आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 10 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का हुआ वितरण

आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 10 फाइलेरिया के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का हुआ वितरण
• हाथीपांव के मरीजों को सेल्फ केयर की दी गयी जानकारी
• 5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण
• फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

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सारण   जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हाथीपांव के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के दरियापुर प्रखंड के सुतिहार आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर 10 हाथी पांव के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। इसके साथ हीं वीबीडीएस घनश्याम यादव औ सीएचओ नंदन कुमार के द्वारा सेल्फ केयर के बारे में जानकारी दी गयी। मरीजों को एमएमडीपी किट के माध्यम से टब, टॉवल, साबुन, क्रीम, लोशन विशेष प्रकार की चप्पल जैसे कई महत्वपूर्ण सामग्री दी जा रही है। जिससे की फाइलेरिया पीड़ित मरीज एमएमडीपी किट से खुद को स्वच्छ रख अपना बचाव कर सकें। वहीं इस बीमारी से दिव्यांग हुए मरीजों को चिह्नित कर उनका ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है और सरकार योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया जा रही है। इस पहल का उद्देश्य है कि फाइलेरिया से दीर्घकालिक रूप से प्रभावित मरीजों को सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा लाभ का पूरा हक मिल सके, जिसके लिए विकलांगता प्रमाण पत्र आवश्यक होता है।

5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण:
वीबीडीएस घनश्याम यादव ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है।

क्या हैं एमएमडीपी किट के फायदे:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह के अनुसार हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए एमएमडीपी किट काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि, इस किट में कई सामान और दवाइयां होती है. जिसके इस्तेमाल से हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि इस किट का इस्तेमाल करने के लिए भी हाथीपांव के मरीजों की समय-समय पर प्रशिक्षण आयोजित कर जानकारी दी जाती है।

 

इस किट में एक विशेष प्रकार का चप्पल भी होता है जो हाथीपांव के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि, हाथीपांव के मरीजों को इंफेक्टेड हिस्से को धूल और गंदगी से बचाना होता है। इसके अलावा उस हिस्से को साफ करने के लिए साबुन और लगाने के लिए क्रिम भी दिया जाता है।

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