अब अस्पतालों में क्यूआर कोड के जरिए मिलेगी दवाओं की उपलब्धता की जानकारी

अब अस्पतालों में क्यूआर कोड के जरिए मिलेगी दवाओं की उपलब्धता की जानकारी

• आम मरीजों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की पहल
• मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन करने पर मिलेगी दवा की जानकारी
• क्यूआर कोड स्कैनिंग प्रणाली भारत सरकार के डीवीडीएमएस पोर्टल से सीधी जुड़ी रहेगी

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श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अब यह जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा कि कौन सी दवा उपलब्ध है और कौन सी नहीं। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की सुविधा के लिए एक नई और तकनीकी पहल की शुरुआत की है। अब जिले के सभी अस्पतालों में क्यूआर कोड के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इस पहल के तहत जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्यूआर कोड लगाए गए हैं। मरीज अपने मोबाइल से इस कोड को स्कैन करके यह जान सकेंगे कि अस्पताल में कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं। बता दें कि अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्र के लिए अलग-अलग क्यूआर कोड बनाया गया है। जो अस्पताल में प्रदर्शित किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है। मरीजों को मुफ्त दवा वितरण की सुविधा का लाभ सही तरीके से मिले, इसके लिए यह तकनीकी पहल की गई है।

हरे और लाल रंग में मिलेगी जानकारी:

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, जैसे ही मरीज क्यूआर कोड को स्कैन करेगा, उसके मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध दवाओं की सूची हरे रंग में और अनुपलब्ध दवाओं की सूची लाल रंग में दिखेगी। यह व्यवस्था पूरी तरह रियल टाइम डाटा पर आधारित है, जिससे मरीज को सटीक और ताजातरीन जानकारी मिल सकेगी।

समय और पैसे दोनों की बचत होगी:

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि “सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण की व्यवस्था पहले से है, लेकिन मरीजों को दवाओं की उपलब्धता की जानकारी नहीं मिल पाती थी, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। अब यह समस्या तकनीक के माध्यम से दूर हो जाएगी।” यह नई व्यवस्था खासकर उन मरीजों के लिए राहत लेकर आएगी जो दूर-दराज से आते हैं और अस्पताल में दवाएं नहीं होने की स्थिति में निजी दुकानों से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हो जाते थे। अब वे पहले से जान सकेंगे कि संबंधित दवा उपलब्ध है या नहीं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में कदम:

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया स्वास्थ्य विभाग की यह पहल राज्य में डिजिटल हेल्थ सर्विसेज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मरीजों का भरोसा भी मजबूत होगा। सरकारी अस्पतालों में तकनीक के इस बेहतर उपयोग से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यदि इस प्रणाली का संचालन सुचारु रूप से किया गया, तो यह आने वाले समय में एक मिसाल बन सकती है।

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