प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तीसरे वर्षगांठ के अवसर पर चिरांद में एक दर्जन टीबी मरीजों के बीच किया गया पोषाहार वितरण
टीबी मरीजों को गोद लेकर लगभग बीस हज़ार से ज्यादा पोषाहार वितरण कर टीबी मरीजों को किया गया तंदुरुस्त: डॉ अंजू सिंह
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, छपरा (बिहार):
एक ओर जहां टीबी अक्सर वज़न कम करने और पोषण संबंधी कमियों का कारण बनता है, जिससे रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। वहीं दूसरी ओर कुपोषण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर भी करता है, जिस कारण व्यक्ति टीबी संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है और ठीक होने में बाधा आती है। उक्त बातें सदर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरांद डोरीगंज के सभागार में आयोजित पोषाहार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह ने दर्जनों टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरण के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने 9 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) का शुभारंभ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में निक्षय मित्र की अवधारणा पेश की गई थी, जो टीबी रोगियों को उनके उपचार की पूरी यात्रा में सहायता करने के लिए समर्पित एक साथी है। बिहार और उत्तर प्रदेश के लगभग तीन हज़ार से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर लगभग बीस हज़ार से ज्यादा पोषाहार वितरण किया गया है।
टीबी मरीजों को गोद लेकर लगभग बीस हज़ार से ज्यादा पोषाहार वितरण कर टीबी मरीजों को किया गया तंदुरुस्त: डॉ अंजू सिंह
सारण जिले के एकमा शहरी क्षेत्र और प्रखंड के कई गांवों के टीबी रोगियों सहित सदर प्रखंड और शहरी क्षेत्र के दर्जनों वार्ड के मरीजों को पौष्टिक आहार के रूप में पोषाहार वितरण किया गया है। आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमबीए) का एक प्रमुख घटक टीबी रोगियों को मासिक आधार पर पौष्टिक खाद्य पदार्थों का एक फूड पोटली प्रदान करना है। क्योंकि यह न केवल रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि निक्षय मित्र और इलाजरत व्यक्ति के बीच एक सहानुभूतिपूर्ण संबंध भी स्थापित करता है। पोषण संबंधी सहायता के अलावा, निक्षय मित्र रोगियों या उनके परिवार के सदस्यों के लिए रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहा हैं, जिससे वित्तीय असुरक्षाओं को दूर करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण उपलब्ध होता है। शहर ही नहीं बल्कि जिले या राज्य के अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा समुदायों में समझ और सहानुभूति को बढ़ावा देकर टीबी से जुड़े कलंक को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा सकता हैं। टीबी अभी भी गरीबी के अंतर्निहित मुद्दों से जुड़ा हुआ है, और इस बीमारी से जुड़ा कलंक प्रभावित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा देता है।
टीबी मुक्त अभियान को धरातल पर उतारने में संस्था की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह की अहम भूमिका: डॉ बी एन प्रसाद
सदर प्रखंड अंतर्गत डोरीगंज के चिरांद गांव स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ब्रज नंदन प्रसाद (डॉ बी एन प्रसाद) ने बिहार और यूपी की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा टीबी मुक्त अभियान को धरातल पर उतार कर जो कार्य करने में जुटी हुई है। उसकी जितनी भी तारीफ़ किया जाए, वह शायद कम ही होगा। क्योंकि टीबी मरीजों को विभागीय स्तर पर निःशुल्क दवा खिलाई जाती है। साथ ही सरकार द्वारा पोषण योजना के तहत प्रति माह उनके खाते में सहयोग राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इसके बावजूद प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था द्वारा प्रत्येक महीने पौष्टिक आहार के रूप में पोषण पोटली का वितरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में लगभग एक दर्जन से अधिक टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरण किया गया है। इस अवसर पर ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह, चिरांद एपीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बी एन प्रसाद, पत्रकार धर्मेंद्र रस्तोगी, एस टी एस मुकेश कुमार, एल टी सत्येंद्र कुमार सिंह, संस्था की मणि शाही, प्रीति शाही, अंकिता सिंह, जी एन एम अजय शर्मा, ए एन एम संध्या कुंवर सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
यह भी पढ़े
चोरी के मामले में पुलिस टीम पर हमला:किशनगंज में 20 से 25 लोगों ने किया लाठी-डंडे से वार
कोचाधामन में पुलिस की कार्रवाई:ट्रक से 2841 लीटर विदेशी शराब जब्त, चालक फरार
पटना में फर्जी IPS अधिकारी गिरफ्तार, ठगी के कई मामलों का खुलासा, सोशल मीडिया से बढ़ाता था कनेक्शन