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हे छठी मइया! बस ये ट्रेन चढ़ा दे, घर पहुंचा दे... - श्रीनारद मीडिया

हे छठी मइया! बस ये ट्रेन चढ़ा दे, घर पहुंचा दे…

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोक आस्था का पर्व छठ मानाने के लिए पूरे देश से बड़ी संख्या में लोग बिहार लौटते हैं।छठ पूजा है सो सियासी अर्ध्य देने के लिए हर नेता, हर पार्टी वोट की गंगा में डुबकी लगा रही है. एक से एक दावे हैं लेकिन त्यौहार के लिए बिहार आ रहे लोगों की हालत देख सब साफ हो जाता है. स्टेशनों पर मंजर देखकर कोविड के समय मजदूरों की पैदल यात्रा की दुश्वारियां याद आ जाती हैं.

ऐसे में अगर आप भी दिवाली और छठ मनाने के लिए घर जाने की तैयारी में और रेगुलर ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से मायूस हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे ने दिवाली-छठ को लेकर बहुत सारी स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है। आप आसानी से स्पेशल ट्रेन में टिकट लेकर अपने घर पर पर्व का आनंद ले सकते हैं।

रेन में चढ़ना चुनौती
हकीकत ये है कि बिहार से जाने और आने वाली ट्रेनों की जनरल बोगियों में आम दिनों में भी इतनी भीड़ होती है कि इनमें सफर करना खतरों का खिलाड़ी बनने जैसा है. भीड़ इतनी होती है कि लोग वॉशरूम तक में बैठ जाते हैं. ट्रेन में चढ़ने के समय कोई गिरता है, कोई जख्मी होता है. बोगी के अंदर न पानी, न शौचालय. महिलाओं की क्या हालत होती है, पूछिए ही मत. छठ में तो बस छठी मइया का नाम लेते हैं और सवार हो जाते हैं बिहार के लोग.

रेलवे की तरह दिल्ली सरकार के दावे फेल
जरा उनका भी दुख देखिए. जो लोग छठ पूजा के लिए घर नहीं पहुंच पाए वो दिल्ली के घाटों पर छठ पूजा करेंगे. गंदी और जहरीली यमुना में डूबकी लगाएंगे. बीमार पड़ेंगे और लेटे-लेटे अपने गांव की साफ नदी-पोखर को याद करेंगे. रेलवे की तरह दिल्ली सरकार और वहां के एलजी भी तमाम दावे कर रहे हैं कि दिल्ली में छठ पूजा के लिए अलौकिक इंतजाम किया गया है. लेकिन बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों एक दूसरी की पोल खोल रहे हैं.

सियासी अर्ध्य देने से काम नहीं चलेगा
अगर छठी मइया के इन श्रद्धालुओं की तकलीफ घटानी है तो पलायन घटाना होगा. उन्हें अपने गांव अपने कस्बे, अपने शहर में रोजगार देना होगा. यकीन मानिए अपने सुंदर साफ गांव और अपने मां-बाप के पांव को छोड़ कोई गंदे-तंग शहरों में नहीं जाना चाहता है. छठ पूजा के अवसर पर वोट की गंगा में डूबकी लगाने के लिए तमाम पार्टियां दावे और वादे करती हैं लेकिन अगर वो ईमानदार हैं तो छठी मइया के इन बच्चों की खैर साल भर लेनी होगी,सिर्फ छठ पर सियासी अर्ध्य देने से काम नहीं चलेगा.

यूपी के पूर्वांचल और बिहार से बाहर के प्रदेशों में काम की तलाश में गए लोग छठ पूजा पर अपने-अपने घरों को लौटते हैं। इस बार भी भी ऐसा ही है। यही वजह है कि बिहार जाने वाली ट्रेनों में अचानक से भारी भीड़ दिखने लगी है। बहुत सारे लोगों ने पहले ही रिजर्वेशन कराया लेकिन बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जिनका टिकट कन्फर्म नहीं हो सकता। ऐसे में भारी संख्या में लोग जनरल डिब्बों में सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। यूपी के पूर्वांचल और बिहार जाने वाली ट्रेन के जनरल डिब्बों में लोग ठसाठस भरे हुए हैं।

कई लोग जिनको पहले टिकट नहीं मिल पाया था उन्हें तत्काल में टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन तत्काल की विंडो खुलते ही फुल हो जा रही है। टिकट की कोई आस न होने पर लोग सीधे प्लेटफॉर्म पहुंच रहे हैं और जनरल टिकट लेकर ट्रेन में सफर पर निकल रहे हैं। टिकट कन्फर्म न होने और भारी भीड़ के चलते लोग 14-16 घंटों का सफर फर्श पर बैठकर पूरा कर रहे हैं। भीड़ की हालत यह है कि जनरल ही नहीं स्लीपर कोच में भी लोग ठसाठस भरे हुए हैं।

बस में नहीं मिल रहा टिकट

छठ तक दिल्ली पटना बस सेवा पूरी तरह फुल है. ट्रेन में नो रूम और दीपावली पर दिल्ली से पटना आने वालों की भीड़ के चलते बीते चार दिनों से यह फुल चल रहा था. सोमवार को दीपावली होने के कारण केवल भीड़ थोड़ी कम थी और कुछ टिकटें उपलब्ध थी. लेकिन मंगलवार से रविवार छठ के दिन तक का टिकट बिल्कुल फुल है. हलांकि पटना से दिल्ली जाने के लिए बस का टिकट इस अवधि में उपलब्ध है. लेकिन छठ के बाद इन बसों में भी चार दिनों तक का 50 फीसदी टिकट अभी से बुक हो चुका है. बचे हुए टिकट के भी अगले दो-तीन दिनों में फुल हो जाने की संभावना है.

घर जाने का यही है आखिरी विकल्प

अगर आप छठ पूजा में घर जाना चाहते हैं और आपको रेल टिकट नहीं मिल रहा है तो आप किसी रजिस्टर्ड एजेंट से संपर्क कर सकते हैं। वह आपको टिकट कंफर्म होने के बारे में सही जानकारी दे सकता है। क्योंकि उस समय तत्काल टिकट बुक करना बहुत मुश्किल का काम होता है। ऐसे में आप बस से भी यात्रा करने का विकल्प सेलेक्ट कर सकते हैं। हालांकि इसमें अचानक से बस टिकट कैंसिल होने का खतरा रहता है। इसलिए सावधानी बरतें। अगर आपका कोई भरोसेमंद टिकट एजेंट है तो फिर आप आसानी से टिकट बुक करा सकते हैं।

भारतीय रेलवे ने 179 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया 

दिवाली और छठ का पर्व आने वाला है। इन त्‍योहारों पर ज्‍यादा लोग अपने घर के लिए जाते हैं, जिसके मद्देनजर भारतीय रेलवे ने 2269 ट्रिप के साथ 179 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस त्योहारी सीजन में, रेल यात्रियों की सुविधा और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए भारतीय रेलवे इस साल छठ पूजा तक 179 विशेष ट्रेनों की 2269 फेरे चला रहा है। इन स्‍पेशल ट्रेनों को देश के अलग-अलग रूटों जैसे- दिल्‍ली-पटना, दिल्‍ली-भागलपुर, दिल्‍ली-मुजफ्फरपुर, दिल्‍ली-सहरसा आदि पर चलाया जाएगा।

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