पटना लिट्रेरी फेस्टिवल्स ,(पीएलएफ) के तत्वावधान में मुशायरा सह कवि सम्मेलन आयोजित

पटना लिट्रेरी फेस्टिवल्स ,(पीएलएफ) के तत्वावधान में मुशायरा सह कवि सम्मेलन आयोजित

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

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पटना लिट्रेरी फेस्टिवल्स ,(पीएलएफ) के तत्वावधान में पटना के गायघाट स्थित के एल- 7 होटल व बैंक्वेट हाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरा और कवि सम्मेलन में आज रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विदेशी मेहमान, शायर-शायरा शामिल हुए जिसमें कतर से अतीक अंजार और मास्को, रूस से श्वेता सिंह उमा शामिल थी।

 

इसके अतिरिक्त देश के ख्यातिप्राप्त शायर शकील आजमी, शबाना अदीब,मुमताज नसीम, मजीद देवबंदी, जुबैर अली ताबिश, सज्जाद झंझट, सैयद तबरेज राणा समेत अन्य कई शायर शायरा, कवि शामिल हुए। अन्य शायर कवियों में रेणु हुसैन,कमर अब्बास, डॉ आरती कुमारी, निहारिका छवि,संतोष सिंह, संस्कृति श्री आदि शामिल हुए।

 

कार्यक्रम का उद्घाटन और मुख्य अतिथि बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने किया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण पीएलएफ के संस्थापक सचिव, एडवांटेज मीडिया रूबरू के खुर्शीद अहमद ने किया और कहा कि पटना में सांस्कृतिक माहौल बना रहे। मौके पर मुन्नवर राणा फाउंडेशन की लॉन्चिंग की गई।

 

सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा अहमद ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि मुशायरा में अंत तक बैठा जाता है, और मैं भी बैठूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना बधाई संदेश आयोजकों को दिया है।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ आरती कुमारी की नज्मों से हुआ जिसमें तुम्हीं दुनिया …और शहर में ऊंचे घर है, पीपल की छांव नहीं इसलिए इससे अच्छा गांव है… , काफी पसंद किया गया।
शायर संतोष सिंह ने “मेरा कागज, मेरा देश…” मेरी पहचान कहीं गिर गई है, कोई मेरे देश का परिचय पत्र बनवा दो…। मैं ही बिहार हूं.. जिसमें पूरे बिहार की छवि रखी गई।

कवियत्री निहारिका छवि ने वर्तमान काल में स्त्री की वेदना और नारी शक्ति पर कविता पढ़ी।
सैयद तकरीर राणा ने मुन्नवर राणा के नज़्म नए कमरों में चीजें पुरानी कौन रखता है…। मैं जब भी बात करता हूं मेरा लहजा बताता है, यतीमी मेरे ….।

शायर अब्बास कमर ने शायरी मेरी जिंदगी का सवाल है मेरी जिंदगी…,। छिड़ गई महफिल में कोई बात, मुंह तक आ ही नहीं पाती है कोई बात…। इश्क बे खतरे अंजाम बहुत अच्छा है…कोई करता नहीं पर काम बहुत अच्छा है…।
शायरा रेणु हुसैन ने शेर पढ़ा, फोन बच्चों को सौंप दे हम, पर उनकी आवारगी से डरते है …। गजल पेश किया जिसके बोल थे .. कपस में ही नहीं होगा कभी मलाल मुझे….काफी तालियां बटोरी।

शायर सज्जाद झंझट ने कहा , सिर्फ झंझट नाम से नहीं बिकता तो सोचता हूं डॉक्टर लिखने लगूं …।
चुनावी वर्ष पर मंत्री जी भरोसा दे गए, उसको प्रमोशन मिलेगा जिसके बच्चे तीन हैं ….।
अब्दुल रहमान हैदराबाद से आए हैं।

कार्यक्रम के मुख्य पार्टनर व सहयोगी होटल के एल 7, सामाजिक संस्था नवशक्ति निकेतन, मुन्नवर राणा फाउंडेशन, मीडिया पार्टनर कौमी तंजीम उर्दू दैनिक, रेडियो पार्टनर 95 बिग एफएम,टीवी पार्टनर सलाम टीवी हैं। साथ ही सह प्रायोजक रूबन हॉस्पिटल, किडजी दीघा, खजाना ज्वेलर्स, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पिनेक्स स्टील, पिस्ता हाउस आदि शामिल थे।

 

कार्यक्रम में पीएलएफ के संस्थापक सचिव, एडवांटेज मीडिया रूबरू के खुर्शीद अहमद, नवशक्ति निकेतन के अध्यक्ष रमाशंकर प्रसाद व नवशक्ति निकेतन के महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव, पीएलएफ के अध्यक्ष डॉ सत्यजीत सिंह समेत पटना के कई नामी साहित्यकार, कवि कवियत्री शामिल जिसमें डीजीपी रहे आईपीएस आलोक राज, साहित्यकार मधुरेश, रूबी भूषण, पुणे से सोफिया खान, मुन्नवर आलम के लड़के तबरेज आलम, कौमी तंजीम के असरफ अली, वरिष्ठ पत्रकार फैयाज अहमद शामिल हुए।

 

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