गांधी जयंती के अवसर पर पटना में चल रहे त्रिदिवसीय गांधी चित्र-प्रदर्शनी सह खादी-मेले का समापन.

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गांधी जी का पूरा जीवन ही है संदेश : उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 

गांधी जयंती के अवसर पर भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में चल रहे त्रिदिवसीय गांधी चित्र-प्रदर्शनी सह खादी-मेले का आज समापन हो गया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना द्वारा किया गया ।

समापन कार्यक्रम में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति हुए। अपने संबोधन में गाँधीजी का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ने ही गांधी को महात्मा बनाया। उन्होंने कहा कि गांधी जी के बारे में कोरी बातें करने से कुछ नहीं होगा। जब भी हम गांधी जी की चर्चा के किसी भी कार्यक्रम में जाएं, तो कम से कम उनके एक विचार को अपनाने का संकल्प लेकर लौटें।

उन्होंने कहा कि आज के समय में गांधीजी के विचारों की अहमियत 1947 से भी ज्यादा महसूस होती है। उद्योग मंत्री ने कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है कि दुनिया में कहीं भी जब अहिंसा की बात होती है, तो भारत से महात्मा गांधी जी का नाम आता है। हालांकि ओछी मानसिकता वाले कुछ लोग भले ही उनकी आलोचना कर ले लेकिन नाम कमाने के लिए उन आलोचकों को भी गांधी के नाम का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जो भीड़ के विपरीत खड़ा हो जाए वही सच्चा गांधी है।

उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गांधी जी का पूरा जीवन ही संदेश है। उन्होंने हमें सिखाया है कि धीरज की कोई सीमा नहीं होती। अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ महात्मा गांधी ने संयम के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीजी के विचारों के ध्वजावाहक हैं। गांधीजी के स्वच्छता,, स्वदेशी व आत्मनिर्भरता के विचारों को प्रधानमंत्री ने अपने जीवन का मिशन बनाया है। मोदी जी ने ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ का आवाहन किया है। खादी हमारे स्वास्थ्य और विचारों के लिए फायदेमंद है। “खादी एक दिन, खादी हर दिन” – यही हमारी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने खुशी जाहिर की कि आज बुनकरों, हस्तशिल्पयों और खादी के प्रति लोगों का लगाव बढ़ा है।

इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया और उनके जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी को देखा। इस अवसर पर उन्होंने इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम के तहत हुए चित्रकला, निबंध, प्रेस विज्ञप्ति लेखन, प्रश्नोत्तरी और अन्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।

समापन कार्यक्रम के स्वागत संबोधन में रीजनल आउटरीच ब्यूरो,सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अपर महानिदेशक शैलेंद्र कुमार मालवीय ने गांधी जी को एक संपूर्ण महामानव बताया और कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य गांधी जी के व्यक्तित्व,विचारों और प्रधानमंत्री के आह्वान को युवाओं तक पहुंचाना है।

इस मौके पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग पटना के निदेशक हनीफ मेवाती ने कहा कि खादी के पीछे गांधीजी की सोच ग्राम उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देना तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना था। उन्होंने खादी को विश्व का सबसे इको-फ्रेंडली वस्त्र बताया और कहा कि विश्व का सबसे बड़ा तिरंगा जो लेह की पहाड़ी पर लगाया गया है,वह खादी का है। उन्होंने कहा कि खादी की मौलिकता और असलियत को बचाए रखने के लिए खादी मार्क का प्रयोग किया जा रहा है। अतः जब हम खादी उत्पादों को खरीदें तो खादी मार्क को जरूर देखे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग विभाग बिहार सरकार के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने सभी से अपील की कि खादी को अपनाकर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने उद्यमिता और स्वावलंबन का जिक्र करते हुए कहा कि हमें नौकर नहीं बल्कि अपने व्यवसाय का मालिक बनकर देश की सेवा और देश की प्रगति में हिस्सेदार बनना होगा। सरकार भी ऐसे अवसरों और उद्यमियों को बढ़ावा दे रही है।

समापन कार्यक्रम में सुरांजन सांस्कृतिक दल द्वारा गांधीजी के प्रिय भजन और उनके जीवन व संदेशों पर आधारित नाटक भी पेश किया गया।

 

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