जीएसटी स्लैब कम होने से सामान्य वर्ग के लोगों को मिलेगा राहत – संतोष पाठक
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
आज सिवान परिषदन में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ने प्रेसवार्ता कर कहा कि आज हम लोग एक महत्वपूर्ण विषय पर बात करने के लिए यहां पर उपस्थित हुए हैं.। विगत दिनों आप लोगों ने देखा होगा की जीएसटी काउंसिल की 56 वी बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में संपन्न हुई। जिसमे बहुत से स्लैब जिनको कम करके सामान्य वर्ग के लोगों को राहत देने का कार्य किया गया है।
देश में जो मध्यम परिवार से आते हैं जो गरीब हैं उनको भी इस जीएसटी से फायदा होने वाला है। ऐसे सभी लोगों को राहत देने का काम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने किया है।जीएसटी के आने के बाद से पूरे भारत भर में अर्थव्यवस्था में एक प्रकार से पारदर्शी है। एक प्रकार से जो वर्ल्ड इकोनामी जो वैश्विक अर्थव्यवस्था है उसमें भारत सरकार और भारत की अर्थव्यवस्था एक प्रकार से इंटीग्रेटेड हुई है।
उससे जुड़ी है। और उसका पूरा लाभ भारत के अर्थव्यवस्था को बड़ा होने में विकसित होने में उसकी लगातार मदद हम लोगों को मिला है।पिछले कुछ वर्षों से एक विषय जो लगातार हम लोगों ने कहा है वह विषय यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2011 2012 2013 तक जो दुनिया में 11 नंबर पर आती थी।आज नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वह व्यवस्था चौथे नंबर पर आई है।और जब उसे चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था भारत बना है ऐसे समय पर जीएसटी के अंदर जो सुधार हुए जिसको जीएसटी का रिफॉर्म्स हम लोग कहते हैं जो रिफॉर्म्स जीएसटी के माध्यम से हुए हैं अर्थव्यवस्था में उसकी एक बड़ी भूमिका है।
आज के जीएसटी के माध्यम से सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य अगर कोई है तो वह बिहार है पिछले 8 वर्षों में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बिहार को 14 लाख करोड रुपए का सहायता बिहार को मिला है और यह जो सहायता मिली है इसका अगर कोई बैकग्राउंड है तो वह जीएसटी का कलेक्शन है हम लोग मैन्युफैक्चरिंग स्टेट नहीं थे हम लोग कंज्यूमर स्टेट हैं तो हमारे यहां भारी मात्रा में जीएसटी के अंतर्गत टैक्स का कलेक्शन हुआ और उस टैक्स के कलेक्शन के माध्यम से पूरे बिहार के अर्थव्यवस्था में एक बड़ा सुधार एक बड़ी प्रगति हुई।
बहुत सी वस्तुएं जिन पर पहले जीएसटी 18 परसेंट 12% 18% 28% का होता था। अब वह कहीं पर 12% कहीं पर पांच प्रतिशत कहीं पर जीरो भी होगा। डेयरी में उपयोग होने वाली वस्तु है।जो डेयरी प्रोडक्ट्स है उन पर भी 12% और 18 परसेंट का जीएसटी था वह भी घटकर अभी 5% पर लाने का काम नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया। देश में साक्षरता का दर कुछ वर्षों में बहुत तेज गति से बढा है। और अब सरकार की मनसा यह है कि सामान्य तबके से आने वाले लोग भी अच्छी शिक्षा हासिल कर सके इस नाते सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग होने वाले अधिकतम वस्तुओं जिसमें पेन है कॉपी है किताबें हैं पेंसिल है रबर है इंस्ट्रूमेंट बॉक्स है या शिक्षा में उपयोग होने वाली अन्य जो वस्तुएं हैं उनका टैक्स जिस पर पहले से 12% का सिलेब था सरकार ने उसको भी घटाने का काम किया है।
और व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि जब समाज शिक्षित होगा तो समाज आगे बढ़ेगा और यह जो सुधार है यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी अग्रदूत क्रांति के रूप में देखे जानी चाहिए। दूसरा हम लोग ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोग हैं और हमारा अधिकतम समाज जो है वह कृषि कार्यों में लगा है कृषि के कई ऐसे उपकरण थे जिन पर पहले से 18% का टैक्स स्लैब लगता था मैंने ₹100 अगर है तो ₹100 में 18 रुपए टैक्स के रूप में जाता था आज सरकार ने कृषकों के लिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम किसानों की आय को दुगनिक करना चाहते हैं। ऐसे में हम लोगों ने कृषि पर लगने वाले जीएसटी 18% से घटा कर 5% पर कर दिया।
सरकार ने समाज के ऐसे लोग जिनके काम से जिनके मेहनत से एक प्रकार से टैक्स का कलेक्शन देश को मिलता है उन लोगों को भी राहत देने की कोशिश की है। अर्थव्यवस्था अगर मजबूत होती है तो देश के सामान्य लोगों को उसका लाभ मिलता है। नई जीएसटी से भारत सरकार को लगभग 1 लाख करोड रुपए का नुकसान होगा। हमारा लक्ष्य है कि समाज का सामान्य तबका मजबूत होकर सामने आए।सामान्य लोग मजबूत हो रहे हैं और इस सरकार में लोगों की आस्था बढ़ रही है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिवान जिला के प्रभारी लाल बाबू कुशवाहा जिला उपाध्यक्ष सत्यम सिंह सोनू भाजपा के मीडिया प्रभारी आदित्य कुमार पाठक सौरभ सिंह कुशवाहा इत्यादि लोग मौजूद रहे
यह भी पढ़े
चोरी के मामले में पुलिस टीम पर हमला:किशनगंज में 20 से 25 लोगों ने किया लाठी-डंडे से वार
कोचाधामन में पुलिस की कार्रवाई:ट्रक से 2841 लीटर विदेशी शराब जब्त, चालक फरार
पटना में फर्जी IPS अधिकारी गिरफ्तार, ठगी के कई मामलों का खुलासा, सोशल मीडिया से बढ़ाता था कनेक्शन