अब नई पारी का प्रारंभ करेंगे डॉ. अशोक प्रियम्बद।

अब नई पारी का प्रारंभ करेंगे डॉ. अशोक प्रियम्बद।

जेड.ए.इस्लामिया महाविद्यालय में विदाई सह सम्मान समारोह का हुआ आयोजन।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


सीवान नगर में जेड.ए. इस्लामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार पाण्डेय उर्फ अशोक प्रियम्बद की सेवानिवृत्ति के अवसर पर हिंदी विभाग के द्वारा एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. नादिरा खातून ने कहा कि डॉ. अशोक सर एक अच्छे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति है। वह सदैव विभाग को आगे ले जाने की बात करते रहे। उनके 18 वर्षों की सेवा से विभाग ने नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। सेवानिवृत्ति एक पड़ाव है, अब वह जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत करेंगे।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इदरीश आलम ने अशोक सर को माला पहनाकर सम्मानित किया। डॉ. राशीद सिलवी ने कहा कि अशोक सर की जुबान बहुत ही मीठी है। कठिन समय में यह बहुत बढ़िया से बात को आगे बढ़ाते हैं। इनका भविष्य उज्जवल हो, इसकी हम सभी कामना करते है। हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. हारून शैलेंद्र ने कहा कि अनुज के रूप में इनका कार्य हमारे लिए सर्वथा सर्वोपरि रहा।

उन्होंने पाठ्यक्रम तक ही बच्चों को साथ में नहीं रखा बल्कि जीवन के अनुभव को भी साझा किया। इन्होंने 2006 में महाविद्यालय में योगदान किया, जबकि मैं 1978 से ही महाविद्यालय की सेवा में रहा और 2021 में सेवानिवृत हो गया। डाॅ. अशोक अपनी जीवतंता के लिए जाने जाते है। वह एक पत्रकार रहे हैं और आज भी पत्रकारिता के गुरु सीखते-सीखाते रहते है। पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करते है। ऐसी आशा है कि वह आगे भी कार्य करते रहेंगे।


वहीं इस अवसर पर सीवान में पत्रकार संगठन नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ इंडिया के महासचिव आकाश श्रीवास्तव ने कहा कि आज से उनका एक बार फिर‌‌ से विस्तार हो रहा है। वे एक नए जीवन की शुरुआत कर रहे है। हम सभी मिलकर कुछ काम करेंगे। समारोह में उपस्थित हुए दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान के ब्यूरो प्रभारी डॉ. नीरज पाठक ने कहा कि व्यक्ति का सेवानिवृत हो जाना एक उम्र का पड़ाव है लेकिन वह अब इसके बाद एक जीवन की शुरुआत करता है।‌ डाॅ. अशोक सर‌ के पास कई ऐसी योजनाएं हैं जिन पर वह काम करने के लिए सदैव तत्पर रहते है। हमें आशा है कि आगे वह इस पर काम करेंगे।

शिक्षाविद डॉ. गणेश दत्त पाठक ने कहा की सीवान के विरासत को संजो कर रखना आवश्यक है क्योंकि नई पीढ़ी इससे सीवान को समझ पाएगी। अशोक सर के द्वारा इस पर कुछ काम भी किया गया है और आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि वह इस पर है कार्य करेंगे।

श्रीनारद मीडिया के संपादक राजेश पाण्डेय ने कहा कि हमारी लोक में वनस्पति से लेकर बृहस्पति तक की कामना की गई है। ब्रह्मांड में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वह लोक है। यह इसकी व्यापकता को सुनिश्चित करता है। समाज की चित्तवृत्तियों को संयोजित करने‌ का कार्य साहित्य का है। साहित्य समाज का प्रतिबिंब ही नहीं वरन दीपक भी है।

डॉ. अशोक सर हिंदी साहित्य के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में आज सेवानिवृत  हो रहे हैं, वह इस भाव भावना को अच्छी तरह समझ सकते है। साथ ही आज भारत के रूपक महात्मा गांधी का बलिदान दिवस है। गांधी को समझने का मतलब है भारत को समझना। भारत की सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को ठीक ढंग से समझना। भारत के बाहर ज्यों ही हम कदम रखते है तो गांधी एवं हिंदी से हमारा सामना होता है। यह बड़ा पावन दिन है कि आज अशोक सर सेवा निवृत हो रहे है।

वहीं आज हिंदी साहित्य में छायावाद के दृढ़ स्तंभ जयशंकर प्रसाद की जयंती है। 30 जनवरी 1889 को आपका जन्म हुआ था, मात्र 38 वर्ष की आयु में आपने साहित्य को कालजयी कृतियां प्रदान किए हैं। पौराणिकता से आधुनिकता का संयोग करा कर उसकी प्रासंगिकता साबित करना आपके काव्य की अनूठी विशेषता है। विशेष कर राष्ट्र के स्पंदन को अपने अपने काव्य में उद्धृत किया है। इस पावन अवसर पर जयशंकर प्रसाद जी को भी हम अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते है।


अशोक सर आज सेवानिवृत होकर एक नई सेवा के लिए आगे आ रहे है। सीवान के कई महापुरुष एवं यहां की सामाजिक-सांस्कृतिक- आर्थिक विविधता पर काम करना है। इसके लिए हम सभी आपको यहां से साथ ले जाने के लिए आए है। आप हम सभी के‌ अभिभावक है। आपके द्वारा हम सभी को गृह कार्य की अपेक्षा है ताकि सीवान की धरोहर सामने आ सके। आपने इसके लिए कुछ कार्य भी किया है।

जैसा कि आप सभी को यह ज्ञात है कि सीवान जिले के गठन को 52 वर्ष हो गए हैं लेकिन सीवान का सरकारी स्तर पर कोई गजेटियर नहीं है। गजेटियर के नाम पर मुरलीधर शुक्ल की कालजयी कृति ‘सोनालिका’ है। इसे अद्यतन बनाने की चुनौती अब अशोक सर पर आ गई है। हम सभी आपके समूह में एक सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे। आशा है कि आप हम सभी की भावना का सम्मान करते हुए इस कार्य को अंतिम रूप अवश्य देंगे।

महाविद्यालय में सभी आचार्य ने डॉ.अशोक पिरयमबद को अंग वस्त्र पुष्पगुच्छ एवं विभिन्न प्रकार के उपहार से विदाई समारोह को जीवंत बनाया, वहीं छात्र-छात्राओं ने भी अशोक सर को अपनी ओर से उपहार देकर इस अवसर को यादगार बनाने में पीछे नहीं हटे।

पूरे कार्यक्रम में मंच संचालन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सेराज अहमद ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में सभी विभाग के आचार्य, सह आचार्य, विद्यार्थी, छात्र और गैर शैक्षिक कर्मचारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉक्टर इदरिस आलम, डॉक्टर हारून शैलेन्द्र, डॉक्टर सेराज खान, डॉक्टर राशिद सिबली, डॉक्टर आनंद भूषण, डॉक्टर आशा शर्मा, डॉक्टर मधुबाला मिश्रा, डॉक्टर तारिक महमूद, डॉक्टर शौकत अली, डॉक्टर संजय कुमार, डॉक्टर रश्मि कुमारी, डॉक्टर नलिनी भारद्वाज, डॉक्टर संगीता कुमारी के साथ प्रोफेसर अवधेश शर्मा और शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक, पत्रकार नीरज पाठक, आकाश श्रीवास्तव, राजेश पांडेय के साथ नेहा कुमारी, विभा द्विवेदी, खुशबू, करिश्मा, नीलेश आदि विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

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