों की सलामी दी। मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी का यह महापर्व 140 संकल्पों का पर्व है। आजादी का ये पर्व सामूहिक सिद्धियों, गौरव का पर्व है। हृदय उमंग से भरा हुआ है।
देश एकता की भावना को मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं। हर घर तिरंगा है। भारत के हर कोने से हिमालय हो या रेगिस्तान हो या समुद्र तट हो, हर तरफ एक ही गूंज है- हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है।
धारा 370 हटने से एक देश, एक संविधान साकार हुआ
पीएम बोले, ‘1947 में अनंत संभावनाओं के साथ कोटि-कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ देश आजाद हुआ। देश का आकांक्षाएं उड़ाने भर रही थीं, लेकिन चुनौतियां उससे भी कुछ ज्यादा थी। पूज्य बापू के सिद्धांतों पर चलते हुए संविधान सभा के सदस्यों ने महत्वपूर्ण दायित्व निभाया। भारत का संविधान प्रकाश स्तंभ बनकर मार्ग दिखाता रहा है।
पीएम ने कहा, ‘संविधान निर्माता राजेंद्र प्रसाद, अंबेडकर, नेहरू, सर्वपल्ली राधाकृष्णन रहे हैं। कई विदुषी महिलाओं ने इसमें भूमिका निभाई थी। मैं इस सभी को नमन करता हूं। हम आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे भारत के संविधान के लिए जान देने वाले पहले पुरुष थे। धारा 370 की दीवार गिराकर एक देश, एक संविधान के मंत्र को जब साकार किया, तब डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी।’
आतंकियों और उनको पालने वालों को हम अलग-अलग नहीं मानेंगे
हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया है। हमने न्यू नॉर्मल प्रस्थापित किया है। आतंकियों और उनको पालने-पोसने वालों को हम अलग-अलग नहीं मानेंगे। भारत ने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम सहने वाले नहीं है। न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे वक्त से चला आ रहा है। अब ब्लैकमेल नहीं सहेंगे। आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, सेना तय करेगी, वह जो समय , तौर-तरीके, लक्ष्य निर्धारित करेगी, हम अमल में लाने वाले हैं। मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एकसाथ नहीं बहेंगे।
गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया
‘आजादी के लिए कई लोगों ने अपनी जिंदगी खपा दी। उनके मन में एक ही भाव था- स्वाभिमान। गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया। गुलामी ने हमें निर्भर भी बना दिया। दूसरों पर हमारी निर्भरता बढ़ती गई। आजादी के बाद करोड़ों का पेट भरना चुनौती थी, लेकिन हमारे किसानों ने अन्न के भंडार भर दिए। किसी भी देश के आत्मसम्मान की कसौटी आत्मनिर्भरता है।
जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर बड़ा प्रश्नचिह्न लग जाता है।’ मोदी ने कहा, ‘ जब निर्भरता की आदत लग जाए, यह खतरे से कम नहीं है। आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात-निर्यात तक सीमित नहीं है। आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा है। जब ये खत्म होने लगती है तो सामर्थ्य भी क्षीण हो जाता है। हमारे सामर्थ्य को बचाए, बनाए और बढ़ाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है। ऑपरेशन सिंदूर में आत्मनिर्भरता की ताकत देखी। दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौन सा हथियार उन्हें खत्म कर रहा है।’
एक दिन हमारा स्पेस स्टेशन होगा
‘ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS से लौट चुके हैं। स्पेस में भी अपने बलबूते पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, भारत इस पर काम कर रहा है। 140 करोड़ भारतवासी 2047 में विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए ताकत से जुटे हैं। भारत आज हर सेक्टर आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। यही हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। मैं अपने युवा, टैलेंटेड यूथ, हर के हर विभाग को आह्वान है कि हमारा अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन होना चाहिए।’
युवाओं अपने आइडियाज को कभी मरने मत देना
मैं देश के युवाओं से कहता हूं कि अपने आइडियाज को कभी मरने मत देना। मैं आपके साथ खड़ा हूं। आपका साथी बनने के काम करने के लिए तैयार हूं। जो युवा मैन्युफैक्चरिंग के बारे में सोचते हैं वो अगर सरकार के नियमों में बदलाव चाहते हैं तो मुझे बताइए। हम एक भी पल अब गंवाना नहीं चाहते। जब सरकार और मैं स्वयं आपके साथ हूं तो हम नया इतिहास बना सकते हैं। साथियों आज नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन पर तेजी से काम हो रहा है।’
किसी की लकीर छोटी करने में ऊर्जा ना खपाएं
‘हमें किसी की भी लकीर छोटी नहीं करनी है। किसी की लकीर को छोटा करने में हमें अपनी ऊर्जा नहीं खपानी है। हमें अपनी लकीर लंबी करनी है। हम अगर अपनी लकीर लंबी करते हैं तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी और ऐसे समय में जब वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है तो समय की मांग है कि हम उन संकटों पर रोते नहीं रहें बल्कि हिम्मत के साथ अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहे। अगर हमने ये रास्ता चुन लिया तो फिर कोई स्वार्थ हमें अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता। उन्होंने कहा कि बीता दशक रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का रहा है, लेकिन अब हमें और नई ताकत से जुटना है।
संघ के समर्पण को याद किया
पीएम ने कहा- हमें हमारी सभी भाषाओं पर गर्व होना चाहिए। पांडुलिपि में ज्ञान के भंडार हैं। ज्ञान भारत योजना के तहत जहां भी पांडुलिपियां हैं, टेक्नोलॉजी की मदद से इन्हें संजोने का काम कर रहे हैं, ताकि लोगों के लिए काम आएं। देश कोटि-कोटि लोगों ऋषि-मुनि, किसान, मजदूर, सेना के पुरुषार्थ से बनता है।
पीएम ने RSS के लिए कहा- 100 साल से पहले एक संगठन का जन्म हुआ- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। इसने मातृभूमि के लिए समर्पण किया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा NGO है। सेवा, समर्पण, संगठन और अद्वितीय अनुशासन के माध्यम से, आरएसएस ने राष्ट्र निर्माण में एक अनूठी भूमिका निभाई है। इसे दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठनों में से एक माना जाता है। मैं लाल किले की प्राचीर से सभी स्वयंसेवकों का नमन करता हूं।