डिग्री व दस्तावेजों में अब ‘इंडिया’ नहीं, ‘भारत’ लिखा जाएगा-देवी अहिल्या विश्वविद्यालय

डिग्री व दस्तावेजों में अब ‘इंडिया’ नहीं, ‘भारत’ लिखा जाएगा-देवी अहिल्या विश्वविद्यालय

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने अपने सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इंडिया शब्द का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके स्थान पर भारत शब्द का उल्लेख किया जाएगा। यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया।

जल्द ही यह व्यवस्था लागू की जाएगी

कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई के अनुसार एक राष्ट्र-एक नाम भारत की अवधारणा के तहत कदम उठाया गया है। जल्द ही यह व्यवस्था लागू की जाएगी। डिग्री-अंकसूची-ट्रांसक्रिप्ट में भारत शब्द लिखा जाएगा।
कुलगुरु डा. सिंघई के अनुसार इस निर्णय के बाद देश और विदेश में सभी पत्राचार और दैनिक कार्यों में ‘भारत’ का ही उपयोग होगा। उन्होंने यह भी कहा कि डीएवीवी संभवत: देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने इस तरह का प्रस्ताव पारित किया है।

अंग्रेजों ने बदल दिया था नाम

उन्होंने बताया कि भारत का नाम प्राचीन काल से ही ‘भारत’ रहा है, और अंग्रेजों ने इसे ‘इंडिया’ नाम दिया था। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के मूल नाम ‘भारत’ का ही उपयोग करना चाहिए। बता दें, यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा 1964 में स्थापित किया गया था।

युवा दिवस: हजारों विद्यार्थी एक साथ करेंगे सूर्य नमस्कार

युवा दिवस पर 12 जनवरी को स्कूलों में सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम होंगे। जिले का मुख्य कार्यक्रम सुबह 8.30 बजे से सुबह 10.45 बजे तक आरएपीटीसी मैदान महेश गार्ड लाईन में आयोजित किया जाएगा।

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एमएस निगवाल ने बताया कि इस अवसर पर आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रगीत वंदे-मातरम, स्वामी विवेकानन्द का रिकार्डेड आडियो और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संदेश का प्रसारण होगा। आयोजन की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। कार्यक्रम में करीब 4 हजार विद्यार्थी और शिक्षक-शिक्षिकाएं आदि शामिल होंगे।

सभी जगह लिखा जाएगा ‘भारत’
डीएवीवी के कुलपति सिंघई ने बताया, “कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि विश्वविद्यालय अपने सभी दस्तावेजों, डिग्रियों, मार्कशीट, देश और विदेश में पत्राचार और रोजमर्रा के कामकाज में केवल “भारत” का उपयोग करेगा.”उन्होंने कहा कि उनका विश्वविद्यालय इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला संभवत: देश का पहला विश्वविद्यालय है.

विजिटिंग कार्ड पर भी हो रहा भारत शब्द का इस्तेमाल
1964 में राज्य सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय के वीसी ने कहा, ‘हमारे देश को प्राचीन काल से भारत कहा जाता है.’ सिंघई ने कहा, “देश को इंडिया नाम अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के अनुसार दिया था. हमें अपने देश का मूल नाम भारत हर जगह इस्तेमाल करना चाहिए. वीसी ने कहा कि वह लंबे समय से अपने विजिटिंग कार्ड पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में देश के नाम के रूप में “भारत” का उपयोग कर रहे हैं.

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