कोरोना से 17 लाख ज्यादा बढ़े संक्रमित, 77 फीसद से ज्यादा की वृद्धि.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में कोरोना वायरस जल्दी-जल्दी रूप बदल रहा है और ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। संक्रमण के प्रसार में तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले सात दिनों में ही 17 लाख से ज्यादा संक्रमित बढ़ गए हैं, जबकि उससे पहले के हफ्ते में 10 लाख से ज्यादा मामले बढ़े थे। नए मामलों में यह वृद्धि 62 फीसद है।

एक हफ्ते में 77 फीसद से ज्यादा की वृद्धि

पिछले एक हफ्ते से रोजाना दो लाख से ज्यादा नए मामले मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा करीब तीन लाख नए केस सामने आए हैं। वल्र्डोमीटर और कोविड-19 इंडिया ओआरजी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले सात दिनों में संक्रमितों की संख्या में 17,37,575 की वृद्धि हुई है। इससे पहले वाले हफ्ते में 10,71,575 मामले बढ़े थे। मौत के मामले में एक हफ्ते में 77 फीसद से ज्यादा की वृद्धि हुई है। पिछले सात दिनों में 10,455 लोगों की मौत हुई है। जबकि, उससे पहले के सात दिनों में 5,905 लोगों की जान गई थी। पिछले सात दिनों में 10 लाख आबादी पर 1,249 लोग संक्रमित हुए और आठ लोगों की मौत भी हुई।

15 अप्रैल के बाद से रोजाना दो लाख से ज्यादा नए मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 15 अप्रैल के बाद से रोजाना दो लाख से ज्यादा नए मामले मिल रहे हैं। 15 अप्रैल को 2.00 लाख, 16 को 2.17 लाख, 17 को 2.34 लाख, 18 को 2.61 लाख, 19 को 2.73 लाख, 20 को 2.59 लाख और 21 को 2.95 लाख नए मामले मिले हैं। हम देख रहे हैं कि इस दौरान नए मामलों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है, सिर्फ एक दिन कुछ मामले कम हुए हैं, उसकी वजह रविवार को जांच में दो लाख की कमी रही थी।

24 घंटे में सर्वाधिक नए केस

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान 2,95,041 नए केस मिले हैं और 2,023 लोगों की मौैत हुई है। देश में वैश्विक महामारी के सामने आने के बाद दैनिक मामलों और मौतों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1.56 करोड़ को पार कर गया है। 1,82,553 लोगों की अब तक जान भी जा चुकी है और 1.32 करोड मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं।

सक्रिय मामले 21.57 लाख

देश में सक्रिय मामलों यानी ऐसे मरीज जिनका कहीं न कहीं इलाज चल रहा है या जो अस्पताल में, कोविड केयर सेंटर में या फिर घर में ही आइसोलेशन में है, की संख्या 21,57,538 हो गई है, जो कुल संक्रमितों का 13.82 फीसद है। मरीजों के उबरने की दर घटकर 85.01 फीसद पर आ गई है और मृत्युदर भी 1.17 फीसद है।

मंगलवार को 16.39 लाख टेस्ट

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मुताबिक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए मंगलवार को देश भर में 16,39,357 नमूनों की जांच की गई है। इनको मिलाकर अब तक 27 करोड़ 10 लाख 53 हजार से ज्यादा नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।

भारतीय जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ डाॅ. मृणालिनी दरसवाल ने वर्तमान कोरोना संकट से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए ‘बनाओ, खरीदो और लगाओ’ की रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना पर डाॅक्टरेट कर रही आइएएस अधिकारी मृणालिनी

2002 बैच की आइएएस अधिकारी दरसवाल विशेष सचिव (स्वास्थ्य), खाद्य सुरक्षा आयुक्त, औषधि नियंत्रक और दिल्ली सरकार के लिए एचआइवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की परियोजना निदेशक रह चुकी हैं। वर्तमान में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना पर केंद्रित जनस्वास्थ्य पर डाॅक्टरेट कर रही हैं।

मृणालिनी ने कहा- कोरोना वायरस ज्यादा अप्रत्याशित और पकड़ में आने से बचने वाला है

वह कहती हैं कि एचआइवी और फ्लू जैसे वायरसों के मुकाबले यह वायरस ज्यादा अप्रत्याशित और पकड़ में आने से बचने वाला है।

टीकाकरण की वर्तमान दर से 75 फीसद भारतीयों को टीका लगाने में दो साल लगेंगे

उन्होंने कहा कि टीकाकरण की वर्तमान दर से 75 फीसद भारतीयों को टीका लगाने में दो साल लगेंगे। लिहाजा सामान्य स्थिति में लौटने के लिए इसकी गति बढ़ाने और आबादी की कवरेज को कई गुना बढ़ाने की जरूरत है।

लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘बनाओ, खरीदो और लगाओ’ की रणनीति पर कार्य करना होगा

पूरी आबादी की कवरेज के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना होगा और इसके लिए संभावित रणनीति को उन्होंने ‘बनाओ (बिल्ड), खरीदो (बाइ) और लगाओ (जैब)’ नाम दिया। बता दें कि आइएएस अधिकारी बनने से पहले मृणालिनी पेशे से डाॅक्टर थीं।

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