अब सप्ताह में 3 दिन मरीजों को मिलेगी ई-संजीवनी ओपीडी सेवा

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• सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक मिलेगी सुविधा
• संबंधित चिकित्सा कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नए-नए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अब जिले में मरीजों को ई संजीवनी ओपीडी सेवा सप्ताह में 3 दिन मिल सकेगी | इस संबंध में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एके शाही ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि जिले में ई-संजीवनी ओपीडी एप्लीकेशन के प्रत्येक मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक संचालन किया जाए। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के सफल क्रियान्वयन को लेकर सम्मानित चिकित्सा कर्मियों को केयर इंडिया के सहयोग से प्रशिक्षण भी दिया गया है।

वीडियो कॉल पर डॉक्टर से सीधे जुड़ें:
आमजन को इस सेवा का लाभ लेने के लिए गूगल प्ले स्टोर से अथवा सीधे गूगल से ई संजीवनी एप डाउनलोड कर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद वह ई संजीवनी ओपीडी सेवा से जुड़े डॉक्टरों से संपर्क कर सकेगा। खास बात यह है कि इस सेवा के जरिए मरीज को डॉक्टर और डॉक्टर को मरीज वीडियोकॉल के जरिए एक-दूसरे को देख सकेंगे। कोई भी डॉ. अपने कमरे में बैठकर लैपटॉप के जरिए भी मरीज को अटेंड कर सकेगा। वीडियो कॉलिंग के जरिए डॉक्टर आप से सीधी जुड़ते हैं, बात करते हैं, आपकी जांच रिपोर्ट देखते हैं और आपको प्रिसक्रिप्शन यानी क्या दवाइयां लेनी हैं वो भी लिखते हैं। यह सब कुछ फ्री होता है।

इस तरह ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करें:
मोबाइल पर ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करने के लिए क्यूआर कोड का प्रयोग करें । इसके बाद पंजीकरण और ओटीपी नंबर मोबाइल पर मिलेगा। वहीं मोबाइल नंबर और टोकन नंबर का उपयोग करते हुए मरीज लॉग-इन करे। इसके बाद मरीज को अपनी बारी का इंतजार करना है, और चिकित्सक से इलाज के लिए परामर्श ले। चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद मोबाइल पर ई-पर्ची देखे। इस पर्ची से सरकारी अस्पताल से दवा ले सकते हैं।
घर बैठे अपने मर्ज का आसानी से कराएं इलाज:
इस सेवा के शुरू होने से अस्पताल में ओपीडी मरीजों का बोझ कम होगा। लोगों को अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। घर बैठे तकनीक के जरिए अपनी मर्ज का आसानी से इलाज करा सकेंगे। मरीज को अटेंड करने वाला डॉक्टर उनके मोबाइल पर तत्काल दवा की पर्ची भी उपलब्ध कराएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

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