सीवान जिले के 40 गांवों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए होगा नाइट ब्लड सर्वे

सीवान जिले के 40 गांवों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए होगा नाइट ब्लड सर्वे
– सर्वे में मुखिया और वार्ड सदस्य करेंगे सहयोग
• 3 नवंबर से रात में लिया जायेगा ब्लड सैंपल
• फाइलेरिया मरीजों की होगी पहचान
• एक दल में कम से कम चार सदस्य होंगे शामिल, वरीय पदाधिकारी करेंगे निरीक्षण

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान जिले में फाइलेरिया के मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 3 नवंबर से नाइट ब्लड सर्वे चलाया जायेगा। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। इसके साथ हीं सभी लैब टेक्निशियन और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने बताया कि जिले के 20 प्रखंडों के प्रत्येक प्रखंड के 2 गांव तथा शहरी क्षेत्र के 2 वार्ड को चिह्नित किया गया है। जहां पर नाइट ब्लड सर्वे किया जायेगा। डीएमओ ने निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम में एक दल में कम से कम 4 लोग रहेंगे। इस दल के एलटी का काम ब्लड सैम्पल लेना रहेगा। दल का एक सदस्य एलटी का ब्लड सैंपल लेने में मदद करेगा। एक सदस्य भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रहेगा तथा एक सदस्य सैंपल लिए व्यक्ति का नाम, पता रजिस्टर में लिखेगा। आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गांव के लोगों को कैंप स्थल पर जुटाने में मदद करेंगे। मुखिया एवं वार्ड प्रतिनिधि वहां अपनी देखरेख में ब्लड सैंपल लेने का कार्य पूरा कराएंगे। साथ ही सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंड के चयनित गांव में निरीक्षण करने जाएंगे। इसके साथ जिला स्तर के पदाधिकारी और सहयोगी संस्था केयर इंडिया, सीफार और पीसीआई के प्रतिनिधि भी अपनी भूमिका निभाएंगे।

एक सेंटिनेल और दूसरा रैंडम साइट:

केयर इंडिया के डीपीओ अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं। एक सेंटिनेल और दूसरा रैंडम साइट। जहां पर फाइलेरिया के अधिक केस मिले हैं वहां पर सेंटिनेल साइट बनाए गए हैं। इसके अलावा वैसी जगहों पर भी साइट बनाए गए हैं, जहां पर फाइलेरिया के कम मरीज मिले हैं। ऐसी जगहों पर रैंडम साइट बनाए गए हैं। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एक साइट पर 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों की जांच की जाएगी। इसकी सफलता के लिए गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

फाइलेरिया के परजीवी रात में ही होते हैं सक्रियः

नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता । इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।

यह भी पढ़े

मिशन 60 दिन: सदर अस्पताल की बदल रही है तस्वीर, मरीजों को मिल रही गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं

अमनौर के रसूलपुर में श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञ प्रारंभ

जो हाथ गुनाहों के दलदल में सने हुए थे अब वही हाथ कम्प्यूटर के कीबोर्ड पर सुनहरे भविष्य की गाथा लिखेगें

तमिलनाडु में हिंदी का इतना विरोध क्यों है?

Leave a Reply

error: Content is protected !!