शर्मिष्ठा के विरुद्ध शिकायत में किसी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं हुआ है- हाई कोर्ट

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पैगंबर मुहम्मद के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार हुईं इंटरनेट मीडिया एंफ्लुएंसर व कानून विषय की छात्रा शर्मिष्ठा पनौली को कलकत्ता हाई कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को अलीपुर महिला जेल से रिहा कर दिया गया।
शर्मिष्ठा को कोलकाता पुलिस की टीम ने गत 30 मई को गुडगांव से गिरफ्तार किया था। वहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाकर निचली अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से वह जेल में थीं। उनके विरुद्ध वजाहत खान कादरी रशीदी नामक व्यक्ति ने गत 15 मई को कोलकाता के गार्डेनरीच थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की पीठ ने जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि शर्मिष्ठा के विरुद्ध शिकायत में किसी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं हुआ है। शर्मिष्ठा को 10,000 रुपये के मुचलके पर रिहा किया गया है। उन्हें मामले की जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया गया है। न्यायमूर्ति ने पुलिस को शर्मिष्ठा को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।

विवादित टिप्पणी के लिए हुई थी गिरफ्तारी

कोलकाता पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पर आरोप है कि उसने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी साधे हुए हैं. इसके बाद कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर जमकर सियासत

सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर’ शर्मिष्ठा पनोली की गिफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी. कई लोग उसकी गिरफ्तारी को जायज ठह रहे थे तो कई नाजायज. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर कई लोग शर्मिष्ठा के समर्थन में नजर आए तो कुछ उनके खिलाफ. कंटेंट क्रिएटर की गिरफ्तारी पर बंगाल सरकार और पुलिस दोनों की आलोचना भी हुई. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस से सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर’ शर्मिष्ठा पनोली के मामले में “न्यायसंगत” कार्रवाई करने की अपील की थी. इस मामले में जमकर सियासत भी हुई.

शर्मिष्ठा को सांप्रदायिक वीडियो साझा करने के आरोप में हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “ईशनिंदा की अवश्य की निंदा की जानी चाहिए” लेकिन धर्मनिरपेक्षता को “ढाल” के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ईशनिंदा की हमेशा निंदा की जानी चाहिए! धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं है. यह दोतरफा होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल पुलिस, राष्ट्र देख रहा है. सभी के लिए न्यायपूर्ण तरीके से काम करें.”

शर्मिष्ठा की किस बात पर इतना हंगामा

शर्मिष्ठा पनोली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड की चुप्पी पर सवाल उठाए थे. आरोप है कि इस दौरान उन्होंने समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया और अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया. इसके बाद 15 मई को उनके खिलाफ गार्डनरीच थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. कड़ी आलोचनाओं के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो हटा दिया और मामले में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी, लेकिन गिरफ्तारी से नहीं बच सकीं. यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

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