अब आरोग्य दिवस पर मरीजों को मिलेगी ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन की सेवा

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• सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला और प्रखंडस्तरीय कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
• जिला और प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स का होगा गठन
• जटिल प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों की होगी पहचान

श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार)

दूर-दराज और ग्रामीणों क्षेत्रों के आमजनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। इस दिशा में विभिन्न स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में दूर-दराज वाले ग्रामीणों के लिए अब स्वास्थ्य विभाग एक अच्छी पहल शुरू करने जा रही है। अब आरोग्य दिवस पर ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा उपलब्ध करायी जायेगी। निर्णय लिया गया है कि ई-संजीवनी के माध्यम से सभी आरोग्य दिवस सत्र पर पूर्व से दी जाने वाली सेवाओं के अतिरिक्त चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी । इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत वीएचएसएनडी सत्र स्थल को चिह्नित कर जिलास्तरीय हब के साथ सम्बद्ध किया गया है। स्पोक्स के रूप में यह सेवा प्रत्येक बुधवार एवं शुक्रवार (वीएचएसएनडी दिवस) पर अतिरिक्त चिकित्सा पदाधिकारियों को हब में पंजीकृत किया गया है।
कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण:
जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु सभी प्रखण्ड स्तर पर टेलीमेडिसीन के लिए चिह्नित चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, सीएचओ, बीएमएंडई, बीएचएम,बीसीएम, हेल्थ एडुकेटर, यूनिसेफ के बीएमसी, डब्ल्यूएचओ के फील्ड मॉनिटर, केयर इंडिया के आईसीटी कॉर्डिनेटर एवं प्रखंड प्रबंधक तथा पूर्व में इस कार्यक्रम अन्तर्गत प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के द्वारा ट्रेनिंग करायी जाय। सूक्ष्म कार्ययोजना में जो पर्यवेक्षण हेतु पदाधिकारी / कर्मचारी चिह्नित हैं उनका भी प्रशिक्षण कराया जायेगा। ताकि अपने क्षेत्र में पर्यवेक्षण के दौरान परेशानी होने पर एएनएम की हैंड होल्डिंग कर पायें । प्रखण्ड स्तर पर किये जाने वाले इस प्रशिक्षण के पर्यवेक्षण हेतु जिला स्तर से पदाधिकारी एवं सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को भेजा जाय।
हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं और अतिकुपोषित बच्चों की होगी पहचान:
आरोग्य दिवस पर ई-संजीवनी टेली मेडिसीन के दौरान जटिल प्रसव वाली गर्भवती महिलायें अतिकुपोषित बच्चों के लिए रेफरल की सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। इसके साथ ही रोगी को रेफर किये गये स्वास्थ्य संस्थान से रोगी के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति को प्राप्त किया जाय। इसके लिए आवश्यक है कि सभी रेफरल अस्पतालों यथा: प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक के सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा दी जा रही सेवाओं, रोस्टरवार चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति को सुचारू रूप से संचालित किया जाय। आवश्यकतानुसार पैथोलॉजिकल सुविधाएं, एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाये।

जिला एवं प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स का होगा गठन:
जारी पत्र के माध्यम से कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन और नियमित निगरानी के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिारी, आईसीडीएस के डीपीओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी व सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। वहीं प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनेगी। जिसमे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी , बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

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