फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस का हुआ पारंपरिक स्वागत
श्रीनारद मीडिया स्टेट डेस्क
राष्ट्रपति मार्कोस आज प्रधानमंत्री मोदी के साथ दिन में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की भी वार्ता होगी। राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद यह मार्कोस की पहली भारत यात्रा है। शाम को वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। इस यात्रा में उनके साथ प्रथम महिला मैडम लुईस अरनेटा मार्कोस और एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें कई कैबिनेट मंत्री, अन्य गणमान्य व्यक्ति , वरिष्ठ अधिकारी और व्यापार प्रतिनिधि शामिल हैं। राष्ट्रपति मार्कोस आठ अगस्त को फिलीपींस लौटने से पहले बेंगलुरु भी जाएंगे।
भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। तब से दोनों देशों ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स और डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में एक मजबूत साझेदारी विकसित की है। दोनों देश क्षेत्रीय स्तर पर भी घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं, जिसमें आसियान के साथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी भी शामिल है।
फिलीपींस के साथ भारत के संबंध हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, विज़न ‘महासागर’ और हिंद-प्रशांत के हमारे दृष्टिकोण का एक अभिन्न स्तंभ हैं। राष्ट्रपति मार्कोस की राजकीय यात्रा, भारत-फिलीपींस राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। यह यात्रा दोनों नेताओं के लिए भविष्य के द्विपक्षीय सहयोग का मार्ग निर्धारित करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करने का एक अवसर है।
दोनों देश की नौसेनाएं करेंगी सैन्य अभ्यास
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि फिलीपींस और भारत के बीच कुछ नये रक्षा सौदों को लेकर विमर्श चल रहा है। मोदी और मार्कोस के बीच होने वाली बैठक में भावी रक्षा सौदों को ठोस रूप दिये जाने की संभावना है। यह भी बताते चलें कि फिलीपींस राष्ट्रपति की भारत दौरे के साथ ही दोनों देशों की नौसेनाएं दक्षिण चीन सागर में संयुक्त समुद्री अभ्यास शुरू करने को तैयार हैं।
आर्थिक मोर्चे पर आपसी संबंधों को भी दोनों देश नए तरीके से देखने की कोशिश करेंगे। हाल ही में अमेरिका द्वारा फिलीपींस के सामानों पर 19 फीसद शुल्क लगाए जाने के बाद, भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना मनीला के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। दोनों नेता व्यापार, निवेश, और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देंगे।