न सिम, न सोशल मीडिया…फिर भी 400 करोड़ का गेम!

न सिम, न सोशल मीडिया…फिर भी 400 करोड़ का गेम!

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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भरतपुर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 400 करोड़ रुपये की ठगी के मास्टरमाइंड को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी रोहित दुबे किसी भी तरह के डिजिटल ट्रेस से बचने के लिए पत्नी के मोबाइल के WiFi के जरिए टेलीग्राम ऐप से गैंग को निर्देश देता था। इतना ही नहीं, पुलिस के पहुंचने से पहले उसने सबूत मिटाने के इरादे से अपना मोबाइल और लैपटॉप नदी में फेंक दिया। इस हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क का संचालन भारत से नहीं, बल्कि कंबोडिया से किया जा रहा था।

कैसे खुला मामले का राज?

पूरी कहानी की शुरुआत 6 मार्च 2025 को हुई, जब धौलपुर के साइबर थाने में हरिसिंह नाम के एक व्यक्ति ने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फिनो पेमेंट बैंक खाते से साइबर फ्रॉड की शिकायत दी। जांच में यह मामला 400 करोड़ के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा निकला।

इसके बाद 8 मई को दिल्ली के मोहन गार्डन से यूपी के बलिया निवासी रविंद्र सिंह (54), दिनेश सिंह (49) और उसकी पत्नी कुमकुम (38) को गिरफ्तार किया गया। फिर 30 मई को MBA डिग्रीधारी और 28 लाख पैकेज की नौकरी छोड़कर साइबर फ्रॉड करने वाले देवेंद्र को भी पकड़ा गया। 15 जुलाई को मिर्जापुर से इस पूरे ऑपरेशन के मास्टरमाइंड रोहित दुबे को गिरफ्तार किया गया, जबकि उसका साथी शशिकांत अभी भी फरार है।

आरोपी की चालबाजियां और गुप्त नेटवर्क

भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के अनुसार, रोहित किसी भी सिम कार्ड या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करता था। वह पूरी कम्युनिकेशन अपनी पत्नी के फोन के WiFi और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए करता था।

पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, रोहित और शशिकांत ने करीब 25 कंपनियों के फर्जी डायरेक्टर बनाकर रजिस्टर्ड कंपनियां खोली थीं, जिनमें से 16 पूरी तरह फर्जी थीं। इन्हीं कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया गया। पैसे एक कंपनी से दूसरी में ट्रांसफर कर उनका सोर्स छिपाया जाता था।

कंबोडिया से जुड़ा अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

आईजी ने बताया कि रोहित और शशिकांत दोनों करीब 7 बार कंबोडिया की यात्रा कर चुके हैं। वहां एक “टेक्निकल टीम” से संपर्क में थे, जिनके जरिए पूरा नेटवर्क ऑपरेट होता था। पूछताछ में सामने आया है कि यह टीम असल में विदेशी साइबर ठग हैं, जो टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए संपर्क में रहते थे।

हालांकि, पुलिस को अभी इन विदेशी ठगों की वास्तविक पहचान नहीं मिल पाई है। जांच टीम टेलीग्राम ग्रुप्स और चैट्स की गहनता से जांच कर रही है।

ऑनलाइन गेमिंग और निवेश के नाम पर जाल

गिरफ्तार रोहित दुबे और शशिकांत ने फरवरी 2024 में बेंगलुरु स्थित “Abundance Payment Solution Pvt. Ltd.” नाम से एक कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और निवेश का झांसा देकर लोगों से ठगी की जाती थी।

इस कंपनी का डायरेक्टर रोहित था और वह टेक्निकल ऑपरेशंस को संभालता था। मर्चेंट ऑनबोर्डिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन रिसेलर के माध्यम से किए जाते थे, ताकि कोई सीधा लिंक न बन सके।

कंपनी के पास लगभग 25 मर्चेंट थे, जिनमें से अधिकतर की पेमेन्ट कंट्रोलिंग यानी पे-इन और पे-आउट खुद गैंग के पास रहती थी।

पुलिस ने कहा- अभी और बड़े खुलासे संभव

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रोहित की गिरफ्तारी के बाद अभी कई और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं। जांच टीम को उम्मीद है कि नदी में फेंके गए मोबाइल और लैपटॉप से महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत बरामद किए जा सकते हैं।

भरतपुर पुलिस की इस कार्रवाई को एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि यह महज एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइबर फ्रॉड नेटवर्क की जड़ें हिला सकती है।

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