परिश्रम में जो तपा है, उसने ही तो इतिहास रचा है-पीएम मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हमारा देश भाग्यवान है। आज गुरु तेगबहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस है। भारत के मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने सबकुछ न्योछावर कर दिया। हमारी ताकत विविधता है। हम विविधता को सेलिब्रेट करने की आदत बनाना चाहते हैं। ये विविधता एक बहुत बड़ी विरासत, गौरव है। प्रयागराज के कुंभ में देखा, विविधता को कैसे जिया जाता है। वहां एक प्रण, एक प्रयास दिखा। देश आशाओं की विविधता से भरा। बांग्ला, मराठी, पाली-प्राकृत को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिया है।
कल जन्माष्टमी का पावन पर्व है, भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव। जब मैं भगवान कृष्ण के बारे में सोचता हूं, तो मैं यह भी सोचता हूं कि आज दुनिया भर में युद्ध का स्वरूप कैसे बदल रहा है। भारत ने युद्ध के हर नए स्वरूप से निपटने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमने तकनीक के मामले में अपनी ताकत दिखाई,
जब पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों, एयरबेस, रक्षा प्रतिष्ठानों, आस्था के केंद्रों और नागरिकों को निशाना बनाया, उनकी मिसाइलों और ड्रोन को नियंत्रित तरीके से रोका गया। देश ने इसे देखा, और पिछले दस वर्षों के प्रयासों की बदौलत, हमारी सेनाओं और हमारी तकनीक ने बिना कोई बड़ा नुकसान पहुंचाए हर हमले को नाकाम कर दिया।
भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर सुदर्शन चक्र की राह चुनी है। महाभारत की लड़ाई के दौरान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में अंधेरा दिया था। तब अर्जुन ने जयद्रथ का वध करने की शपथ पूरी हुई थी। अब देश सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा। यह मिशन एक पावरफुल सिस्टम होगा। यह दुश्मन के हमले नाकाम करने के साथ दुश्मन पर हिटबैक भी करेगा।
हमें भारत के मिशन सुदर्शन के लिए मूलभूत बातें तय की हैं। ये पूरा आधुनिक सिस्टम, रिसर्च-डेवलमेंट देश में ही हो, देश के नागरिकों की तरफ से ही हों।सुदर्शन चक्र की ताकत थी, वो जहां जाना होता था, वहीं जाता था यानी प्रिसाइज था। इसके जरिए भी हम टारगेटेड तरीके से आगे बढ़ेंगे। मैं प्रतिबद्धता से इस आगे बढ़ने का वचन देता हूं।
अब युद्ध के तरीके बदल रहे हैं। पाकिस्तान ने संवेदनशील क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों पर ड्रोन से हमले किए, लेकिन उनके हर हमले को हमारी टेक्नोलॉजी ने तिनके की तरह बिखेर दिया। जब युद्ध के मैदान में टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, तब लोगों की सुरक्षा के लिए महारत का विस्तार (अपग्रेड) करने की जरूरत है।
मैंने संकल्प लिया है, आपका आशीर्वाद चाहिए। समृद्धि कितनी भी हो, सुरक्षा के बिना कुछ भी नहीं है। आने वाले दस साल में 2035 तक देश के सामरिक के साथ-साथ सभी अहम केंद्रों को टेक्नोलॉजी के द्वारा सुरक्षा कवच दिया जाएगा। देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, कोई भी हम पर हमला करने आ जाए, टेक्नोलॉजी हमें सुरक्षित रखे।
हमें मोटापे से बचना चाहिए
पीएम ने कहा, जो क्षेत्र पिछड़े हैं, हम उनको प्राथमिकता देना चाहते हैं। हमने पूर्वी भारत के विकास के लिए हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। जीवन के हर क्षेत्र में विकास होना चाहिए। एक समय था, जब बच्चे खेलते थे तो माता-पिता पसंद नहीं करते थे। अब बच्चों के खेलने को माता-पिता पसंद करते हैं। ये शुभ संकेत है। हम देश में खेलो भारत नीति लेकर आए हैं, ताकि खेलों का विकास हो। हम खेलों का एक पूरा इकोसिस्टम विकसित करना चाहते हैं। इसे दूर-दराज के बच्चों तक भी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। मोटापा देश के लिए संकट बनता जा रहा है। हमें मोटापे से बचना है। परिवार तय करे, खाने का तेल 10% कम आएगा और 10% कम यूज होगा।
पीएम ने कहा- मैं एक चुनौती के लिए आगाह करना चाहता हूं। सोची-समझी साजिश के तहत संकट के बीज बोए जा रहे हैं। घुसपैठिए देश के नौजवानों की रोजी छीन रहे हैं, महिलाओं को निशाना बना रहे हैं, आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
जब डेमोग्राफी में बदलाव होता है तो देश में संकट आ जाता है। दुनिया का कोई देश घुसपैठियों को बढ़ावा नहीं दे सकता। पूर्वजों ने हमें यही सिखाया है, इन घुसपैठियों को दाखिल नहीं होने देना है। हमने हाईपावर्ड डेमोग्राफी मिशन शुरू किया है। इसके तहत हम इस संकट से निपटने के लिए आगे बढ़ेंगे।
हम बदलाव लाने में सफल हुए हैं। देश का बड़ा जनजातीय क्षेत्र नक्सलवाद की चपेट में लहुलुहान हो चुका था। सबसे बड़ा नुकसान आदिवासी लोगों को हुआ। इन लोगों ने अपने परिजन को खो दिए। एक समय था, 125 से ज्यादा जिलों में नक्सलवाद जड़ें जमा चुका था। इसमें जनजातीय नौजवान फंसे थे।
आज नक्सलवाद 20 जिलों में सिमट चुका है।एक जमाना था, बस्तर को याद करते ही बम-बंदूक की आवाज सुनाई देती थी। अब बस्तर के नौजवान ओलिंपिक करते हैं। देश ये बदलाव देख रहा है। जो कभी रेड कॉरिडोर जाना जाता था, अब ग्रीन कॉरिडोर बन गया है। आज यहां संविधान, विकास और कानून का तिरंगा फहरा दिया है।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर हमने लोगों को जीवन बचाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
पीएम ने कहा- जब हम लोकतंत्र और स्वतंत्र भारत की बात करते हैं, तो हमारा संविधान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत होता है। लेकिन आज से 50 साल पहले संविधान का गला घोंट दिया गया था। देश में आपातकाल लगाया गया था। देश की किसी भी पीढ़ी को संविधान की हत्या करने वाले पापियों को भूलना नहीं चाहिए।
मैंने इसी लाल किले से पंच प्रण की बात कही थी। एक बार फिर से स्मरण करना चाहता हूं। भारत को विकसित बनाने के लिए न झुकेंगे, न रुकेंगे, परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, 2047 में विकसित भारत बनाकर रहेंगे।
हम जीवन में, व्यवस्था, परंपराओं में गुलामी का कोई कण बचने नहीं देंगे। हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे। हमारी पहचान का सबसे बड़ी पहचान विरासत है, इसका गर्व करेंगे। एकता सबसे शक्तिशाली मंत्र है। एकता की डोर कोई काट न सके, इसका संकल्प लेंगे।
मां भारती के प्रति कर्तव्य निभाना पूजा, आराधना से कम नहीं है। इसी भाव से हम सब मातृभूमि के कल्याण के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए 2047 विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अपने आप को खपा देंगे, झोंक देंगे। नए अवसरों का निर्माण करेंगे। 140 देशवासियों के सामर्थ्य से आगे बढ़ते रहेंगे।
हमें याद रखना है- परिश्रम में जो तपा है, उसने ही तो इतिहास रचा है। जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है, उसने ही समय को मोड़ा है। और समय को मोड़ देने का भी यही समय है, सही समय है। एक बार बार फिर आजादी के महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। भारत माता की जय…