PM मोदी ने जनसांख्यिकी बदलावों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा

PM मोदी ने जनसांख्यिकी बदलावों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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देश के कई हिस्सों और खासकर सीमावर्ती इलाकों में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण जनसांख्यिकी संतुलन के बिगड़ने को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नया उच्चाधिकार प्राप्त जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने की घोषणा की है। यह मिशन घुसपैठ के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न होने वाले खतरे की पहचान, राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने और भारतीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इसके लिए मिशन कानूनी और प्रशासनिक रूप से जरूरी कदम उठाएगा और उनके क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग भी करेगा।

मिशन का गठन बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है

प्रधानमंत्री ने साफ किया कि मिशन एक निश्चित अवधि में यह काम पूरा करेगा। वैसे बिहार, असम और पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इस मिशन का गठन बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। दरअसल असम, पश्चिम बंगाल और बिहार के सीमावर्ती जिलों में पिछले कई दशकों से जारी घुसपैठ के कारण जनसांख्यिकी पूरी तरह से बदल गया है। अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए की वजह से इन जिलों में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ी है।

अभी तक इसे कानून-व्यवस्था की समस्या के रूप में देखा जाता रहा है और संवैधानिक रूप से कानून व्यवस्था राज्य का विषय होने के कारण इससे निपटने में केंद्र सरकार की भूमिका सीमित हो जाती थी।

अवैध घुसपैठ पर लालकिले से खूब बोले पीएम मोदी

पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले के प्राचीर से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया। इसकी ठोस वजह भी है। 2020 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों और दिल्ली दंगे के दौरान एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पूवरत्तर भारत को जोड़ने वाले संकरे भूभाग, जिसे चिकेन नेक भी कहा जाता है, को काटने की साजिश की बात की गई थी।इसके अलावा पिछले साल चीन के दौरे गए बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनुस ने भी चिकेन नेक की भी बात कही थी।

सूत्रों के अनुसार मोहम्मद युनुस के कार्यकाल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ बड़े पैमाने पर घुसपैठ के सहारे इस संकरे भूभाग को अस्थिर करने की साजिश रची है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री की घोषणा को काफी अहम माना जा रहा है।

 बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है अवैध घुसपैठ

बिहार में चुनाव आयोग के विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) के खिलाफ विपक्ष पहले ही हमलावर है। बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही एसआइआर को मिनी एनआरसी बताते हुए पश्चिम बंगाल में नहीं होने देने का ऐलान कर चुकी हैं। जाहिर है अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त मिशन पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव का नया मुद्दा बन सकता है।

रोडमैप में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के अवैध नेटवर्क को ध्वस्त करने, अंतरराज्यीय गैंगस्टर गिरोहों के खिलाफ निर्दयता के साथ कार्रवाई करने के साथ ही थाना स्तर पर जन समस्याओं को सुनने व निपटाने की पूरा प्रविधान मौजूद है।  दिल्ली की डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित दिल्ली-सुरक्षित दिल्ली के लिए दुगुनी गति से काम करेगी। बैठक में दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ की समस्या से निपटने पर विस्तार से चर्चा हुई।

नेटवर्क के खिलाफ होगी कार्रवाई

  • उन्होंने कहा कि दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के देश में घुसने से लेकर उनके दस्तावेज बनवाने और यहां रहने में मदद करने वाले पूरे नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • अमित शाह ने कहा कि देश की राजधानी में कानून-व्यवस्था में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और सब-डिविजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस सिलसिले में दिल्ली में सक्रिय अंतरराज्यीय गैंगस्टर गिरोहों पर भी चर्चा हुई।
  • शाह ने साफ किया कि इन्हें समाप्त करना दिल्ली की प्राथमिकता होनी चाहिए और उनके खिलाफ पूरी निर्दयता से कार्रवाई करनी होगी। इसी तरह से उन्होंने ड्रग्स तस्करी के मामले में टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी मामले में उससे जुड़े पूरे नेटवर्क का पता लगाकर ध्वस्त करना होगा।

खत्म हो गया ये नियम

दिल्ली में दशकों से किसी भी निर्माण के लिए दिल्ली पुलिस की इजाजत लेने का नियम चला आ रहा था। अमित शाह ने इसे तत्काल खत्म करने को कहा। शाह ने स्पष्ट निर्देश दिया कि दिल्ली में निर्माण से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होनी चाहिए।

इसी तरह से कानून-व्यवस्था से जुड़ी जनता की शिकायतों पर सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए अमित शाह ने डीसीपी स्तर के अधिकारी थाना स्तर पर जाकर जन-सुनवाई कैंप लगाने का निर्देश दिया और जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण करने को कहा। वहीं झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर में महिलाओं व महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए नई सुरक्षा समितियां बनाई जाएंगी, जिनमें पुलिस अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय लोगों की भी भागीदारी होगी।

जाम और जलभराव का होगा समाधान

अमित शाह ने 2020 के दिल्ली दंगों की सुनवाई में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए इसे जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने को कहा। इन मामलों के जल्द निपटान के लिए दिल्ली सरकार विशेष अभियोजक नियुक्त करेगी। शाह ने दिल्ली पुलिस में अतिरिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का भी निर्देश दिया।

बैठक में दिल्ली में रोजाना लगने वाले जाम व मानसून के दौरान जलभराव की समस्या पर भी चर्चा हुई। शाह ने दिल्ली पुलिस को रोजाना जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया और दिल्ली पुलिस आयुक्त व मुख्य सचिव को मिलकर इसका त्वरित हल निकालने को कहा। उन्होंने जलभराव के स्थानों को चिन्हित करने और इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार को ‘मानसून एक्शन प्लान’ बनाने को कहा।

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