शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों में बढ़ा स्थायी साधनों के प्रति लोगों का भरोसा 

शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों में बढ़ा स्थायी साधनों के प्रति लोगों का भरोसा

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परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान 26 पुरुषों और 1078 महिलाओं ने चुनी नियोजन के स्थाई साधन की राह:

धीरे धीरे ही सही पुरुषों में बढ़ रही परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूकता:

श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):


जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य के तहत परिवार नियोजन संबंधी उपायों को बढ़ावा देना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसे लेकर नियमित अंतराल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले में बीते चार से 16 दिसंबर तक आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़ा बेहद सफल रहा। परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान 26 पुरुषों और 1078 महिलाओं ने नियोजन के स्थाई साधन की राह को अपनाया। इस पखवाड़ा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि पूर्व की अपेक्षा अब पुरुषों में जागरूकता बढ़ी है। साथ ही, शहरी के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी परिवार नियोजन के स्थाई साधनों के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। जिसके कारण लक्ष्य के अनुरूप कार्य किया जा सका है।

 

 

निःशुल्क उपलब्ध है नियोजन से जुड़ी तमाम सुविधाएंसी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि परिवार नियोजन स्वस्थ व समृद्ध परिवार का आधार है। क्योंकि परिवार का आकार छोटा रखने, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने का सुलभ व आसान जरिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन से संबंधित सभी जरूरी सुविधाएं लोगों को निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं। हाल के दिनों में परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। स्थाई साधनों के साथ गर्भ निरोध के अस्थाई साधन भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। धीरे धीरे ही सही पुरुषों में परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।

 

पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में सबसे सहज: डीपीएम
डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में दंपतियों को परिवार नियोजन की सभी प्रकार की विधि विशेषकर अस्थायी विधि की जानकारी दी जाती है। जिससे कि लोग इसका लाभ उठा सकें। अस्थायी विधि का उपयोग कर लोग पहले बच्चे तथा दूसरे बच्चे के बीच अंतर रख सकते हैं। इसके अलावा परिवार नियोजन परामर्श केंद्र द्वारा लोगों को स्थायी विधि के रूप में पुरुष नसबंदी की भी जानकारी दी जाती है। क्योंकि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में सबसे सहज और आसान है। इससे पुरुषों की पौरुषता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। स्थानीय अस्पताल में स्थायी व अस्थायी साधन हर समय उपलब्ध रहता है। अस्थायी साधन के रूप में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम आदि परिवार नियोजन परामर्श केंद्र में ही दंपतियों को उपलब्ध करा दी जाती है। उसके इस्तेमाल और सावधानियों की जानकारी समन्वयक, आशा एवं एएनएम के द्वारा दी जाती है।

पुरुष नसबंदी में एसडीएच सोनपुर और सीएचसी अमनौर अव्वल: डीसीएम
परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान अनुमंडल अस्पताल सोनपुर और अमनौर सीएचसी में पुरुष नसबंदी के सबसे अधिक मामले को निष्पादित किया गया है। जानकारी देते हुए डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उक्त दोनों सरकारी संस्थानों में पुरुष नसबंदी के पांच- पांच मामले निष्पादित हुआ है। वहीं, गरखा पीएचसी में चार व मढ़ौरा में तीन पुरुष नसबंदी कराया गया है। साथ ही तरैया, एकमा, जलालपुर, मांझी, मसरख, परसा और मकेर में एक-एक मामले को निष्पादित किया गया है। वहीं, दूसरी ओर महिला बंध्याकरण की बात करें तो जिले में 1078 महिलाओं ने स्थाई नियोजन की राह अपनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि पखवाड़ा के दौरान 46 दंपतियों ने पीपीएस व 1004 दंपतियों ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया। इस दौरान परिवार नियोजन संबंधी उपायों की मजबूती के लिये विभाग द्वारा गर्भनिरोधक गोली माला एन 37270 व छाया 27013 गोली वितरित की गयी। पखवाड़ा के दौरान करीब 107966 कंडोम वितरित किया गया है।

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