अब अपराधियों से निपटेंगे साइबर कमांडो,कैसे?

अब अपराधियों से निपटेंगे साइबर कमांडो,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उत्तराखंड में दिन-ब-दिन साइबर अपराध बढ़ रहा है। साइबर ठगी के ही हर साल 15 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए साइबर अपराधियों से निपटने के लिए राज्य सरकार हर जिले में साइबर कमांडो की तैनाती करने जा रही है।

इसके लिए देहरादून स्थित एसटीएफ कार्यालय में सौ से अधिक पुलिस के जवानों और सीओ आपरेशन को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में हर जिले की साइबर सेल से दो से तीन जवान शामिल हैं, जो तकनीक के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं।

इसी वर्ष जनवरी में आयोजित डीजी कांफ्रेंस में केंद्र सरकार ने साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों को साइबर कमांडो तैयार करने के निर्देश दिए थे।

इसका उद्देश्य है कि जैसे ही साइबर अपराध की शिकायत मिले तुरंत उसकी जांच शुरू कर उतनी ही तेजी से अपराधी तक पहुंचा जा सके। ये कमांडो साइबर अपराध के मामलों को सुलझाने के साथ साइबर थाना और साइबर सेल में तैनात जवानों को प्रशिक्षित भी करेंगे।

तीन चरण में दिया जाएगा प्रशिक्षण

साइबर कमांडो का प्रशिक्षण तीन चरण में पूरा होगा। सबसे पहले बेसिक ट्रेनिंग दी जा रही है। गुरुवार को शुरू हुई यह ट्रेनिंग तीन दिन तक चलेगी। इसमें जवानों को साइबर ठगी की घटनाओं की जांच-पड़ताल करने, ठगी गई धनराशि पीड़ित को वापस दिलाने और साइबर ठगों का पता लगाने का प्रशिक्षण प्रदेशभर के साइबर एक्सपर्ट दे रहे हैं।

दूसरे चरण में इंटरमीडिएट ट्रेनिंग होगी, जिसमें अन्य साइबर अपराधों से निपटना सिखाया जाएगा। तीसरे चरण में एडवांस ट्रेनिंग के तहत आइटी एक्ट में दर्ज मुकदमों की जांच के गुर सिखाए जाएंगे। बाहरी राज्यों के एक्सपर्ट भी प्रशिक्षण देंगे।

परीक्षा पास करने पर ही तैनाती

तीन चरणों का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी जवानों की परीक्षा ली जाएगी। जो जवान परीक्षा में पास होगा, उसे कमांडो के रूप में तैनाती के साथ सर्टिफिकेट मिलेगा। असफल जवानों को फिर से प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद जवान अपने जिले की साइबर सेल में सेवा देंगे।

आइटी एक्ट के मुकदमों में भी करेंगे सहयोग

साइबर अपराधों के साथ आइटी एक्ट के मुकदमों की जांच-पड़ताल में भी साइबर कमांडो सहयोग करेंगे। आइटी एक्ट के मुकदमे की जांच-पड़ताल कर रहे निरीक्षक को साइबर कमांडो सलाह देने के साथ तकनीकी सहायता देंगे।

राज्य में हर साल साइबर ठगी के ही 15 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध को देखते हुए साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। पहले चरण में 100 जवानों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। डीजी कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी साइबर कमांडो तैयार करने के निर्देश दिए थे। ये जवान प्रशिक्षण लेने के बाद मास्टर ट्रेनर के रूप में भी काम करेंगे।

-आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ, उत्तराखंड

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